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Mukesh Kumar
Mk haryanvi
live show पे जो मित्र अपनी बाते या समस्याएं या प्यार में हो रही नोक झोंक का आनंद लेना चाहते हैं वो लाइव शो में ज़रूर आए में हूके के संग आप का अभिनन्दन करता हूं जय गुरू गोरखनाथ ©Mk haryanvi जय गुरू गोरखनाथ #lotus
Deepak Mubarakpuri
thought writer DKSAYAR ©D.K. Sayar Multiple articles #गुनाहों_की_सजा भाग 20 #thought #writer #dk_sayar_multiple_articles #indianwriters
Ek villain
शराब से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कितनी चढ़ी है यह तो बिहार के शराब बंदी कानून के समय समय पर आने वाले अन्य बयानों में इस पर थे इधर सुप्रीम कोर्ट के सख्त रूख के कारण शराब बंदी कानून में शोध करना पड़ा लेकिन संशोधन पर चर्चा के दौरान नीतीश कुमार के भीतर के गांधी जाग गए उन्होंने विधानसभा परिसर में स्पष्ट रूप से कहा कि बापू के विचारों को नहीं मानते हुए नए हिंदुस्तानी नहीं मानता भारतीय नहीं मानता शराब पीने वाले महा पापी है महायोगी है हालांकि कुछ देर बार उन्हें महा पापी और महायोगी को पहली बार पीने पर जुर्माने के दायरे में रखा गया अब इस राज्य में पहली बार पीते पकड़े जाने वालों को जेल नहीं जाना पड़ेगा अगर वह 2000 से ₹5000 तक का जुर्माना भरने की आशा रखते हैं तो अगर जुर्माने की रकम चुकाने में सक्षम नहीं है तो बस 1 महीने की जेल और उसके बाद फिर बाहर इस कानून के पास होने के बाद महीने से जेल में बंद लोगों की किस्मत भी खुल गई ©Ek villain #महा पापी महायोगी पर बरसी रियासत #patience
Anjali Jain
अंग्रेजी को जेब में रखिये और अपनी सांस सांस में बसी हिन्दी का प्रयोग कीजिए,जब आवश्यक हो तभी अंग्रेज़ी को जेब से निकालिए उन अधकचरे लोगाें पर झाड़ने के लिए, जिन्हें दोनों में से किसी भाषा का अच्छा ग्यान नहीं हो और वहीं थोडी सी परिष्कृत हिन्दी शब्द सुनाई दे जाए तो उन्हीं हिन्दी शब्दों की हँसी उडाने लगते हैं, क्यों? क्यों कि उन्हें उनका अर्थ ग्यात नहीं! क्या कभी अंग्रेजी के ऐसे शब्दों की हँसी उडाते देखा है जिनका अर्थ उन्हें ग्यात नहीं ,तब तो शर्म से पानी -पानी होते देखा है लोगों को,ऐसी मानसिकता क्यों?? हिन्दी पूर्ण रूप से वैज्ञानिक भाषा है। इनके स्वर हमेशा एक ही रूप और मात्रा के रूप में प्रयुक्त होते हैं।'इ' ',इ 'है तो 'इ' ही है।'उ','उ 'है तो' उ 'ही है । अंग्रेजी की तरह नहीं कि 'A' का अ,ए,आ किसी भी रूप में उच्चारण हो सकता है। 'E' का भी अ,ए और इ की तरह । सभी स्वरों का 'अ' की तरह तो प्रयोग होता ही है। जब उनका रूप और प्रयोग हर जगह बदल सकता है तो वह वैज्ञानिक भाषा कैसे हो सकती है?? © Anjali Jain हिन्दी दिवस पर ....भाग 03 ॐ 20-09-21