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Sajid
शहीद कविता वचा कोई नही होता फ़टी छाती नही होती वहाँ गोली चली होती यहाँ लाशें बिछी होती कभी बन कर वहाँ साया कभी मौत चलती है कभी तो धुप होती है कभी तो रेत जलती है कभी भूखें कभी प्यासे कभी सोते नही हैं बो कभी हो कर अकेले हौसला खोते नही है बो अगर ऐसी वहाँ पर रात दिन गुज़री नही होती वहाँ गोली चली होती यहाँ लाशें बिछी होती ©Sajid शहीद कविता
Dinesh Kumar
मैं देश का रक्षक हूँ मैं देश का सैनिक हूँ मेरी देह पर वर्दी हो मेरे हाथों में हथियार हो। अजर रहे देश मेरा अमर रहे देश मेरा मेरे अंतिम शब्द हो मेरी अंतिम पुकार हो। मेरे देश का, मेरे अपनों का चारों ओर सम्मान हो। मेरे शौर्य पराक्रम की, कसमें खाई जाये देशवासियों की जुबां पर, बस मेरा ही नाम हो। मेरी अंतिम यात्रा में, लोगों का हुजूम हो आने वाले लोगों के, हाथों में तिरंगा हो। मेरी मृत्यु शैया पर फूलों की सेज हो या ना हो मेरा कफन तिरंगे का हो मेरा नाम शहीदों में हो। लकड़ियाँ चंदन की हो या ना हो मेरे होठों पर गंगा जल हो मेरे माथे पर देश की मिट्टी हो मेरा नाम शहीदों में हो। #शहीद #कविता #सैनिक #nojotohindi #देशभक्ति #poem #poetry #poems #poet
ASHOK KUMAR POET
शहीद (छोटी कविता ) नमन करें उन वीरों को जो, हस्ते हस्ते चड़ गए फासी पर । देश की खातिर जान पर खेले, न परवाह की जीवन की । मात पिता परिवार को छोडा लड़ने देश की आजादी को । आजाद बिसमिल भगत नेता ने जान गवाई देश की खातिर । अंग्रेजो से लड़ते लड़ते झेले कष्ट अपार । दीवाने इतने हो गए जो फासी जेल काला पानी क्या है ये सजा इसे भी भूले चढ़ गए देश की खातिर हस्ते हस्ते फाँसी पर । 11 जून शहीद बिसमिल साहब जी की जयन्ती पर सभी नोजोटो परिवार को बिसमिल साहब जी की जयन्ती पर बधाई हो । आगे अशोक कुमार poet शहीद (छोटी कविता )
Kavi niketan
मुठ्ठी बनाकर चार घूंसे दुश्मनों के नाम होंगे , "बाअदब अहले परस्ती" फिर वतन के काम होंगे! निशाँ सब खौफ के मिट जाएंगे फिर सरजमीं से, किस्से शूरता के जब शहीदों के जहां में आम होंगे !! जय हिंद Youtube/kaviniketan #republicday #कविता #देशभक्ति #शहीद
Ky
आज " शहीद दिवस " पर हिन्दुस्तान के उन लाखों - लाख वीर सपूतों को मेरा नमन 🙏 जो इस देश के खातिर अपनीं जान तक निछावर कर गये ! ऐसे आजादी नहीं मिलीं खुद की बलियाँ चढ़वाई हैं , शहीद भगत सिंह के जैसी नन्हीं कलियाँ चढ़वाई हैं , जब राजगुरु सुुखदेव से भी न आजादी की राह खुली , तब आजादी में संग श्रृंगार के पैजनियाँ चढ़वाई हैं , # कवि कुमार " यश " ©Ky शहीद दिवस कविता #WritersSpecial
meri kalam
#PulwamaAttack तन मेरा बिखर गया था..उस समय , लेकिन दिल तब भी धड़क रहा था वतन के ख़ातिर । शायद.. दिल भी चिल्ला रहा था.. किसकी सेवा करू किसकी रक्षा करु , मैं अपने लिए नही, अपने वतन के लिए मरु। किसको दू दोष किसका लु नाम, मेरी तरफ से इस शहादत को सलाम।। 👨✈️💪🇮🇳🇮🇳🇮🇳👨✈️💪 पुलवामा में शहीद सभी शहीदो को भाविनी श्रदांजलि।।
G Jagdish Kumar
तिरंगे से लिपटा सोया हूँ मैं मेरी माँ को प्यारा होगया हूँ मैं मेरी मौत ने भी दुश्मनों के साजिश में साथ दिया लेकिन मेरे जिस्म से बहते लहू ने भी उन्हें करारा जवाब दिया मैंने अपनो को छोड़ देश के लिए जिया क्योंकि इस मिट्टी में वो खुसबू है जिसने मुझे बेशूमार प्यार किया तपती गर्मी हो या कश्मीर की ठंडी मेरे देशवाशी सुरक्षित हो यही है मैंने ठानी पत्नी को मैंने कह रखा है सरहद उसकी इंतज़ार में है बेटे को तयार करना क्योंकि उसे इस पिता के संकल्प को है पूरा करना बहना से कहना आँको से आँसू बहने न दे रक्षाबंधन में राखी तिरंगे को बांध दे माँ से कहना मुस्कान सदा बरकरार रहे ताकी उसका शहीद बेटा हमेशा के लिए अमर रहे और हाँ " मेरी जोरू तुम इन सब का खयाल रखना " अब हर दीवाली तुम इन सब को खुशियो से रोशन रखना " वतन ए- मेरी माँ ने बुलाया है तिरंगे में मेरा एक नया घर जो बनाया है और तुम फिक्र मत करो मै हमेशा तुम्हारे साथ ही तो हूँ बस अपनी ये मुस्कान बनाये रखना पलको से आँसू बहने न देना क्योंकि तुम्हारे इन अश्को में मै जो बसा हूँ #चिट्ठी - एक शहीद जवान की #कविता #hunarhouse