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Rajendra Kumar Bairwa
जिंदगी में छलांग लगाकर सफलता नहीं पाई जाती है, सफलता के लिए तो एक-एक कदम ऊपर चढ़ना पड़ता है!! ।। नमस्कार ।। ©Rajendra Kumar Bairwa #जिंदगी में छलांग लगाकर सफलता नहीं पाई जाती है #life #happiness #enjoy #success #patience #rajbairwa275 #rajsir275
Fact Factory
OMG INDIA WORLD
🎀#मोहब्बत #कौन #करता #है 🎀 🎀 #कंहाँ #ये #पाई #जाती #है🎀 🎀#तमाशा #हो #रहा #है #ज़िन्दगी🎀 🎀#बहलाई #जाती #है !!🎀 ©OMG INDIA WORLD #OMGINDIAWORLD 🎀#मोहब्बत #कौन #करता #है 🎀 🎀 #कंहाँ #ये #पाई #जाती #है🎀 🎀तमाशा हो रहा है ज़िन्दगी🎀 🎀बहलाई जाती है !!🎀
M.S😊😊
तेरी आवाज सुन कर मेरे चेहरे पर वो चमक आती है ! जैसे की उन सितारों में पाई जाती है ! मेरी जान की मुस्कान भी क्या कहर ढाती है! वो मुस्कुराती है तो कलियां खिल खिल जाती है! #gif MERE DILL KI AAWAJ तेरी आवाज सुन कर मेरे चेहरे पर वो चमक आती है ! जैसे की उन सितारों में पाई जाती है ! मेरी जान की मुस्कान भी क्या कहर ढा
Rohit Thapliyal (Badhai Ho Chutti Ki प्यारी मुक्की 👊😇की 🙏)
इस चित्र को देखकर एक कहावत याद आ रही है, आगे की पंक्तियों में वही लिखी जा रही है- "शतरंज और जीवन के खेल में एक समानता पाई जाती है, कि खेल से छुट्टी हो जाने के बाद हर किसी की एक ही डब्बे में समा जाने की बारी आती है" अब्बा-डब्बा-चब्बा है! हम सबने छुट्टी होते ही नपना है!! _बधाई हो छुट्टी की by रोहित थपलियाल इस चित्र को देखकर एक कहावत याद आ रही है, आगे की पंक्तियों में वही लिखी जा रही है- "शतरंज और जीवन के खेल में एक समानता पाई जाती है, कि खेल स
Saurabh Singhal
भारत की ऊर्जा राजधानी के रूप में प्रसिद्ध सिंगरौली मध्यप्रदेश का एक ऐसा जिला है जो पूरे देश को ऊर्जा की आपूर्ति करता है। यहां पूरे विश्व की
शब्दिता
स्त्री के प्रति सोच.... नारी के प्रति जिस सोच का भारत में बोलबाला है। वह सोच दोगलेपन का शिकार है। स्त्री के प्रति सोच की निम्नतम स्थिति पुरुषों से अधिक नारियों में
Harshit kashyap
ना जाने कितनी बेड़ियों से गुजर के तू नारी कहलाती है, नानी, दादी, माँ, दोस्त, बहन, बन कर हर रिश्ते बाखूब निभाती है। गर आए आँच दामन पर, तू माँ काली बन जाती है। वाह रे! कोमल स्त्री, तू कितने रूप दिखाती है। कोई भी भेष हो तेरा, बस संस्कार ही तो सिखाती है। सकल जगत के सृजन की क्षमता, तुझमें ही पाई जाती है। जब जब बढ़ा आतंक का मैल, संहार कर तूने सबक भी सिखाती है। हर रिश्तों के माले को पिरोकर, ममतामई मोती कहलाती है। बन कर गृहिणी तू, हर घर में खुशियाँ लाती है। तेरे माथे की तेज से तो, हम सबमें ऊर्जा आती है। क्या हीरे से तौलू तुझे, तू हीरे से ज्यादा चमक पाई है। तू है इतनी शक्तिशाली, ये अब तक समझ ना आई है। कितना कुछ सह कर, तू एक ' महिला ' कहलाई है। ना जाने कितनी बेड़ियों से गुजर के तू नारी कहलाती है, नानी, दादी, माँ, दोस्त, बहन, बन कर हर रिश्ते बाखूब निभाती है। गर आए आँच दामन पर, तू माँ