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Shayar Rizwan
कितना गिर गया तू बड़ा कमज़र्फ निकला तू जितना सोचा था उस से भी बड़ा दोगला निकला तू तेरे घर में आग लगी है तुझको फिक्र नहीं तेरी बेटियों को नंगा घुमाया गया तेरी आंखों में शर्म नही औरों की बड़ी फिक्र करता है तू बड़ी तकलीफ़ आंखों में आसूं और मातम करता है तू जिस देश का खाया नमक और बेच रहा है जिसको तू थोड़ी फिक्र इसकी भी करले खुद को इस धरती का लाल कहेता है तू कहते है कानून अंधा होता है तूने ये झूठ है साबित करदिया अंधी तो सरकार भी होती है तूने ये ज़ाहिर कर दिया अब सिर्फ़ ताना शाही चलेंगी लगता है तू ये सोच के बैठा है तु अपने अंजाम से गाफिल बैठा है अपने आप को फिरोन भी खुदा समझता था उसका अंजान क्या हुआ लगता है तू ये भूल के बैठा है ©Shayar Rizwan फलस्तीन
Shayar Rizwan
#MessageOfTheDay या अल्लाह रहम कर फलस्तीन पे वहां की आबो हवा ज़मीन वहां की कौम पे फिर अबाबील का लश्कर भेज दे कर उनकी हिफाज़त दुश्मन को तबाह कर दे देखो वो खाके फलस्तीन हो गए मासूम बच्चे मां बहने शहीद हो गए वाह क्या मुजाहिद है जो बंजर ज़मी पे पैदा हुए हस्ते हस्ते मस्जिद ए अक्सा पे कुर्बान हो गए ©Shayar Rizwan फलस्तीन 1
Manmohan Dheer
खबरें पूछिये उनकी जो अखबारों में नही होते क़ीमती तो वो भी है जो बाजारों में नही होते . माइने मंज़िलों के जानते हैं हौसले जिनके ख़ाली हाथ लिए भी वो लाचारों में नही होते . मुरझा ही जाते हैं जिस्म हालातों की मार से कुम्हलाए चेहरे भी अक्सर बीमारों में नही होते . किताबों की हिफाज़त में रहते दिल के करीब यादों से महकते गुल कभी बहारों में नही होते . मुस्कुराहटें बांटता फिरता है धीर, पागल कहो फिक्र करते चेहरे सब तीमारदारों में नही होते . खबरें
Dhiraj Choudhary
वैसे तो तेरे हर खबरों के खबर को लिख दूँ अखबार में , लेकिन हलचल तब और हो जाएगी, जब सच आजाएगी बाजार में ! खबरें, अखबार
Shyamal Kumar Rai
खबरें अब अख़बार में छपने से पहले बासी हो जाती हैं। तड़का जो ख्याली मसालों का लग जाए तो वो फिर से चटखारी अच्छी खासी हो जाती हैं। खबरें #MasalaNews
Naveen Mahajan
"खबरें" तेरे आने की खबर फिर कुछ नज़में लेके आयी है. मिज़ाज खुशनुमा सा है तरोताज़ा है, अब जो है बड़ी मीठी सी तनहाई है। नज़मों के हैं चार दौर अभी का, आने भर का फिर से जाने का. चौथा सिफ़र जैसा है वही गमसुम, स्याह मौसम खुद अपनी जग-हंसाई का। ये नज़में गुनगुनाने का तेरी कोई खबर पाने का. बुझी सी आंख में ओझल कोई तारा बुलाने का. या नाउम्मीदी की गोदी में उम्मीदें मौत से करते हमें अपना बनाने का। ये उम्मीदें भी मौतों की हमेशा काम आयी हैं. सिफ़र के बाद हरदम ये कुछेक नज़में लायी हैं. तेरे जाने के अक्सर बाद तेरी खबरें जो आयी हैं। #NaveenMahajan #veins #खबरें