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परवाज़ हाज़िर ........

#SAINT_NICHOLAS_DAY #HUmanity दिसंबर को, सेंट निकोलस दिवस तीसरी शताब्दी के संत को मान्यता देता है जो आधुनिक सांता क्लॉस के लिए प्रेरणा बन #Thoughts

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Humanity is sent nikolas ko apanee saaree sampatti bechane 
aur gareebon ko apana paisa dene ke lie jaana jaata hai ! 
  ek dharmanishth eesaee ke roop mein pale-badhe, 
sent nikolas ne  apana poora jeevan
 beemaaron aur peediton kee seva ke lie samarpit kar diya.  
sent nikolas ke baare mein pauraanik kahaaniyaan
 baad me aadhunik saanta klos ke lie
 prerana ka hissa ban gaeen !

©G0V!ND DHAkAD #SAINT_NICHOLAS_DAY
#HUmanity 


दिसंबर को, सेंट निकोलस दिवस तीसरी शताब्दी के संत को मान्यता देता है जो आधुनिक सांता क्लॉस के लिए प्रेरणा बन

Mo. Asiph

#international_womens_day लेकिन 8 मार्च ही क्यों? ये सवाल तो आपके ज़हन में भी उठता ही होगा कि आख़िर 8 मार्च को ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस #story

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लेकिन 8 मार्च ही क्यों?

ये सवाल तो आपके ज़हन में भी उठता ही होगा कि आख़िर 8 मार्च को ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाया जाता है? दरअसल, क्लारा ज़ेटकिन ने महिला दिवस मनाने के लिए कोई तारीख़ पक्की नहीं की थी.

1917 में युद्ध के दौरान रूस की महिलाओं ने 'ब्रेड एंड पीस' (यानी खाना और शांति) की मांग की. महिलाओं की हड़ताल ने वहां के सम्राट निकोलस को पद छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया और अंतरिम सरकार ने महिलाओं को मतदान का अधिकार दे दिया.

उस समय रूस में जूलियन कैलेंडर का प्रयोग होता था. जिस दिन महिलाओं ने यह हड़ताल शुरू की थी वो तारीख़ 23 फ़रवरी थी. ग्रेगेरियन कैलेंडर में यह दिन 8 मार्च था और उसी के बाद से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाने लगा. #international_womens_day लेकिन 8 मार्च ही क्यों?

ये सवाल तो आपके ज़हन में भी उठता ही होगा कि आख़िर 8 मार्च को ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस

Writer1

इतिहास गवाह है हमारी गाथाओं का, क्या क्या करूं वर्णन अपनी कविता में, निकोलस जेम्स वुजिकिक एक प्रेरक वक्ता है, जो टेट्रा-अमेलिया सिंड्रोम के #czविशेष_प्रतियोगिता

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विकलांगता 
********************
अखिलेश्वर कि हम भी देन हैं,
ना करो हमसे गिरना आखिर हम भी इंसान हैं,
विकलांग हुए तो क्या हुआ सोच तो विकसित है,
हर क्षेत्रों में नाम हमारा ही गौरवंत हैं।

शेष अनुशीर्षक में पढ़ें
👇👇👇👇👇👇👇 इतिहास गवाह है हमारी गाथाओं का,
क्या क्या करूं वर्णन अपनी कविता में,
निकोलस जेम्स वुजिकिक एक प्रेरक वक्ता है,
जो टेट्रा-अमेलिया सिंड्रोम के
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