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Prashant Mishra

दुर्गेश भैया प्रधान का प्रचार

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मचल बिरोधियन में सानसनी
लड़िहें दुर्गेश भइया परधानी
इनके लहर उड़ता अबकी हउवा में
अबकी बिकास होइ गउआँ में
दुर्गेश भैया जितिहें चुनउआँ में...

पानी के हो जाई पूरा निकासी
पल्हनी के जनता से मिली शबाशी
मिटी बदहाली बनी,कुल हाली हाली बनी,
पानी निकारे खातिर साफ-सुथर नाली बनी
पानी के हो जाई...पूरा निकासी
पल्हनी के जनता से मीली शबाशी
फिर रहिएगा साफ-सुथर चमकउआ में

बिजली के नया-नया खम्भा तनाई
गली-गली में आरसीसी बिछाई
तनिको ना टेंशन मिली, बुढवन के पेंशन मिली
गाँवे के कोटवा पे समय-समय से राशन मिली
बिजली नया नया...
आइयेगा नहीं केहु के बहकउआ में

रामपुर से लेकर के कोमल कलोनी
लखनऊ जईसे चमकी आपन पल्हनी
पूरा हर आस होई, सबके बिकास होई
बूढ़-पुरनियन के बृद्धा पेंशन पास होइ
रखिहा भरोसा बस आपन बेटउआ में
अबकी विकास होइ गउआँ में
दुर्गेश भइया जितिहें चुनउआ में

--प्रशान्त मिश्रा दुर्गेश भैया प्रधान का प्रचार

'मनु' poetry -ek-khayaal

पदार्थ #Quote

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सकल ब्रम्हाण्ड, समस्त ऐश्वर्य, पदार्थ ही है, तो ईश्वर 
पदार्थ से परे कैसे ?
' मनु ' पदार्थ

Ek villain

# प्रकाश पर्व #ChildrensDay

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प्रकाश अपने आप में पूर्ण शब्द है यह जीवन का पर्याप्त है ज्ञान का प्रकाश हो या दीपक का प्रकाश हां यह दोनों का समान अधिकार है अज्ञान को दूर करने में यहां अंधकार को दूर करने में प्रकाश का योगदान होता है तथा प्रकाश की उपस्थिति से अंधकार समाप्त हो जाता है ज्ञान की उपस्थिति से अज्ञान का अस्तित्व नहीं रहता संसार में दो ही स्थितियां है प्रकाश की उपस्थिति और प्रकाश का अभाव प्रकाश के प्रकृति से ही प्रकाश का अभाव समाप्त हो जाता है प्रकाश पर्व को अधिक प्रकाशित करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह स्वयं में परिभाषित है दीपक संसार को यह संदेश देता है कि दूसरों के लिए जलना भी एक महान आदर्श और मूल सिद्धांत है इसे हर प्राणी को धारण करना होगा अन्यथा तामीर छाया जीवन के रस को सुखाकर निर्जीव बना सकती है ईश्वर की सत्ता और ज्ञान की गंगा का प्रतीक यह प्रकाश संसार भर को आलोकित कर रहा है आंखों से देखना चाहे तो प्रकाश ही दिखेगा अंधकार नहीं दीपक का तेज तो प्रज्वलित है वह ऊर्जा का बिंदु है इसी तरह ऊर्जा का केंद्र वह परम शक्ति ही सभी प्रकाश को शक्ति का प्रतिनिधि माना गया है और प्रकाश पर्व ऐसी शक्ति के प्रतीक बन गया दीपावली इन सभी प्रकाश पर्व पर सर्वोपरि है दीपों की जगमगाती संख्याएं दीपावली को अद्वितीय बना देती है वास्तव में दीपाली परम सत्य के अस्तित्व का पर्व है जब देवगण मिलकर बार-बार अभिनंदन करते हैं यह दिवाली लोग के स्वस्थ और संपन्नता की भी वाहक है वहीं इसे प्रभु तत्व को स्वीकार करने के लिए समर्थको अद्भुत साहस की गाथा माना गया है दिवाली ने सफलता विजय धर्म सत्य ईश्वर और परमानंद के लक्ष्य की राह बनाई है दीपों का त्यौहार पृथ्वी की समस्त बुराइयों गलतियों अज्ञान संदेश भ्रमों को तोड़ने वाला है यह मानवता के सभी प्रदेशों का उत्सव है

©Ek villain # प्रकाश पर्व

#ChildrensDay

Ganesh Din Pal

# प्रकाश पर्व दीपावली 🪔 #समाज

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Ek villain

# प्रकाश पर्व दिवाली #Diwali

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छोटे-छोटे दिए जलाकर गहन अंधकार से लड़ने का संदेश देते हैं प्रकाश का यह पर्व आत्म प्रकाश का संदेश देता है जीवन की राह पर चलने के लिए हमें प्रकार की आवश्यकता होती है इसके लिए हमें स्वयं की मशाल जलाने पड़ती है यहां हो सकता है कि हम अपनी मशाल जलाने के लिए किसी प्रज्वलित मसाल का सहारा ले पर हमें अपनी राह पर अपने ही प्रकाश क्षेत्र के सहारे चलना पड़ता है हम दूसरे के प्रकार क्षेत्र के सहारे चलेंगे तो हो सकता है कि उसकी मंजिल आ जाए या वह किसी मोड़ पर दूसरी ओर मुड़ जाए और हमारी राह में अंधेरे ही अंधेरे हो जाएं गौतम बुद्ध के प्रिय शिष्य आनंद ने एक बार पूछा कि जब पृथ्वी पर आप जैसे मार्ग दिखाने वाला कोई नहीं होगा तो हम किस जीवन के सहारे चलेंगे तब बुद्ध ने कहा था कि अपना प्रकाश स्वयं बनाओ वैसे भी कोई किसी के लिए सदैव मार्ग परत नहीं कर सकता आत्म ज्ञान के प्रकाश के सहारे ही सत्य के मार्ग पर आगे बढ़ने जा सकता है किसी भी व्यक्ति का अंदरूनी करण कदापि उचित नहीं हो सकता हमें समझना चाहिए कि जिस व्यक्ति का अनुसरण हम कर रहे होते हैं वह अपनी परिस्थितियों से उससे जो बनाना था या उससे जहां पहुंचना था वहां पहुंच गया होता है हमें अपने लक्ष्य पर स्वयं जाना होता है अपने प्रकार के सहारे वास्तव में कोई उधार की रोशनी से स्थाई रूप से अपने घर को रोशन नहीं कर सकता वैसे भी कोई प्रकाश जीवन की ऋण हमारे साथ नहीं रहता सूर्य का प्रकाश दिनभर रहता है परंतु रात के लिए हमें दीपक बनना पड़ता है और हमें रेंस जब सूर्य उपस्थित नहीं होता खुद के लिए प्रकाश की व्यवस्था करते हैं आत्मज्ञान वैसे ही प्रकाश है जो हमें स्वयं हमारे रास्ते पर पथ प्रदेशिक का काम करता है जब तक व्यक्ति को आत्मज्ञान नहीं होता तब तक मैं अपने जीवन के लक्षित यात्रा पर चल नहीं सकता

©Ek villain # प्रकाश पर्व दिवाली

#Diwali

varsha Mahananda

प्रकाश पर्व 🪔 #Diwali

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कुछ दीपक उनके लिए भी जरूर रौशन कर देना,
जो अंधेरे में भी चाहते हैं आंखों में सपने सजा लेना।

©varsha Mahananda प्रकाश पर्व 🪔

#Diwali
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