Nojoto: Largest Storytelling Platform

New विभीषण Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about विभीषण from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, विभीषण.

    PopularLatestVideo
44300b5a7166782aab69f8cd86cea439

Ankur Singh

रावण या विभीषण
#LostLegends

रावण या विभीषण #LostLegends #समाज

67 Views

558be66a8384672af957db788d4d51d1

Ghumnam Gautam

विभीषण जानते लंकेश की थे लात का मतलब
बताएँगे नयन विरहन के तुमको रात का मतलब
पटकना सर,बहाना अश्क़ बिल्कुल व्यर्थ है सुन लो―
कहीं पत्थर भी समझे हैं कभी जज़्बात का मतलब!

©Ghumnam Gautam #विभीषण
#ghumnamgautam 
#पत्थर
#विरहन
fdb2284487d69d681207a9696d3e664d

yunhi_likhdiya

 प्रण और विभीषण 🧡
#yunhi_likhdiya #shayari

प्रण और विभीषण 🧡 #yunhi_likhdiya #Shayari #nojotophoto

38 Love

e31fdc369bae85a0929a165e3ecebe3d

Anjali Jain

माना कि मेघनाद व कुंभ करण ने रावण का साथ दिया और अपने पुत्र व भाई होने का दायित्व निभाया, इस हेतु वे यश के पात्र हैं! उन्होंने बहुत जोर - शोर से अपना पक्ष रखा और विभीषण को बहुत गलत व बुरा ठहराया, लेकिन इस नजरिए से ये सब उचित ठहराने वाले ये क्यों नहीं सोचते कि _अगर उन्हें रावण का साथ देना चाहिए था तो क्या रावण को कुंभ करण व विभीषण की सही बात को नहीं मानना चाहिए था! एक - दो नहीं, सभी बड़े बुजुर्गों ने, शुभ चिंतकों ने उन्हें सीता को लौटा देने का आग्रह किया किन्तु रावण टस से मस नहीं हुआ, ऎसे में अगर रावण गलत नहीं तो विभीषण भी गलत नहीं!
अगर इस बात को किसी भी दृष्टि से 
सही माना जाए तो, स्वाभाविक रूप से कोई भी व्यक्ति गलत रास्ते की ओर आसानी से जाता है और चूँकि गलत रास्ता, सही रास्ते से आसान ही होता है! अगर सभी गलत का साथ देकर अपने आपको सही साबित करने लग जाएं तो दुनिया में अपराधों की बाढ़ ही आ जाएगी!
सच तो ये है कि विभीषण जैसे लोगों पर ही ये धरती टिकी है भले ही व्यक्तिगत स्वार्थ व सांसारिक लाभों के लिए कुछ भी कहा जाए!! #विभीषण का औचित्य #अपराधों की बाढ़ #17. 04.20

#विभीषण का औचित्य #अपराधों की बाढ़ 17. 04.20

17 Love

50f5f0edbfe71f2280f75b99cd9ada00

एक शेतकरी बिब्या

मेरी कविताएं..

प्रेम में सिर्फ़..

✍️..विभीषण गिरी

मेरी कविताएं.. प्रेम में सिर्फ़.. ✍️..विभीषण गिरी

67 Views

090b764ed9b26363c294a6f00f8d2526

Struggling Thakur

मुझे कुछ खास मुहब्बत नहीं है
दुनिया के फसानों से 
बस जो करते हैं हमसे 
हम उनसे कर लेते हैं 
दुनिया रखें अपना छल प्रपंच
मुहब्बत के आड़ में 
रचे साजिश हजार 
हम तो पूर्ण समर्पण विग्रहविहीन 
छल प्रपंच से  परे 
प्रेम निभाते हैं 
पर है दुनिया जालिम 
हर बार कोई अपना विभीषण निकल जाता है
खैर रावण भी कब तक ढूंढे कोई और कुंभकर्ण.........

©Struggling Thakur
  फिर कोई अपना विभीषण निकल गया #Poetry #Love #Friendship

फिर कोई अपना विभीषण निकल गया Poetry Love #Friendship #विचार

27 Views

e076f3fe6dd68a37710a6723b1e51b54

mksmahi

धर्म यह भी नहीं विभीषण कि बैरी आगे झुक जाऊँ।
राज का मोह लिए घर का भेद खुल खुल के बतलाऊँ।
कोटि कोटि धन्यवाद तुझे तुमने तात को धर्म समझाया।
स्वयं अपमानित होकर भी राम भक्ति का महत्व बतलाया।
पर निकाल दिया तात ने घर से तो इतना काम किया होता।
वहीं देहरी पर बैठ कर अन्न जल प्राण त्याग दिया होता।
तू तो था बड़ा धर्मात्मा रामभक्त, तुझको क्या डर था।
हमारा अंत होना ही था, पर तेरी मुक्ति होना तो तय था।
पर हे भाई कैसा अपना ये अहित तुमने कर डाला।
अपने नाम को अपने हाथों ही कलंकित कर ड़ाला।
तेरी रामभक्ति और धर्म को हर कोई भूल जायेगा।
कलयुग में तू घरभेदी और कायर विभीषण कहलायेगा।। कुम्भकर्ण - विभीषण संवाद रामायण के प्रसंगो पर आधारित कुम्भकर्ण विभीषण संवाद मेरे शब्दों में।
#ramayan #hindipoetry #kumbhkaran #vibhishan #र

कुम्भकर्ण - विभीषण संवाद रामायण के प्रसंगो पर आधारित कुम्भकर्ण विभीषण संवाद मेरे शब्दों में। #ramayan #hindipoetry #kumbhkaran #vibhishan#nojotohindi #yqmksmahi #ramaynprasang

4 Love

22ece64f49dfa377b574948512238884

Dr Ashish Vats

हर तरफ धुआं - धुआं सा है,,
जरा सी रोशनी अता तो हो..
समंदर पार रावण पर नजर है मेरी 
घर के विभीषण का पता तो हो..
                           ©drVats युद्ध.. विभीषण.. #drVats #coronawarriors #lockdownstories #corona #doctor #CoronaWarrior #desh_prem #social_issues #quotes #talk
63b504ab3c267631c556c47be935e993

Inderdev Singh

रावण अपने छोटे भाई विभीषण को लात मार के अपने राज्य से निकाल दिया

रावण अपने छोटे भाई विभीषण को लात मार के अपने राज्य से निकाल दिया

638 Views

e08dcb22bdcef3dc2aab0b856dc4f2e0

RAKESH KUMAR. SINGH

किसान भाई विभीषण को पकड़ लो कृषि बिल में संशोधन सम्भव ⚖️............ #VIP #कृषि

किसान भाई विभीषण को पकड़ लो कृषि बिल में संशोधन सम्भव ⚖️............ #VIP #कृषि

107 Views

ac223a202077f1210a6d53e3bdd499f3

#maxicandragon

रामराज्य मे भी मै खानदानी रावण निकला
मेरा हर कोई अपना, कुम्भकरण विभीषण निकला

#साधारणमनुष्य #Sadharanmanushya

©#maxicandragon रामराज्य मे भी मै खानदानी रावण निकला
मेरा हर कोई अपना, कुम्भकरण विभीषण निकला

#साधारणमनुष्य #Sadharanmanushya

रामराज्य मे भी मै खानदानी रावण निकला मेरा हर कोई अपना, कुम्भकरण विभीषण निकला #साधारणमनुष्य #Sadharanmanushya

7 Love

682d550ab26f0ac40b1474517cd78588

Akib Javed

हमें  मालूम  है  छल  कर  रहा है वो,
विभीषण साथ रहता है यूं रावण के।

-आकिब जावेद

©आकिब जावेद हमें  मालूम  है  छल  कर  रहा है वो,
विभीषण साथ रहता है यूं रावण के।

-आकिब जावेद

#Dussehra2020 #Nojoto #आकिब #akib

हमें मालूम है छल कर रहा है वो, विभीषण साथ रहता है यूं रावण के। -आकिब जावेद #Dussehra2020 #आकिब #akib

24 Love

41d118899e30449d9543d6a98ff61ef7

N S Yadav GoldMine

{Bolo Ji Radhey Radhey}
जब मेघनाथ ने विभीषण पर चलाया यम अस्त्र आज, मैं उसी के बारे में आपको बता रहा हूँ !! 🌞🌞
आपका एन एस यादव :-
यम अस्त्र:-🌅 मेघनाथ अपने पिता रावण की आज्ञा का हमेशा पालन करता था व उनके गलत होने के पश्चात भी उसने हमेशा उनका साथ दिया था। जितना वह अपने पिता का सम्मान करता था, उतना ही वह अपने चाचा विभीषण से द्वेष रखता था, क्योंकि उसके चाचा विभीषण ने उसके पिता, कुल, समाज व देश के साथ विश्वासघात किया था।

🌅 जब मेघनाथ ने लक्ष्मण को शक्तिबाण के प्रहार से मुर्छित कर दिया था, तब वह बहुत प्रसन्न था, लेकिन विभीषण ने लंका के वैद्य सुषेण की सहायता से लक्ष्मण को स्वस्थ कर दिया था। इसके अलावा भी मेघनाथ को विभीषण के द्वारा श्रीराम की सेना की कई प्रकार से सहायता करने के कारण क्रोध था, जिसका बदला वह लेना चाहता था। आज हम उसी के बारे में आपको बताएँगे।

जय श्री राम जी:-मेघनाथ का विभीषण पर आक्रमण:-
🌅 मेघनाथ युद्ध में जाने से पहले लंका के गुप्त स्थान पर बने अपनी कुलदेवी माता निकुंबला देवी का यज्ञ कर रहा था, जिसके पश्चात उसे हरा पाना असंभव था, लेकिन विभीषण को इसका पता चल गया था। यदि यह यज्ञ सफल हो जाता तो युद्ध का परिणाम कुछ और होता। किंतु विभीषण ने लक्ष्मण के साथ मिलकर उस यज्ञ को असफल करवा दिया था, जिसके कारण मेघनाथ विभीषण के प्राण लेने को आतुर हो उठा।

मेघनाथ विभीषण संवाद:-🌅 यज्ञ के असफल होने के पश्चात जब वह युद्ध भूमि में आया तो विभीषण को देखकर अत्यंत क्रोधित हो उठा। उसने विभीषण को कई कटु वचन कहे व अपने कुल से विश्वासघात करने के लिए उसे धिक्कारा। विभीषण ने भी उसे अधर्म का साथ देने के लिए आलोचना की। इससे क्रोधित होकर मेघनाथ ने अपना शक्तिशाली यम अस्त्र निकाला व विभीषण पर चला दिया।

लक्ष्मण को कुबेर ने बतायी थी इसकी काट:-🌅 रावण के बड़े व सौतेले भाई कुबेर ने लक्ष्मण को पहले ही इस बारे में सचेत कर दिया था, कि रावण के  पुत्र मेघनाथ ने यम अस्त्र को बचाया हुआ है, जिसे वह युद्ध भूमि में विभीषण को मारने के लिए छोड़ेगा। इसलिये कुबेर ने उस अस्त्र की काट पहले से ही लक्ष्मण को बता के रखी थी।

लक्ष्मण ने काटा यम अस्त्र:-🌅 चूँकि श्रीराम ने विभीषण की सुरक्षा का भार लक्ष्मण को ही सौंपा हुआ था व कुबेर पहले से ही उन्हें इस अस्त्र की काट बता कर चला गया था। इसलिये जैसे ही मेघनाथ ने विभीषण पर यम अस्त्र को छोड़ा उसी समय लक्ष्मण ने भी मंत्र पढ़कर उस अस्त्र को काट डाला। इस प्रकार विभीषण के प्राणों की रक्षा हो सकी।

©N S Yadav GoldMine
  #watchtower {Bolo Ji Radhey Radhey}
जब मेघनाथ ने विभीषण पर चलाया यम अस्त्र आज, मैं उसी के बारे में आपको बता रहा हूँ !! 🌞🌞
आपका एन एस यादव :-

#watchtower {Bolo Ji Radhey Radhey} जब मेघनाथ ने विभीषण पर चलाया यम अस्त्र आज, मैं उसी के बारे में आपको बता रहा हूँ !! 🌞🌞 आपका एन एस यादव :- #पौराणिककथा

117 Views

7dae1e15bf6fea8d02653c761c20bea0

Pardeep Singhal

रामायण में विभीषण के अनूठे एवं अनुपम किरदार का चित्रण करती मेरी यह कविता विभीषण की व्यथा एवं श्री राम के प्रति भक्ति भाव का सुंदर शब्दों में वर्णन करती है।
विभीषण ने अपने कर्तव्य निष्ठा के चलते धर्म एवं सत्य की प्रतिष्ठा बचाने के लिए जो किया वह तर्कसंगत है या नहीं यह सभी के निजी विचारों पर निर्भर करता है। मैंने अपने इस छोटे से प्रयास से विभीषण का पक्ष एक कविता के रूप में रखा है।
मेरा निवेदन है कि इसे अधिक से अधिक शेयर करें। https://youtu.be/NO05ckhq41U

रामायण में विभीषण के अनूठे एवं अनुपम किरदार का चित्रण करती मेरी यह कविता विभीषण की व्यथा एवं श्री राम के प्रति

https://youtu.be/NO05ckhq41U रामायण में विभीषण के अनूठे एवं अनुपम किरदार का चित्रण करती मेरी यह कविता विभीषण की व्यथा एवं श्री राम के प्रति #Poetry #poem #poetrycommunity #writersblock #kavita #mywords #urdu #rekhta #hindinama #wordpress

18 Love

923052390c0daf5ba0a26b0ff784a6a2

OMG INDIA WORLD

#RIPRohitSardana रामायण में दो व्यक्ति थे, एक विभीषण और एक कैकेयी, विभीषण रावण के राज में रहता था, फिर भी नहीं बिगड़ा,

कैकेयी राम के राज में रहती थी, फिर भी नहीं सुधरी, तात्पर्य सुधरना और बिगड़ना केवल मनुष्य की सोच और स्वभाव पर निर्भर करता है।

©OMG INDIA WORLD रामायण में दो व्यक्ति थे, एक विभीषण और एक कैकेयी, विभीषण रावण के राज में रहता था, फिर भी नहीं बिगड़ा,

कैकेयी राम के राज में रहती थी, फिर भी

रामायण में दो व्यक्ति थे, एक विभीषण और एक कैकेयी, विभीषण रावण के राज में रहता था, फिर भी नहीं बिगड़ा, कैकेयी राम के राज में रहती थी, फिर भी #RIPRohitSardana

9 Love

953a1dbe952f222d8342bbcde3adc231

Manohar Das

 रावण से 33 करोड़ देवता डरते थे लेकिन विभीषण नहीं
क्योंकि वह पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब का भगत था और पूर्ण संत का शिष्य डरता नहीं।

रावण से 33 करोड़ देवता डरते थे लेकिन विभीषण नहीं क्योंकि वह पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब का भगत था और पूर्ण संत का शिष्य डरता नहीं। #nojotophoto

4 Love

f53ae2b450bc5e7a9ef46fbb1728782d

one sided love

क्यों कि अगर मैं रावण हूं तो मेरे लिए तुम्हारा लक्ष्मण होना तो व्यर्थ होना है मेरे लिए तो तुम्हारा विभीषण होना ही मोक्ष होना है मुक्त होन

क्यों कि अगर मैं रावण हूं तो मेरे लिए तुम्हारा लक्ष्मण होना तो व्यर्थ होना है मेरे लिए तो तुम्हारा विभीषण होना ही मोक्ष होना है मुक्त होन

undefined Views

80fc95efd36dbbc267dc05d922ed3a9d

Aman Kumar

संगत से इंसान का स्वभाव पर कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि विभीषण रावण के साथ रहकर भी नहीं बिगड़ा और कैकेयी राम के साथ रहकर भी नहीं सुधरी

©Aman Kumar
  संगत से इंसान का स्वभाव पर कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि विभीषण रावण के साथ रहकर भी नहीं बिगड़ा और कैकेयी राम के साथ रहकर भी नहीं सुधरी
#Shaya

संगत से इंसान का स्वभाव पर कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि विभीषण रावण के साथ रहकर भी नहीं बिगड़ा और कैकेयी राम के साथ रहकर भी नहीं सुधरी Shaya #शायरी #hindishayari😍❤️

7,577 Views

e8cfa22a32d77185f650744faa7f99d1

AB

.
.
.
.
. 
         पूजन रामचंद्र जब कीन्हा l जीत के लंक विभीषण दीन्हा ll
         सहस कमल में हो रहे धारी l कीन्ह  परीक्षा   तबहि पुरारी ll

पूजन रामचंद्र जब कीन्हा l जीत के लंक विभीषण दीन्हा ll सहस कमल में हो रहे धारी l कीन्ह परीक्षा तबहि पुरारी ll

0 Love

4842a8a547f96000970d3596a8cd685b

Tarun Vij भारतीय

एक पल में ही कैसे सब समा बदल गया,
सोया रहा कुंभकर्ण शहर सारा जल गया।
धूर्तो के राज में कमान थी विभिषणो को
अकाल दंश काल का कितनों को निगल गया।
रावण को मारने को रावणों ने स्वांग रचा जो,
देख हाल जग का रावण लज्जा से जल गया।
अमृत के शहर में चींखती रही रात भी,
चिताओं की आग में स्वर्ण धाम भी पिघल गया।
और मौन है आज वक्त भी उस मंजर को देखकर,
विजय का त्योंहार कैसे मातम में बदल गया।
एक पल में ही कैसे सब समा बदल गया,
सोया रहा कुंभकर्ण शहर सारा जल गया। इस कविता का मुख्य उद्देश्य उन धूर्त सत्ताधारीयो, प्रशासन में मौजूद विभीषणों को तथा शीत निद्रा में सोए कुंभकर्णो को चिन्हित करना है जिनकी लाप

इस कविता का मुख्य उद्देश्य उन धूर्त सत्ताधारीयो, प्रशासन में मौजूद विभीषणों को तथा शीत निद्रा में सोए कुंभकर्णो को चिन्हित करना है जिनकी लाप #hindipoetry #yqdidi #Amritsar #tarunvijभारतीय #Amritsartrainaccident #amritsartragedy

0 Love

4842a8a547f96000970d3596a8cd685b

Tarun Vij भारतीय

Dil एक पल में ही कैसे सब समा बदल गया,
सोया रहा कुंभकर्ण शहर सारा जल गया।
धूर्तो के राज में कमान थी विभिषणो को
अकाल दंश काल का कितनों को निगल गया।
रावण को मारने को रावणों ने स्वांग रचा जो,
देख हाल जग का रावण लज्जा से जल गया।
अमृत के शहर में चींखती रही रात भी,
चिताओं की आग में स्वर्ण धाम भी पिघल गया।
और मौन है आज वक्त भी उस मंजर को देखकर,
विजय का त्योंहार कैसे मातम में बदल गया।
एक पल में ही कैसे सब समा बदल गया,
सोया रहा कुंभकर्ण शहर सारा जल गया। इस कविता का मुख्य उद्देश्य उन धूर्त सत्ताधारीयो, प्रशासन में मौजूद विभीषणों को तथा शीत निद्रा में सोए कुंभकर्णो को चिन्हित करना है जिनकी लाप

इस कविता का मुख्य उद्देश्य उन धूर्त सत्ताधारीयो, प्रशासन में मौजूद विभीषणों को तथा शीत निद्रा में सोए कुंभकर्णो को चिन्हित करना है जिनकी लाप #hindiwriters #nojotohindi #hindipoetry #Amritsar #tarunvijभारतीय #Amritsartrainaccident #amritsartragedy

6 Love

25a58711552b2c35bfc0db1283c597e6

Akshit Ojha

 " रामायण का सार "

लछमन सा भाई ,विभीषण सा आग 
कैकेयी सा मोह और राम ,दशरथ ,सीता भरत सा त्याग

सुगीव सी यारी ,राम सीता सा प्यार 
रावण सी निडरता और  कौशल्या सा दुलार 

           निषाद सा प्रेम , हनुमान सी सक्ति
          सबरी सी उदारता,  अंगद सी शक्ति
  परशुराम सा क्रोध , श्रीराम सी धीरता 
       विभीषण सा घरभेदी  ,  लवकुश सी वीरता

            गुरुजनों की दीक्षा ,सीता की परीक्षा
     उर्मिला सा विरह, जनक सा लाचार 
        शूपणखा सी चपला, मंदोदरी सा प्यार 
ऋषि मुनियों का आश्रम वानरों का परिश्रम
श्री राम सा राजा अयोध्यावासियों सी प्रजा
सुसैन वैद्य सा ज्ञान बाली सा योध्या महान

समाज में कुरीतियों और बुराइयों का नाश 
और कड़-कड़ में श्रीराम का वास 

जिससे सीखे समस्त परिवार
कुछ ऐसा है रामायण का सार कुछ ऐसा ही रामायण है
लछमन सा भाई ,विभीषण सा आग 
कैकेयी सा मोह और राम ,दशरथ ,सीता भरत सा त्याग

सुगीव सी यारी ,राम सीता सा प्यार 
रावण सी तैय

कुछ ऐसा ही रामायण है लछमन सा भाई ,विभीषण सा आग कैकेयी सा मोह और राम ,दशरथ ,सीता भरत सा त्याग सुगीव सी यारी ,राम सीता सा प्यार रावण सी तैय #रामराज्य #रामचरितमानस #कविता_और_चिंतन #रामायण_कि_महत्ता #रामायण_से_प्रेरित

0 Love

8cc979de6b382fb2437abd6828c9ba61

Divyanshu Pathak

अपि स्वर्णमयी लंकानमे लक्ष्मण रोचते !
जननी जन्म भूमस्य स्वर्गादपि गरीयसी !! श्रीराम के द्वारा जब रावण को मार दिया गया तो विभीषण ने आग्रह किया कि प्रभु आप ही लंका का राज्य सम्हालिये ।
राम बोले विभीषण जी अभी मुझे पितृ

श्रीराम के द्वारा जब रावण को मार दिया गया तो विभीषण ने आग्रह किया कि प्रभु आप ही लंका का राज्य सम्हालिये । राम बोले विभीषण जी अभी मुझे पितृ #शिक्षा #पंछी #वृद्धाश्रम #जन्मभूमि #पाठक

0 Love

fb620c786d2ee468f715cc5ad251fa31

Vikas Sharma Shivaaya'

🙏सुन्दरकांड🙏
दोहा – 5

विभीषण के महल का वर्णन – श्रीराम के चिन्ह और तुलसी के पौधे
रामायुध अंकित गृह सोभा बरनि न जाइ।
नव तुलसिका बृंद तहँ देखि हरष कपिराई ॥5॥
वह महल श्री राम के आयुध (धनुष-बाण) के चिह्नों से अंकित था,
उसकी शोभा वर्णन नहीं की जा सकती॥वहाँ नवीन-नवीन तुलसी के वृक्ष-समूहों को देखकर
कपिराज हनुमान हर्षित हुए॥ 5॥
श्री राम, जय राम, जय जय राम

हनुमानजी और विभीषण का संवाद
राक्षसों की नगरी में, सत-पुरुष को देखकर, हनुमानजी को आश्चर्य हुआ
लंका निसिचर निकर निवासा।
इहाँ कहाँ सज्जन कर बासा॥
मन महुँ तरक करैं कपि लागा।
तेहीं समय बिभीषनु जागा॥1॥
और उन्हीने सोचा की यह लंका नगरी तो राक्षसोंके कुलकी निवासभूमी है,
राक्षसो के समूह का निवास स्थान है।
यहाँ सत्पुरुषो के रहने का क्या काम॥
इस तरह हनुमानजी मन ही मन में विचार करने लगे।इतने में विभीषण की आँख खुली॥

हनुमानजी, विभीषण को, राम नाम का जप करते देखते है
राम राम तेहिं सुमिरन कीन्हा।
हृदयँ हरष कपि सज्जन चीन्हा॥
एहि सन सठि करिहउँ पहिचानी।
साधु ते होइ न कारज हानी॥2॥
और जागते ही उन्होंने – राम! राम! – ऐसा स्मरण किया,तो हनुमानजीने जाना की यह कोई सत्पुरुष है।इस बात से हनुमानजीको बड़ा आनंद हुआ॥

सत्पुरुषों से क्यों पहचान करनी चाहिये?
हनुमानजीने विचार किया कि
इनसे जरूर पहचान करनी चहिये,
क्योंकि सत्पुरुषोके हाथ कभी कार्यकी हानि नहीं होती,बल्कि लाभ ही होता है॥

हनुमानजी ब्राह्मण का रूप धारण करते है
बिप्र रूप धरि बचन सुनाए।
सुनत बिभीषन उठि तहँ आए॥
करि प्रनाम पूँछी कुसलाई।
बिप्र कहहु निज कथा बुझाई॥3॥
फिर हनुमानजीने ब्राम्हणका रूप धरकर वचन सुनाया,तो वह वचन सुनतेही विभीषण उठकर उनके पास आया॥और प्रणाम करके कुशल पूँछा कि,
हे ब्राह्मणदेव!, जो आपकी बात हो सो हमें समझाकर कहो(अपनी कथा समझाकर कहिए)॥

विभीषण हनुमानजी से उनके बारे में पूछते है
की तुम्ह हरि दासन्ह महँ कोई।
मोरें हृदय प्रीति अति होई॥
की तुम्ह रामु दीन अनुरागी।
आयहु मोहि करन बड़भागी॥4॥
विभीषणने कहा कि, क्या आप हरिभक्तो मे से कोई है?क्योंकि मेरे मनमें आपकी ओर बहुत प्रीती बढती जाती है,आपको देखकर मेरे हृदय मे अत्यंत प्रेम उमड़ रहा है॥अथवा मुझको बडभागी करने के वास्ते,
भक्तोपर अनुराग रखनेवाले आप साक्षात दिनबन्धु ही तो नहीं पधार गए हो॥(अथवा क्या आप दीनो से प्रेम करने वाले स्वयं श्री राम जी ही है,जो मुझे बड़भागी बनाने, घर-बैठे दर्शन देकर कृतार्थ करने आए है?)

विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम)आज 210 से 220 नाम 
210 गुरुतमः ब्रह्मा आदिको भी ब्रह्मविद्या प्रदान करने वाले
211 धाम परम ज्योति
212 सत्यः सत्य-भाषणरूप, धर्मस्वरूप
213 सत्यपराक्रमः जिनका पराक्रम सत्य अर्थात अमोघ है
214 निमिषः जिनके नेत्र योगनिद्रा में मूंदे हुए हैं
215 अनिमिषः मत्स्यरूप या आत्मारूप
216 स्रग्वी वैजयंती माला धारण करने वाले
217 वाचस्पतिः-उदारधीः विद्या के पति,सर्व पदार्थों को प्रत्यक्ष करने वाले
218 अग्रणीः मुमुक्षुओं को उत्तम पद पर ले जाने वाले
219 ग्रामणीः भूतग्राम का नेतृत्व करने वाले
220 श्रीमान् जिनकी श्री अर्थात कांति सबसे बढ़ी चढ़ी है
🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' 🙏सुन्दरकांड🙏
दोहा – 5

विभीषण के महल का वर्णन – श्रीराम के चिन्ह और तुलसी के पौधे
रामायुध अंकित गृह सोभा बरनि न जाइ।
नव तुलसिका बृंद तहँ देख

🙏सुन्दरकांड🙏 दोहा – 5 विभीषण के महल का वर्णन – श्रीराम के चिन्ह और तुलसी के पौधे रामायुध अंकित गृह सोभा बरनि न जाइ। नव तुलसिका बृंद तहँ देख #समाज

9 Love

0223fb6fdcadf6ff27003629783e0021

Writer Vikas Aznabi

लोग भूल जाते है......

अपनों से हमेशा सावधान रहें.....
रावण राम के नहीं बल्कि विभीषण की वजह से मारा गया था.....
ऐसा कहने वाले लोग खुद ही विभीषण होते है.....

यहाँ भूल जाते है लोग लक्ष्मण के त्याग को, कि कैसे लक्ष्मण ने महल का सुख छोड़, राम के दुःख मे राम के साथ खड़ा था......
लोग भूल जाते है कि - राजा बनने के बाद भी कैसे भरत ने सिंघासन पर राम के चरनपाटुका को रखकर उसकी पूजा किया करता था.......
सिर्फ इतना ही नहीं लोग भूल जाते है यहाँ भी कुम्भकरण के बलिदान को जिसको पता था की वो साक्षात् भगवान से लड़ने जा रहा है, उसकी मौत निश्चित है, लेकिन फिर भी कुम्भकरण ने भाई का फ़र्ज निभाया और अपनी मौत से लड़ा.....
भूल जाते लोग उस इंद्रजीत को भी, जिसने पिता के सम्मान मे साक्षात् मौत से लड़ा था.....

मै कहता हूँ कि भूल जाओ विभीषण को, याद रखो लक्ष्मण,भरत, कुम्भकरण और इंद्रजीत को सुख हो या दुःख परिवार का साथ दो......

#aznabi_36
~vikas✍

©Writer Vikas aznabi लोग भूल जाते है......

अपनों से हमेशा सावधान रहें.....
रावण राम के नहीं बल्कि विभीषण की वजह से मारा गया था.....
ऐसा कहने वाले लोग खुद ही विभ

लोग भूल जाते है...... अपनों से हमेशा सावधान रहें..... रावण राम के नहीं बल्कि विभीषण की वजह से मारा गया था..... ऐसा कहने वाले लोग खुद ही विभ #aznabi_36 #NojotoRamleela

15 Love

db1c61b6e04f194b06b4c7a97d5ea114

atrisheartfeelings

रामायुध अंकित गृह सोभा बरनि न जाइ।
नव तुलसिका बृंद तहँ देखि हरष कपिराई॥

लंका निसिचर निकर निवासा। 
इहाँ कहाँ सज्जन कर बासा॥
मन महुँ तरक करैं कपि लागा। 
तेहीं समय बिभीषनु जागा॥
राम राम तेहिं सुमिरन कीन्हा। 
हृदयँ हरष कपि सज्जन चीन्हा॥
एहि सन सठि करिहउँ पहिचानी। 
साधु ते होइ न कारज हानी॥
बिप्र रूप धरि बचन सुनाए। 
सुनत बिभीषन उठि तहँ आए॥
करि प्रनाम पूँछी कुसलाई। 
बिप्र कहहु निज कथा बुझाई॥
की तुम्ह हरि दासन्ह महँ कोई। 
मोरें हृदय प्रीति अति होई॥
की तुम्ह रामु दीन अनुरागी। 
आयहु मोहि करन बड़भागी॥ चौपाई 
लंका निसिचर निकर निवासा। इहाँ कहाँ सज्जन कर बासा॥
मन महुँ तरक करैं कपि लागा। तेहीं समय बिभीषनु जागा॥1॥

भावार्थ:-लंका तो राक्षसों के

चौपाई लंका निसिचर निकर निवासा। इहाँ कहाँ सज्जन कर बासा॥ मन महुँ तरक करैं कपि लागा। तेहीं समय बिभीषनु जागा॥1॥ भावार्थ:-लंका तो राक्षसों के #Devotional #Sunderkand #Sundarkand #ananttripathi #atrisheartfeelings

0 Love

fb620c786d2ee468f715cc5ad251fa31

Vikas Sharma Shivaaya'

🙏सुन्दरकांड🙏
दोहा – 7
भगवान् राम के गुणों का भक्तिपूर्वक स्मरण
अस मैं अधम सखा सुनु मोहू पर रघुबीर।
कीन्हीं कृपा सुमिरि गुन भरे बिलोचन नीर ॥7॥
हे सखा, सुनो मै ऐसा अधम नीच हूँ तिस पर भी रघुवीरने कृपा कर दी,तो आप तो सब प्रकारसे उत्तम हो-आप पर कृपा करे इस में क्या बड़ी बात है- ऐसे प्रभु श्री रामचन्द्रजी के गुणोंका स्मरण करनेसे दोनों के नेत्रोमें आंसू भर आये॥
श्री राम, जय राम, जय जय राम

भगवान् को भूलने पर, इंसान के जीवन में दुःख का आना
जानतहूँ अस स्वामि बिसारी।
फिरहिं ते काहे न होहिं दुखारी॥
एहि बिधि कहत राम गुन ग्रामा।
पावा अनिर्बाच्य बिश्रामा॥
जो मनुष्य जानते बुझते ऐसे स्वामीको छोड़ बैठते है,वे दूखी क्यों न होंगे?
इस तरह रामचन्द्रजीके परम पवित्र व
कानोंको सुख देने वाले गुणसमूहोंको कहते कहते,हनुमानजी ने विश्राम पाया,उन्होने परम (अनिर्वचनीय) शांति प्राप्त की॥

विभीषण हनुमानजी को माता सीता के बारे में बताते है
पुनि सब कथा बिभीषन कही।
जेहि बिधि जनकसुता तहँ रही॥
तब हनुमंत कहा सुनु भ्राता।
देखी चहउँ जानकी माता॥
फिर विभीषण ने हनुमानजी से वह सब कथा कही कि –सीताजी जिस जगह, जिस तरह रहती थी।तब हनुमानजी ने विभीषण से कहा, हे भाई सुनो,मैं सीता माताको देखना चाहता हूँ॥

अशोकवन का प्रसंग-हनुमानजी अशोकवन जाते है
जुगुति बिभीषन सकल सुनाई।
चलेउ पवनसुत बिदा कराई॥
करि सोइ रूप गयउ पुनि तहवाँ।
बन असोक सीता रह जहवाँ॥
सो मुझे उपाय बताओ।हनुमानजी के यह वचन सुनकर विभीषण ने वहांकी सब युक्तियाँ (उपाय) कह सुनाई।तब हनुमानजी भी विभीषणसे विदा लेकर वहांसे चले॥फिर वैसा ही छोटासा स्वरुप धर कर,हनुमानजी वहां गए, जहां अशोकवन में सीताजी रहा करती थी॥

सीताजी का राम के गुणों का स्मरण करना
देखि मनहि महुँ कीन्ह प्रनामा।
बैठेहिं बीति जात निसि जामा॥
कृस तनु सीस जटा एक बेनी।
जपति हृदयँ रघुपति गुन श्रेनी॥
हनुमानजी ने सीताजी का दर्शन करके,
उनको मनही मनमें प्रणाम किया और बैठे-इतने में एक प्रहर रात्रि बीत गयी॥
हनुमानजी सीताजी को देखते है,सो उनका शरीर तो बहुत दुबला हो रहा है।
सर पर लटो की एक वेणी बंधी हुई है और अपने मनमें श्री राम के गुणों का जाप (स्मरण) कर रही है॥

विष्णु सहस्रनाम (एक हजार नाम) आज 289 से 300 नाम 
289 सत्यधर्मपराक्रमःजिनके धर्म-ज्ञान और पराक्रमादि गुण सत्य है
290 भूतभव्यभवन्नाथः भूत, भव्य (भविष्य) और भवत (वर्तमान) प्राणियों के नाथ है
291 पवनः पवित्र करने वाले हैं
292 पावनः चलाने वाले हैं
293 अनलः प्राणों को आत्मभाव से ग्रहण करने वाले हैं
294 कामहा मोक्षकामी भक्तों और हिंसकों की कामनाओं को नष्ट करने वाले
295 कामकृत् सात्विक भक्तों की कामनाओं को पूरा करने वाले हैं
296 कान्तः अत्यंत रूपवान हैं
297 कामः पुरुषार्थ की आकांक्षा वालों से कामना किये जाते हैं
298 कामप्रदः भक्तों की कामनाओं को पूरा करने वाले हैं
299 प्रभुः प्रकर्ष
300 युगादिकृत् युगादि का आरम्भ करने वाले हैं

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' 🙏सुन्दरकांड🙏
दोहा – 7
भगवान् राम के गुणों का भक्तिपूर्वक स्मरण
अस मैं अधम सखा सुनु मोहू पर रघुबीर।
कीन्हीं कृपा सुमिरि गुन भरे बिलोचन नीर ॥7

🙏सुन्दरकांड🙏 दोहा – 7 भगवान् राम के गुणों का भक्तिपूर्वक स्मरण अस मैं अधम सखा सुनु मोहू पर रघुबीर। कीन्हीं कृपा सुमिरि गुन भरे बिलोचन नीर ॥7 #समाज

9 Love

cf47e0f7a4b821d294ca604ae29948e8

id default

रानी मंदोदरी का राजा विभीषण से 
पुनर्विवाह (कहानी)
कृपया अनुशीर्षक में पढ़े.. दूसरा चरण_पुनर्विवाह 
शीर्षक-रानी_मंदोदरी_का_राजा_विभीषण_से_पुनर्विवाह
**********************************
विद्या-कहानी
*********
आज के शीर्ष

दूसरा चरण_पुनर्विवाह शीर्षक-रानी_मंदोदरी_का_राजा_विभीषण_से_पुनर्विवाह ********************************** विद्या-कहानी ********* आज के शीर्ष #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #happybirthdayYQ #tarunasharma0004 #विशेषप्रतियोगिता #HBDYQ #HBDYQ2

9 Love

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile