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Praveen Sharma
गुलाब *शायद इसीलिए शायरी इतनी ख़ूबसूरत होती है* *कभी सच छुपा लेती है तो कभी शख़्स छुपा लेती हैं* #Shayriwala प्रवीण शर्मा
Dadhich Praveen Sharma
✍मेरा हिंदुस्तान✍ सबसे महान, मेरा हिंदुस्तान। नतमस्तक इसके आगे पूरा जहान। वीरता का यह शिक्षक, बंधुता का प्रेरक है, शांतिदूत बन खड़ा हमेशा रहता, सर्वधर्म एकता का प्रेषक है। सबसे महान, मेरा हिंदुस्तान। नतमस्तक इसके आगे पूरा जहान। दाधीच प्रवीण शर्मा नागौर, राजस्थान। #NojotoQuote मेरा हिंदुस्तान... सबसे महान, मेरा हिंदुस्तान। नतमस्तक इसके आगे पूरा जहान। वीरता का यह शिक्षक, बंधुता का प्रेरक है, शांतिदूत बन खड़ा हमेशा र
Dadhich Praveen Sharma
✍*धन्य! धन्य! हे वीर!*✍ राष्ट्र का नायक बने तुम... जन मन के प्रेरणादायक बने तुम... धन्य! धन्य!हे वीर! शौर्य से अपने प्रशंसा के लायक बने तुम। भारती के भाल का चंदन बने तुम... हर दिल का वंदन बने तुम... धन्य! धन्य!हे वीर! देशप्रेम का पर्याय 'अभिनंदन' बने तुम। दाधीच प्रवीण शर्मा ©dadhichpraveensharma #NojotoQuote ✍धन्य! धन्य! हे वीर!✍ राष्ट्र का नायक बने तुम... जन मन के प्रेरणादायक बने तुम... धन्य! धन्य!हे वीर! शौर्य से अपने प्रशंसा के लायक बने तुम।
Dadhich Praveen Sharma
✍हे अभिनंदन✍ हे अभिनंदन! तुमको वंदन, शीश भारती का झुकने न दिया... घिरकर रिपुदल में भी तुमने, रणभेरी को रुकने न दिया...। दहाड़ शेर सी भरी जो तुमने, दूर तलक हमने थी सुनी... माँ के गौरव के बदले तुमने, अपनी खुद की मौत चुनी... हे अभिनंदन! तुमको वंदन... शीश भारती का झुकने न दिया... घिर कर रिपुदल में भी तुमने, रणभेरी को रुकने न दिया...। दाधीच प्रवीण शर्मा #NojotoQuote ✍हे अभिनंदन✍ हे अभिनंदन! तुमको वंदन, शीश भारती का झुकने न दिया... घिरकर रिपुदल में भी तुमने, रणभेरी को रुकने न दिया...। दहाड़ शेर सी भरी जो
Dadhich Praveen Sharma
✍भारत और भारतीय✍ मैं भारत हूँ, मैं सबका हूँ। मैं भारतीय हूँ, सब मेरे हैं।। मैं भारत हूँ, मैं वीरों का जन्मदाता हूँ। मैं भारतीय हूँ, मैं वीरों की सुनता गाथा हूँ।। मैं भारत हूँ, मैं नारी का रक्षक हूँ। मैं भारतीय हूँ, मैं शक्ति का उपासक हूँ।। मैं भारत हूँ, मैं बहती गंगा धारा हूँ। मैं भारतीय हूँ, मैं उस माँ गंगा में खाता हिलोरा हूँ।। मैं भारत हूँ, मैं साम्प्रदायिकता का पुजारी हूँ। मैं भारतीय हूँ, मैं हर जाति-धर्म का हकदारी हूँ।। मैं भारत हूँ, मैं दधीचि का त्याग हूँ। मैं भारतीय हूँ, मैं त्याग की एक आग हूँ।। मैं भारत हूँ, मैं राणा का स्वाभिमान हूँ। मैं भारतीय हूँ, मैं उसी लहू की संतान हूँ। मैं भारत हूँ, मैं तेरी रग-रग में सम्मिलित हूँ। मैं भारतीय हूँ, मैं तेरे कण-कण में मिश्रित हूँ। दाधीच प्रवीण शर्मा, नागौर, राजस्थान। ©dadhichpraveensharma #NojotoQuote ✍भारत और भारतीय✍ मैं भारत हूँ, मैं सबका हूँ। मैं भारतीय हूँ, सब मेरे हैं।। मैं भारत हूँ, मैं वीरों का जन्मदाता हूँ। मैं भारतीय हूँ, मैं वी
Dadhich Praveen Sharma
पूरे देश की यही पुकार... भेड़ियों को घर में घुस के मारो इस बार... आतंक की यह चरम सीमा है... आगे इसके लेखनी की गरिमा है... क्या उन मांओं पर बीती होगी... कैसे उनकी बहनें अब जीती होंगी... कितनी सुहागनों का सुहाग उजड़ा होगा... कितने बेटों के सिर से हाथ पिता का उठा होगा... बूढ़े बापों की लाठी टूटी होगी... बेख़ौफ़ सोती सरकारों की नींदें टूटी होगी... हुक्मरानों अब तो कुछ कर दिखलाओ... इन कायर हिजड़ों को सबक सिखलाओ... इस बार माफी की मुर्गी मत ले आना... इस बार शहादत को बेकार मत जाने देना... हर कतरे का हिसाब कर जाना... हैवानों को कुत्ते की मौत मार गिराना... पापियों के पाप से मैली यह धरा हो गयी... क्यों शस्य श्यामला भारत माँ अब जरा हो गयी...? पूरे देश में एक ही गान उठा है... एक स्वर में आह्वान उठा है... इतिहास दोहराने की नौबत ना आने देना... इस बार नक्शे से इसका नाम-ओ-निशाँ मिटा देना... *दाधीच प्रवीण शर्मा* *नागौर, राजस्थान* ©dadhichpraveensharma #NojotoQuote *आह्वान हिंदुस्तान का...* पूरे देश की यही पुकार... भेड़ियों को घर में घुस के मारो इस बार... आतंक की यह चरम सीमा है... आगे इसके लेखनी की गरि
Dadhich Praveen Sharma
Dadhich Praveen Sharma
✍मन की बात✍ भारत का रहने वाला हूँ मैं, मैं मन की बात कहने वाला हूँ मैं। बहुत सहा इन गद्दारों को, गली-गली फिरते इन आवारों को, धर्म की राजनीति करते इन ठेकेदारों को, अब सबको सबक सिखलाने वाला हूँ मैं। भारत का रहने वाला हूँ मैं, मन की बात कहने वाला हूँ मैं। नारी का अपमान बहुत हुआ अब, देवी पर अत्याचार बहुत हुआ अब, कन्या-भ्रूण का गर्भपात बहुत हुआ अब, नारी शक्ति का गौरव फिर से दिलवाने वाला हूँ मैं, भारत का रहने वाला हूँ मैं, मन की बात कहने वाला हूँ मैं। सड़कों पर कचरा बीनता बचपन नहीं चाहिए, जूठी गिलासें धोता कोई जगन नहीं चाहिए, रोटी को तरसता कोई बालक मन नहीं चाहिए, भारत का भविष्य उज्ज्वल करने वाला हूँ मैं, भारत का रहने वाला हूँ मैं, मन की बात कहने वाला हूँ मैं। मुझको मेरा भारत चाहिए, हर्षित सारा जन-मन चाहिए, विश्वगुरू की वह पहचान चाहिए, इस माँ खोया स्वाभिमान चाहिए, तन-मन सर्वस्व न्योछावर करने वाला हूँ मैं... भारत का रहने वाला हूँ मैं, मन की बात कहने वाला हूँ मैं। दाधीच प्रवीण शर्मा, नागौर, राजस्थान। ©dadhichpraveensharma #NojotoQuote ✍मन की बात✍ भारत का रहने वाला हूँ मैं, मैं मन की बात कहने वाला हूँ मैं। बहुत सहा इन गद्दारों को, गली-गली फिरते इन आवारों को, धर्म की राजनी
Ravendra