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Jogaram Choudhary
विघ्नहर्ता गणेश देवी आदि शक्ति महाराणा प्रताप नमो हनुमान राधा कृष्ण मां काली शक्तिपीठ भैरव संतोषी मां परमावतार श्री कृष्ण आरभ चंद्र नंदिनी विक्रमादित्य रणजीत सिंह चंद्रकांता पृथ्वीराज पहरेदार काल भैरव मायावी मलिंग कर्ण संगिनी पार्टनर्स जोधा अकबर अकबर बीरबल बेताल कवच नागिन धारावाहिक इतिहास
anamika
मैं धारावाहिक सा किश्तों में प्यार करता हूँ तुम चित्रपट सी कुछ घण्टे में परे कर देती हो #धारावाहिक #चित्रपट #nojotohindi
Jyoti Agrahari
एक ज्योति पुंज सी बन जाऊँ ये नाम अमर अब मेरा हो , जग में आएँ तो कुछ करना है वो काम अमर अब मेरा हो। ज्योति
jyoti gurjar
हां हूं में, ज्योति सांवली-सांवली सी ,जरा बावली बावली सी , वो रंग पर बड़ा इतराती हैं, पर हमेशा अपनी मान मर्यादा को खोकर जाती हैं। समाज का नाम बढ़ाने की जगह, वो कुल को ही बदनाम कर जाती हैं। ©jyoti gurjar #ज्योति
shekhar prasoon
हर कल्पों के युगों युगों तक ,गायी जाये रामायण गाथा। हर त्रेता युग में अवतरित,होते है श्री कौशल नाथा।। नाना भांति राम अवतारा, रामायण शत कोटि अपारा, धर्म हेतु अवतार हैं लेते,परिभाषित राघव परिभाषा।शेखर जय सियाराम! 💐💐💐 #धारावाहिक रामायण के पारायण पर।
नित्यानंद गुप्ता
विषय और भोग को तुम विष्टा के समान समझों। - योग वशिष्ठ महारामायण ज्ञान ज्योति।
HP
💝अखंड ज्योति💝 वह मनुष्य निश्चय ही सौभाग्यवान है जिसने अपने अन्तःकरण को निर्मल बना लिया है और जिसका जीवन आध्यात्मिकता की ओर उन्मुख हो रहा है। अध्यात्म जीवन का वह तत्वज्ञान है, जिसके आधार पर मनुष्य विश्व ही नहीं अखण्ड ब्रह्माण्ड के सारे ऐश्वर्य को उपलब्ध कर सकता है। अध्यात्म ज्ञान के बिना सारा वैभव—सारा ऐश्वर्य और सारी उपलब्धियाँ व्यर्थ हैं। जो भाग्यवान अपने परिश्रम, पुरुषार्थ एवं परमार्थ से थोड़ा बहुत भी अध्यात्म लाभ कर लेता है वह एक शाश्वत सुख का अधिकारी बन जाता है। व्यवहार जगत में अनेक सीखने योग्य ज्ञानों की कमी नहीं है। लोग इन्हें सीखते हैं, उन्नति करते हैं, सुख−सुविधा के अनेक साधन जुटा लेते हैं। किन्तु इस पर भी जब तक वे अध्यात्म की ओर उन्मुख नहीं होते वास्तविक सुख-शाँति नहीं पा सकते। अखंड ज्योति
Parasram Arora
मेरी सारी साधुता एक ही धारणा पर टिकी हैँ कि शरीर के साथ सब समाप्त नहीं हो जाता और जीवन का अर्थ इसी बात पर निर्भर हैँ कि जब शरीर गिरता हैँ तो कुछ बिना गिरा भी शेष रह जाता हैँ शरीर जब मिटता हैँ मिटटी मे तो सभी कुछ नहीं गिरता मिटटी मे कुछ मेरे भीतर कोइ ज्योति किसी और यात्रा पर निकल जाती हैँ अर्थात मै बचता हूं किसी अन्य अर्थो मे शाश्वत ज्योति