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suryakant sahu 'sahaj'🙏

'श्रमिक'

बंजर धरती को दरस परस,
तुम हार मानकर बैठे हो।  
धन पतियों की जूठन को,
उपहार मान कर बैठे हो।

में बीज नए लायाहूँ चुनकर,
थल में बोने को।
हल लेकर आया हूँ कंधों पर,
समय नहीं है सोने को॥

श्रम से सिंचित कर धरती को.
पाषाणों को चूर्ण करूगा ।
जो हृदय में बसते है उन,
संकल्पों को पूर्ण करूंगा ||  
 
जीत उन्हें मिलती है प्यारे.
जो करते है कठिन तपस्या ।
जो बिस्तर से उठ ना पाते ,
जीवन लगता उन्हें समस्या ।।
-----------सूर्य कान्त साहू 'सहज' #श्रमिक
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Akhilesh Mishra

#श्रमिक
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Devkaran Gandas

#श्रमिक
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DR. LAVKESH GANDHI

हम अपनी मेहनत से औरों के भाग्य बदलते हैं
हम खून पसीना बहा कर भी भूखे सो जाते हैं
हम श्रमिक हैं जो फैक्ट्रीयों की शान बढ़ाते हैं
 हम श्रमिक अपने पसीने से फ़सल उगाते हैं

©DR. LAVKESH GANDHI
  श्रमिक
#श्रमिक दिवस की हार्दिक शुभकामनायें 

#Labourday

श्रमिक #श्रमिक दिवस की हार्दिक शुभकामनायें #Labourday

12 Love

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DR. LAVKESH GANDHI

हम अपनी मेहनत से औरों के भाग्य बदलते हैं
हम खून पसीना बहा कर भी भूखे सो जाते हैं
हम श्रमिक हैं जो फैक्ट्रीयों की शान बढ़ाते हैं
 हम श्रमिक अपने पसीने से फ़सल उगाते हैं

©DR. LAVKESH GANDHI श्रमिक
#श्रमिक दिवस की हार्दिक शुभकामनायें 

#Labourday

श्रमिक #श्रमिक दिवस की हार्दिक शुभकामनायें #Labourday

9 Love

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Ravi Yadav

श्रम से ही जीवन का आधार है। 
श्रम ही मानव की सच्ची शिक्षा है।
 
                                            
                                                          Ravi yadav #श्रमिक दिवस

#श्रमिक दिवस

8 Love

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abhinandan kumar

1मई
विश्व श्रमिक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

मेहनत के बल पर किस्मत का ताला खोला जा सकता है। श्रमिक दिवस

श्रमिक दिवस

3 Love

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Anuja Sanjay Sinha

ना जाने कितनी किस्ते अभी बाकि है 
आधी आए खत्म हो जाने के बाद भी अभी घर के खर्चे बाकि है 
हर दिन की भागम भाग में अभी खुद को ढूँढना बाकि है 
यह जीना भी तो एक मज़दूरी है 
और जीने के लिए खुद को ढोना भी ज़रूरी है  श्रमिक  दिवस

श्रमिक दिवस

0 Love

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'गुमनाम'

पांव छालो से भरे हुए, 
पथ रक्त से सने हुए,
करुण हृदय पुकारता,
जिद अपनी तुम तो, तोड़ दो.....
हमे है गांव छोड़ दो....

तम से है तपा हुआ, 
स्वेद से सना हुआ
क्षुधा से भरा हुआ...
रुध्रा कंठ पुकारता...
जिद अपनी तुम तो, तोड़ दो.....
हमे है गांव छोड़ दो....

शहर से है ये गांव का,
या मृत्यु तक का ये सफ़र,
टूटती है सांस की, 
व्याकुलता पुकारती
जिद अपनी तुम तो, तोड़ दो.....
हमे है गांव छोड़ दो....

नीर आंखो में भरे हुए
मृत्यु से डरे हुए
शिशु को, सीने से लगा लगा
मातृत्व है पुकारती...
जिद अपनी तुम तो, तोड़ दो.....
हमे है गांव छोड़ दो.... श्रमिक पुकार@सरकार

श्रमिक पुकार@सरकार

38 Love

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Mahendra Joshi

मेरे हाथों के छालों को
देख रहे हो भाई
मेरे तन पर वस्त्र नहीं है
हाथों ने कलम नहीं पाई

हमारे भी सपने हैं वैसे
आपके बच्चों के जैसे
हम भी बचपन जीना चाहें
खेल खिलौने ऐसे वैसे

बाल श्रम का विरोध करें तो
शिक्षा का प्रसार करें हम
आज हमें शपथ लेनी है
बच्चों का कल्याण करें हमo

©Mahendra Joshi बाल श्रमिक 

#flowers

बाल श्रमिक #flowers #कविता

19 Love

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राजा साहब

घर बहुत पहले 
छूट गया था मैं 
अपने घर से
 बहुत दूर हूं,
कुछ बनने के 
लिए शहर आया
 था यहां पर
 मैं मजदूर हूं।।

©राजा साहब #श्रमिकदिवस 
#श्रमिक #श्रमिक_दिवस
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Suresh Kumar Chaturvedi

श्रमिक दिवस 1 मई 2021

जिनके श्रम और हाथों ने, दुनिया नई बसाई है 
अपने खून पसीने से, सारी दुनिया चमकाई है 
खेती किसानी भवन सड़क, कल कारखाने जिनसे चलते हैं 
सारी मानवता को उनके, श्रम के फूल ही मिलते हैं उनके खून पसीने पर हम, धरती पर सुख से रहते हैं वे रुखी सूखी खाकर, दिन रात लगे रहते हैं 
रोटी कपड़ा और मकान के, स्वप्न में जीवन जीते हैं नमन तुम्हारे कर्म योग को, नमन तुम्हारे हाथों को 
देश और दुनिया में, खून पसीना बहाने वालों को सुरेश कुमार चतुर्वेदी

©Suresh Kumar Chaturvedi श्रमिक दिवस

#HandsOn

श्रमिक दिवस #HandsOn

27 Love

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BhaskarSingh

                         
   "व्यथा श्रमिकों की"
मन व्यथित हैं श्रमिकों के हालातों को देखकर ,
जो कुछ पैसे और रोटी की खातिर शहरों में आते हैं परिवारों को छोड़कर ,
लाक डाउन में हाल बुरा है इनका ,
कुछ पैदल ही चल दिए घर ,
कुछ ने पैसे जोड़े थे जो मेहनत से
उससे साइकिल खरीद ली है घर जाने को ,
आंखें नम हो जाती है भुखे बच्चों के संग माताओं को रोता देखकर ,
परिस्थिति बहुत भयावह है ,
पर इनको बिमारी का ना भय है ,
यह तो मारे हैं ग़रीबी और भुख के ,
परिवारों की जिम्मेदारी और अपने बहुत से दुख के ,
आज खबर  आई है कि श्रमिक मर गये है पटरियों पर रेल से कटकर ,
सो गए थे शायद वो उन्ही पटरियों पर जिम्मेदारी से थक कर ,
कोरोना महामारी क्या मारेगी उनको ,
जो गरीबी और भूखमरी से दबे हुए हैं ,
यह तो मजदूर हैं मजबूरी के बोझ तले दबकर पहले से ही मरे हुए हैं। #alone #गरीब #श्रमिक
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Vikas Sharma Shivaaya'

✒️📇जीवन की पाठशाला 📖🖋️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की अपना देश महान है जहाँ ट्रैन एवं हवाईजहाज में 5 तथा 11 वर्ष के बच्चे की व्यस्क की माफिक पूरी टिकट लगती है ,हाल्फ टिकट पर सीट नहीं मिलती वहीँ अगर 17 वर्ष तक के बच्चे बलात्कार करते हैं(जो आज कल निरंतर बढ़ रहे हैं )  तो नाबालिग की श्रेणी में गिने जाते हैं ...वाह रे कानून ...?

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की हम हमेशा कहते हैं की दहेज़ मांगने वाले से अपनी बहन -बेटी की शादी नहीं करेंगें वहीँ सरकारी नौकरी -उच्च पद पर आसीन -प्रतिष्ठित व्यापारी -सेलेब्रटी को देखते ही हम चाहें कहीं से भी कैसे भी कर्ज लेकर -गिरवी रख कर उस लड़के को बहनोई या दामाद बनाने के लिए पागलों की तरह लग जाते हैं ...क्या हम ..क्या समाज ..क्या वाकई दहेज़ माँगा ज्यादा जाता है या हम अपनी झूठी शानों शौकत के लिए आगे से बढ़ कर देते हैं ...?

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की हमारे देश में एक पल में सरकार चलाने वाले बदल दिए जाते हैं ,एक महत्वपूर्ण व्यक्ति के हार जाने पर भी उसे मुख्यमंत्री तक बना दिया जाता है और थोड़े समय बाद किसी जीते हुए विधायक को किसी भी तरीके से खुश करते हुए वापिस उस मुख्यमंत्री को चुनाव लड़वा और जीता कर दबदबा कायम रखा जाता है परन्तु वहीँ एक बलात्कार के केस को साबित करने और दोषी को सजा मिलने में वर्षों निकल जाते हैं ..कैसा कानून ..कैसी कार्य प्रणाली ...?

आखिर में एक ही बात समझ आई की रोज हम और आप चाय की थडियों-दुकानों पर बाल श्रमिक छोटू के हाथों से चाय पीते हैं ,दूसरी तरफ हमहीं बाल श्रमिक अपराध के खिलाफ कोसते हैं और मजे की बात आज टीवी पर छोटे छोटे बच्चे डांस -गायक कलाकार (actor)के रूप में व्यस्क गीतों पर उसी तरह से ठुमके लगाते बच्चों को देखते हैं तो वाह वाह करते हैं ,क्या ये बाल श्रमिक अपराध नहीं है ...शायद नहीं क्यूंकि वहां बच्चा माँ बाप को स्टेज देता है ,नाम देता है -शोहरत और पैसा देता है ...सोच ....

बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा 🙏सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरुरी ...!
🌹सुप्रभात🙏 
स्वरचित एवं स्वमौलिक 
"🔱विकास शर्मा'शिवाया '"🔱
जयपुर-राजस्थान

©Vikas Sharma Shivaaya' बाल श्रमिक छोटू

बाल श्रमिक छोटू #समाज

10 Love

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Puneet Kashyap(PK)

#श्रमिक
#corona#कहर
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Atul Mishra

वाकिफ हूँ मैं! जवाने के दस्तूरों से।
सजाएँ सिर्फ लिखी है, मजबूरों के हिस्सों में।।


अतुल मिश्र #विश्व श्रमिक दिवस

#विश्व श्रमिक दिवस

13 Love

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prateek

तपते बुखार में भी
रात - रात भर काम किया उसने

और सुबह होते ही
फिर काम पर लग गया

आराम तो उसकी
ज़िंदगी में मानो पंछी सा था

जब भी सोचता समय फुर्र से
करवटें बदल लेता था🍁

#श्रमिक दिवस🌸


प्रतीक🍁 श्रमिक दिवस 💐

श्रमिक दिवस 💐

7 Love

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Afsha Khatoon

श्रमिक दिवस ......special

श्रमिक दिवस ......special

223 Views

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Praveen Jain "पल्लव"

पल्लव की डायरी
शासनों से शहर में इन्तजाम ना हुये हमारे
प्रवासी श्रमिक बताकर,सरकारों ने तोड़ दिये वायदे
पैदल ही पगडंडी नापलिये, सर पर कफ़न बांधे
जेठ की दोपहरी में, दर्द समेटते रहे सारे
देश को वुलन्दी पर पहुचाने में
हमने भी सूजा दिये, हाड़ पाव सारे
देश प्रेम के हमने भी, पिये थे प्याले
मगर लॉक डाउन में, राज्यो की
सीमाओं पर लाइन खींचकर
व्यवहार किये गये हमसे, अपराधी वाले
    प्रवीण जैन पल्लव प्रवासी श्रमिक

#Isolated

प्रवासी श्रमिक #Isolated

38 Love

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J P Lodhi.

श्रमिक का योगदान
श्रमिक के श्रम से यह जमाना ठाठ से खड़ा,
ऊंची ऊंची इमारतों पर इठलाता रहा बड़ा।
श्रमिक के श्रम से चमचमा रही लंबी सड़कें,
श्रमिक के खून पसीने से बांध भरे बड़े बड़े।
इनके बल पर ही चलते कल कारखाने सारें,
इनके दम पर ही मोड़ें हमने नदियों के धारे।
विकास क्रांति की बलि चढ़ें कितने श्रमिक,
निर्माण मार्ग पर पीड़ा वेदना सही मार्मिक।
विकाश की धारा में श्रम बहाया तन मन से,
रक्त से बहते घावों को भरा बिना मरहम से।
रोटी कपड़े के लिए खूब भाया खून पसीना,
श्रमदान से न मिल पाया इन्हे सुख कभी ना।
जग की नज़रों ने किया सदैव इन्हे अनदेखा,
भूख,निर्धनता,बीमारी का नहीं लिखा लेखा।
इनके हक के धन को भी गैरो को है परोसा,
ईश्वर से भी उठ चुका अब तो इनका भरोसा।
इनको परिश्रम का मिलता सही मोल नहीं है,
जबकि शारीरिक श्रमसे अमूल्य कुछ नही है।
JP lodhi #श्रमिक का योगदान 
#Nojoto

#श्रमिक का योगदान #कविता

49 Love

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कवि सतीश चौहान

कमाने के लिए अपने घरों से दूर हो गए
गरीबी मैं हुए पैदा इसलिए मजबूर हो गए 
कभी सम्मान पर अपने यहां आंच न आये 
जरूरत हो सके पूरी इसलिए मजदूर हो गए 
✍️सतीश चौहान   #श्रमिकदिवस #Morning #मजदूर #लेबर #श्रमिक
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Abhishek kachhwah

है नमन उनको की जो  राष्ट्र के निर्माता है ,
लेके अपनी मजबूरियों  को , राह दुर्गम चल पड़े है 
 ईंट ईंट से जोड़ कर जो देते  हम सभी को  क्षत्र है ,
धूप के आगोश में ,  छांव को निकल पड़े है 
 भूख प्यास पीड़ा सह कर जो निरंतर चल रहे है 
 है नमन उनको जो खुद कहें कुछ भी नहीं 
पर पांव के छाले कह चले है  ,, #मजदूर #श्रमिक #lockdown  #Nojoto
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SARAS KUMAR poetry

हमारी दास्ताँ किससे छुपी हैं 

पसीना माथे पे है 
लहू एड़ियों से बहता 
नंगा सिर हमारा 
सूर्य का ताप सहता 
गरीबी से नहीं डरते 
हम तो अमीरी से दुखी है 
हमारी दास्ताँ किससे छुपी हैं 

रोटियाँ सुखी हुई खायी 
पेट आधा सा भरा है 
हम इमारत को बनाते 
सामान मेरा रोड पे धरा है 
कौन सुनता हैं ओठों की चुप्पी हैं 
हमारी दास्ताँ किससे छुपी हैं #labour #Labourday #श्रमिक #मजदूर
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Vivek Kashyap

श्रमिक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

श्रमिक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

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Harshwardhan Aurangabadi

मैं मजदूर हूँ.....

हर दौर में ,मैं मजदूर हूं
ज़माने से बहुत मजबूर हूं,
लोगो का सताया हुआ,
लेकिन श्रम के लिए 
मशहूर हूं.... मैं मजदूर हूँ.....

नीतियां मेरे नाम से बनती,
मेरा दर्द कोई समंझ न सका,
कसमें खाते,,, बदलाव की,
मै आज भी दरबदर होने को 
मजबूर हूँ .... मैं मजदूर हूँ.....

~ हर्षवर्धन ❤️ श्रमिक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

श्रमिक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

12 Love

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पायल कश्यप

अंतरास्ट्रीय श्रमिक दिवस।
 1 मई 2020

अंतरास्ट्रीय श्रमिक दिवस। 1 मई 2020 #कविता #nojotovideo

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