निकले अश्कों की तुमको हाय लगे
न धुप न गर्मी न कभी छाव लगे
लगे है दाव मेरे साथ यारा
तेरे साथ भी दाव लगे
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रिंकी✍️
वो शोर ही क्या
जो दूसरो के कानो तक न पहुंचे
वो शोर ही क्या
जिसके चर्चे जहान तक न पहुंचे
जब शोर ही करना है
और चारो ओर ही करना है
फिर डरना #YourQuoteAndMine#भगतसिंह#अमरशहीद