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Ek villain
आज यह भारत के उस ऐतिहासिक भूल का परिणाम है जिसके चलते तिब्बत चीन के कब्जे में आ गया ऐसे बोल नहीं होती तो तिब्बत एवं स्वतंत्र देश होता और चीन कभी इतना निरंकुश विस्तार वादी और शत्रुता पूर्व नहीं होता भारत ने सबसे पहले चीन के अध्यापक ही में तिब्बत को समानता दिया चीन ने इसको भारत की कमजोरी समझा और एक के बाद एक द्विपक्षीय मुद्दों पर जो खाता चला गया तत्कालीन सरकार स्वयंभू विश्व गुरु बनाने और समझने की गलती करती चली गई आज भारत के बड़े भूभाग पर भी चीन का कब्जा है तो यह भी हमारी भूल है और दूरस्थ के कारण उसको वापस लेना भी हमारी जनता सरकार और सैन्य का खुला आंखों का स्वपन है चीन ने निर्दयता पूर्वक तिब्बत का दमन किया है और लाखो तिब्बतियों की जान गवानी पड़ी फिर भी इतना निरंकुशता के बाद भी यदि चीन तिब्बत को लेकर आशंकित है तो यह भारत को ऐसे अफसरों के रूप में देखना चाहेगा मेरी कदर से देश में दूर खड़े होकर तमाशा देखने में विश्वास करते हैं लेकिन अपने आप को ही छोड़ कर काम किसी काम में नहीं आते ©Ek villain #तिब्बत पर चीन के आक्रमण नीति दोषपूर्ण #Happy
Jaya Prakash
....... वेद में न पुरुष स्त्री से बढ़कर है न स्त्री पुरुष से, न बराबर हैं, वे एक दूसरे के पूरक हैं, उनकी तुलना ही दोषपूर्ण है। अर्धनारीश्वर न
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
तुम्हारी बला से परिपूर्ण हैं हम । बताते चलें अब कि सम्पूर्ण हैं हम ।। रहे दोष जो भी सभी दूर हैं अब । उन्हीं की दुआ से अर्थपूर्ण हैं हम ।। लगी भावना को नहीं ठेस मेरे । दिखावें में देखो अश्रुपूर्ण हैं हम ।। अभी तक गुनहगार समझें खुदी को । यही है कमी की भावपूर्ण हैं हम ।। बधाई तुम्हें अब प्रखर की तरफ से । कहें क्या स्वयं को दोषपूर्ण हैं हम ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR तुम्हारी बला से परिपूर्ण हैं हम । बताते चलें अब कि सम्पूर्ण हैं हम ।। रहे दोष जो भी सभी दूर हैं अब । उन्हीं की दुआ से अर्थपूर्ण हैं हम ।।
Poetry with Avdhesh Kanojia
दोषपूर्ण परवरिश -------------------- खो रहे युवा जो होश। ये है परवरिश का दोष।। अब क्या करना रोष। ये है परवरिश का दोष।। पिता ने सिखाया धन कमाना पर पुण्य कमाना नहीं। अब पुत्र देखता केवल धन है माता पिता को नहीं।। उदण्डता को उसकी बोल बचपना अनुशासन तो सिखाया नहीं। अब वर्षों से उसने कभी भी माँ बाप को प्रेम दिखाया नहीं।। बचपन की वो उद्दण्डताएँ बनीं जवानी का जोश। ये है परवरिश का दोष।। उसकी पहले वाली दिनचर्या पे दिया नहीं कभी भी ध्यान। दिखाईं फिल्में नाटक पर न दिया रामायण गीता का ज्ञान।। आज वही रखते कुदृष्टि अब सुहागिन और कुँवारी पर। अच्छी परवरिष के अभाव में केवल अवगुण रहें उभर।। गालियाँ तो सुन लो कितनी नहीं राम जयघोष। ये है परवरिश का दोष।। खो रहे युवा जो होश। ये है परवरिश का दोष।। अब क्या करना रोष। ये है परवरिश का दोष।। ✍️अवधेश कनौजिया© #reality #real #life #lifequotes #google #good #goals #poetry दोषपूर्ण परवरिश -------------------- खो रहे युवा जो होश। ये है परवरिश का दोष
Navneet gupta
My memorable moments of the life... बिसर गया है सब कुछ, मेरी लाईफ में ! कुछ यादें बची हैं, इस दिल के पेन ड्राईव में !! जिस दिन मैंने दुनिया में, लॉग इन किया ! सारा मोहल्ला खुशि
Krish Vj
खिल उठूँ मैं पुष्प कलि सी प्रिय प्रेम जल से तुम सिंचित करना सुकून की यूँ चाह नहीं है मुझे तुम दुःख बस अपने अर्पित करना ।। तुम बिन कहीं भी पूर्ण नहीं हूँ मैं इस जीवन के आधार हो तुम मेरे अगर जो क्षीण होने लगूँ मैं कहीं समाकर मुझमे तुम रक्षित करना ।। नेह का य़ह सागर विशाल दरमियाँ जो है तेरे मेरे मध्य लहराता हुआ अंकुरित होते हुए एहसास के कण तुम बस इन्हें प्रेम से पोषित करना ।। निज देह संग आत्मा भी है तेरी लोक लाज से परे, मैं हूँ बस तेरी तू बहकर प्रेम सरिता सा मिल जा समाकर मुझ मेें प्रेम समर्पित करना ।। मैं अनुगामी तेरी तू राहे मेरी बन जा तप्त ह्रदय को शीतल हवा सा कर जा मैं काग़ज़ कोरा, तुम स्याही प्रेम की मुझ पर प्रेम कविता अलंकृत करना ।। 🍃🌸❣️....."लेखन संगी".....❣️🌸🍃 "प्रेम" "विशुद्ध समर्पण" ❣️🌸❣️🌸❣️
Divyanshu Pathak
जब हम वैदिक संस्कृति के साथ जैन और बौद्ध मतों को स्वीकारने लगे तब बृहत्तर भारत में 16 जनपद थे- काशी,कुरु,अंग,मगध,वज्जि,मल्ल, चेदि, वत्स, कौशल, पांचाल, मत्स्य, सूरसेन, अश्मक,अवंति, गांधार, कम्बोज।आप सब ये तो जानते ही हैं कि 305 ई.पूर्व में चन्द्रगुप्त ने सिकंदर के उत्तराधिकारी सेल्युकस को बुरी तरह परास्त कर उसकी पुत्री हेलना से विवाह किया और दहेज़ में कंधार,काबुल,हैरात, और बलूचिस्तान प्राप्त किए।सेल्युकस ने ही चन्द्रगुप्त के दरबार में मेगस्थनीज को भेजा था जिसने 'इंडिका' नाम से पुस्तक लिखी। 'इंडिका' के कुछ अंश- कैप्शन में पढ़ें- मेगस्थनीज लिखता है कि- जब भारतीय सम्राट जनता के समक्ष आता है तो नगर में उत्सव मनाया जाता है।वे (राजा) सोने की पालकी में बैठकर आते हैं।उनके अ
Dileep Kumar
ㄅchool ki yadeℵ Իḙᾰ∂ !ℵ ḉᾰ℘т!✺ℵ स्कूल मे मेरी होती थी अक्सर पिटाई 😜 😜 मैं 2G था, और मैडम थी Wi-Fi !! 😉 😉 . :उस पर मेरा, सॉफ्टवेयर बडा पुराना था !
Ravendra
Kaushambhi Dixit
शमशान के उस पार। मानव मष्तिस्क ब्रम्हांड में भ्रमण करते प्रत्येक प्रश्न तथा उसके उत्तर का केंद्र बिंदु है । जिज्ञासा इन प्रश्नों की पोषक है तथा प्रश्न जीवन क