Find the Latest Status about सब्स्क्राइब मीनिंग from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, सब्स्क्राइब मीनिंग.
Nova Changmai
दर क्या है??? एक लंबा हट्टा कट्टा आदमी उसी आवाज से बात कर रही है, और तुम सुनकर डर रही हो, उसको को दर नहीं बोलता है। जो बीते हुए कल है उससे शिक्षा लो, और जो आज करने वाले हो उसे किया नया क्या कुछ कर सकते हो उसके बारे में सोचो ,और डरो उस समय के लिए जो भविष्य में तुम्हारे जीवन को सुनहरी अक्षर में लिखकर जीवन को बदल सकता है। #सीखना #शायरी#कविता#रोमांस#मीनिंग #Motivational #Good #evening
Subhasish Roy
prashant Singh rajput
Call Drop मीनिंग इन हिंदी क्या है कॉल ड्रॉप जानिये हिंदी मे ? पूरा पढ़े नीचे दिए गए लिंक पर तुरंत क्लीक करें 👇👇👇👇👇👇👇 https://techadvicesps0
Subhasish Roy
Vikrant Rajliwal
Vikrant Rajliwal
lalitha sai
एक कथा.. जिस कथा में हो एक ऐसा अर्थ सबके सोच के परे हो... कुछ लघुकथा ऐसे दिल चुरा लेते है.. कोई सोच भी नहीं सकता.. अंत में एक सुकून के एहसास को.. दिल और दिमाग़ में छा जाते है.. बहुत पहले से ही मैं शॉर्टफ़िल्म के शौकीन हूँ.. कुछ कुछ शॉर्टफिल्म्स ऐसे होते है.. जिसे title कुछ अलग होता है.. देखने के बाद पता चले.. कितना म
नेहा उदय भान गुप्ता😍🏹
साहिब ये जिन्दगी यूँ ही खिलखिलाने की वज़ह ढूंढ लेती है। हो कितने भी ग़म आसपास, मुस्कुराने की वजह ढूंढ लेती है।। कभी ख़ुद सम्भल कर, तो कभी औरों को भी संभालते है हम, समस्त मानव के दर्द को मिटा सके जो, वो दवा ये ढूंढ लेती है। नही डूबने देते है किसी को भी, करते है हर सम्भव प्रयास हम, हर एक डूबी हुई नांव की कश्ती का, ये तो किनारा ढूंढ लेती है। कदम से कदम मिलाकर चलते , चाहे जितने हो राहों में शूल, गिरते कदमों को नेह, अपनों के बांहों का सहारा ढूंढ लेती है। नही रखते बैर किसी से, सबसे भाईचारा का व्यवहार है रखते, हर गिले शिकवे के बीच हम, अपनों का अपनत्व ढूंढ लेती है। दिशा निर्देश: 🎶 समय सीमा: परसों 02:00 बजे तक। 🎶 शब्द सीमा : कविता Caption में नहीं होनी चाहिए। 🎶 जिस चित्र पर रचना दी गयी है, वो चित्र ही
नेहा उदय भान गुप्ता
साहिब ये जिन्दगी यूँ ही खिलखिलाने की वज़ह ढूंढ लेती है। हो कितने भी ग़म आसपास, मुस्कुराने की वजह ढूंढ लेती है।। कभी ख़ुद सम्भल कर, तो कभी औरों को भी संभालते है हम, समस्त मानव के दर्द को मिटा सके जो, वो दवा ये ढूंढ लेती है। नही डूबने देते है किसी को भी, करते है हर सम्भव प्रयास हम, हर एक डूबी हुई नांव की कश्ती का, ये तो किनारा ढूंढ लेती है। कदम से कदम मिलाकर चलते , चाहे जितने हो राहों में शूल, गिरते कदमों को नेह, अपनों के बांहों का सहारा ढूंढ लेती है। नही रखते बैर किसी से, सबसे भाईचारा का व्यवहार है रखते, हर गिले शिकवे के बीच हम, अपनों का अपनत्व ढूंढ लेती है। दिशा निर्देश: 🎶 समय सीमा: परसों 02:00 बजे तक। 🎶 शब्द सीमा : कविता Caption में नहीं होनी चाहिए। 🎶 जिस चित्र पर रचना दी गयी है, वो चित्र ही