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Sudeep Keshri✍️✍️

#ईश्वर है क्या??? #विचार

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बहुत जोरदार बहस चल रही थी।
किसी ने पूछा ईश्वर को देखा है,क्या?
सभी चुप हो गए तभी कहीं से आवाज आई।
ईश्वर तो कण कण में है,
दूसरे पक्ष से भी आवाज आई...
साबित करो...
असमंजस की स्थिति में किसी ने बोला...
तुम एक ऐसे छन को जी रहे हो,जहाँ...
अगले छन तुम्हारी मृत्यु सम्भव है,
लेकिन तुम जी रहे हो,क्योंकि...
जो प्राण वायु ले रहे हो,
इसमें भी ईश्वर बसते हैं,
तभी तो जी रहे हो। #ईश्वर है क्या???

Parasram Arora

क्या है ईश्वर? #जानकारी

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क्या है ईश्वर?

वह पूर्ण है
वह परम भोग है
वह निमित्त है
वह अतिक्रमण  है
वह स्वयंभु  है
वह चैतन्य है
वह ज्योतिर्मय है
वह ब्रह्म है
वह शून्य है

©Parasram Arora क्या है ईश्वर?

Amar'Arman' Baghauli hardoi UP

ईश्वर क्या है ? #shore

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ईश्वर क्या है?
*********
बड़ी ही हास्यपद बात है जो लोग ईश्वर को शर्वशक्ति संपन्न, पालनकर्ता, उद्धारक और कण -कण वासी मानते है आज वहीं लोग पाखंड और आडम्बर के बोझ से लदे पड़े हैं किंतु सत्य तो ये है जिसे (प्रकृति रुपी ईश्वर) सत्य का ज्ञान हो जाता है वो निंदा, अपयश , पाखंड,उन्च-नीच, जाति-पाति और अहम से मुक्त हो जाता है उसके लिए सम्पूर्ण जगत सम हो जाता है उसके लिए परमार्थ और मानव सेवा ही एकमात्र धर्म रह जाता है। ईश्वर का ज्ञान हो जाने पर मनुष्य का जीवन ईर्ष्या और नफ़रत के तम से दूर आपसदारी और परहित के प्रकाश से प्रकाशित हो उठता है, किंतु आज जो सत्य और असत्य में विभेद नहीं कर सकते ,समाज को हिन्दू -मुस्लिम, सिख़-इसाई, ब्राह्मण,क्षत्रिय शूद्र आदि नजरोंं से देखते है अपने हित के लिए खुद को श्रेष्ठ तथा दूसरों को तुच्छ् समझते वहीं खुद को श्रेष्ठ और और उच्च समझते है।किंतु ये तो बिल्क़ुल साफ और सहज व्याख्या है कि ऐसे कामी और धर्मान्ध व्यक्ति भला ईश्वर को कैसे प्रिय हो सकते है ऐसा स्वार्थी उस परम पावन शक्ति को कैसे जान सकता है जो भेद-भाव से रहित समता की सृजक और पालक है। किंतु आज के जमाने में कुछ स्वार्थी और  आडम्बरी लॉगो ने अलग ही परिभाषा गाड़ ली है जिसके तहत  आज मानसिकता से पतित और आडम्बरी ही खुद को सबसे बडा ग्याता, विद्वान या ईश्वर भक्त समझता है देखा जाए तो ऐसे ही लोग वास्तव में पाखंड और अज्ञानता के सक्षात आधार स्तम्भ होते है। मुझे तो हंसी आती है। जो क़ुदरत की तुच्छ रचना मानव- मानव को नहीं समझता है वहीं क़ुदरत को समझने का दावा करता है किन्तु उसकी बनायीं छोटी सी रचना को समझने में खुद को पूर्णता असमर्थ रहता है।जो वास्तव में उसकी पतित मानसिकता और तुच्छ विचारधारा का प्रमाण है।
*******************
विचार
अमर'अरमान'
बघौली,हरदोई।
उत्तर प्रदेश ईश्वर क्या है ?

#shore

Amar'Arman' Baghauli hardoi UP

ईश्वर क्या है ? #shore

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ईश्वर क्या है?
*********
बड़ी ही हास्यपद बात है जो लोग ईश्वर को शर्वशक्ति संपन्न, पालनकर्ता, उद्धारक और कण -कण वासी मानते है आज वहीं लोग पाखंड और आडम्बर के बोझ से लदे पड़े हैं किंतु सत्य तो ये है जिसे (प्रकृति रुपी ईश्वर) सत्य का ज्ञान हो जाता है वो निंदा, अपयश , पाखंड,उन्च-नीच, जाति-पाति और अहम से मुक्त हो जाता है उसके लिए सम्पूर्ण जगत सम हो जाता है उसके लिए परमार्थ और मानव सेवा ही एकमात्र धर्म रह जाता है। ईश्वर का ज्ञान हो जाने पर मनुष्य का जीवन ईर्ष्या और नफ़रत के तम से दूर आपसदारी और परहित के प्रकाश से प्रकाशित हो उठता है, किंतु आज जो सत्य और असत्य में विभेद नहीं कर सकते ,समाज को हिन्दू -मुस्लिम, सिख़-इसाई, ब्राह्मण,क्षत्रिय शूद्र आदि नजरोंं से देखते है अपने हित के लिए खुद को श्रेष्ठ तथा दूसरों को तुच्छ् समझते वहीं खुद को श्रेष्ठ और और उच्च समझते है।किंतु ये तो बिल्क़ुल साफ और सहज व्याख्या है कि ऐसे कामी और धर्मान्ध व्यक्ति भला ईश्वर को कैसे प्रिय हो सकते है ऐसा स्वार्थी उस परम पावन शक्ति को कैसे जान सकता है जो भेद-भाव से रहित समता की सृजक और पालक है। किंतु आज के जमाने में कुछ स्वार्थी और  आडम्बरी लॉगो ने अलग ही परिभाषा गाड़ ली है जिसके तहत  आज मानसिकता से पतित और आडम्बरी ही खुद को सबसे बडा ग्याता, विद्वान या ईश्वर भक्त समझता है देखा जाए तो ऐसे ही लोग वास्तव में पाखंड और अज्ञानता के सक्षात आधार स्तम्भ होते है। मुझे तो हंसी आती है। जो क़ुदरत की तुच्छ रचना मानव- मानव को नहीं समझता है वहीं क़ुदरत को समझने का दावा करता है किन्तु उसकी बनायीं छोटी सी रचना को समझने में खुद को पूर्णता असमर्थ रहता है।जो वास्तव में उसकी पतित मानसिकता और तुच्छ विचारधारा का प्रमाण है।
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विचार
अमर'अरमान'
बघौली,हरदोई।
उत्तर प्रदेश ईश्वर क्या है ?

#shore

Rajkumar Kushwah

क्या ईश्वर है? ईश्वर के होने का प्रमाण।

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Nojoto Hindi (नोजोटो हिंदी)

ईश्वर से क्या शिक़ायत है? #complaints #QandA

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 ईश्वर से क्या शिक़ायत है?
#Complaints #QandA

Ruchi Rathore

#God ईश्वर से क्या शिक़ायत है? #complaints #QandA #विचार

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'''ईश्वर"' 

ऐसा नहीं की तुमको मानती नहीं,,
किस बात से नाराज हूँ, जानती नहीं,
है कैसा खुदा तु, जो सुनता मेरी कुछ नहीं..
होगा मजबूर तु भी कही,,
कितना भी तलाश करू मिलता नहीं,,
मेरी क्यू सुनता नहीं..! #God ईश्वर से क्या शिक़ायत है?
#Complaints #QandA

Jatin

ईश्वर ना है या है ईश्वर #story

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मेरी कलम से.....

 ईश्वर ना है,या है ईश्वर,
 क्या इसमें सच्चाई है।
 वह जो कहता है ईश्वर कि, 
 वह कोई भरमाई है।
 या जो कहता ना है ईश्वर कि,
 वह कोई हरजाई है।
 कहां गए गोविंद वह कि,
 द्रौपदी की चीर बचाई है।
 आज जो चीरा ही नहीं अपितु,
 कुत्तों ने बेटी जलाई है।
 ईश्वर ना है या है ईश्वर, 
 क्या इसमें सच्चाई है।
 बिलख रहा है संविधान कि,
 न्याय की धज्जी उड़ाई है।
 याचिका के नाम पर,
 कुत्तों की फांसी रुकवाई है।
 अखबारों में फिर एक खबर नहीं आई है, 
 चंद माह की बच्ची भी दरिंदों ने नोंच खाई है।
 चाय की दुकान पर बैठकर अखबारियों ने 
 फिर एक चुस्की लगाई है। 
 और व्यंग्य मे कहे कि
 पिछले जन्मों की सजा उसने (पीड़ित ने) पाई है।
 ईश्वर ना है या है ईश्वर,
 क्या इसमें सच्चाई है।

                                     
                                     -जतिन ईश्वर ना है या है ईश्वर

Arvind Dubey

ईश्वर मनुष्य ही ईश्वर है।

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God in 5 words 
मनुष्य यदि अपनी पशुत्व ख़त्म कर दे तो वह ईश्वर है। ईश्वर
मनुष्य ही ईश्वर है।
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