Nojoto: Largest Storytelling Platform

New चार वेद Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about चार वेद from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, चार वेद.

    PopularLatestVideo
631fbc7dc112bed68bf23a85ac085f98

Arun Gaur

चार वेद Priyanka Bhote Gd Rajput POOJA UDESHI

चार वेद Priyanka Bhote Gd Rajput POOJA UDESHI #समाज

165 Views

c6d7c7ba145bb2b770f3944853cccf0a

Ravi Sharma

आंखों में छिपे जाम किसी काम के नहीं 
राधा बिना तो श्याम किसी दाम के नहीं ।।

होती रहे बागों में बहारों कि परवरिश ।
फूलों बिना गुलदान किसी काम के नहीं ।। 

होता है बाजारों में तिजारत का सिलसिला।
मुनाफे के बिना दाम किसी काम के नहीं ।।

वेदों में पुराणों में उपनिषदों में ही रहे ।
सर्वस्व ज्ञान , बिन राम, किसी काम के नहीं।।

होता रहे छुप के इश्क़ ,पींग प्यार कि बढ़े ।
पर यार के बिन आराम किसी काम के नहीं ।

आंखों से पीया है नशा और नशे काम के नहीं। 
 मयखाने में साकी तेरे ये जाम किसी काम के नहीं।।

आकाश में घिर घिर के घुमड़ती है बदलियां
पानी बिना ये तामझाम , किसी काम के नहीं।।

चारों ही धाम घूम लिए , चार वेद भी पढ़े।
पूजे नहीं मां बाप तो सब काम, किसी काम के नहीं।।

लिखते रहे  छंद , शेर हमने भी गढ़े 
मीटर बिना ये काम , किसी काम के नहीं ।।

©Ravi Sharma आंखों में छिपे जाम किसी काम के नहीं 
राधा बिना तो श्याम किसी दाम के नहीं ।।

होती रहे बागों में बहारों कि परवरिश ।
फूलों बिना गुलदान किसी का

आंखों में छिपे जाम किसी काम के नहीं राधा बिना तो श्याम किसी दाम के नहीं ।। होती रहे बागों में बहारों कि परवरिश । फूलों बिना गुलदान किसी का #शायरी

8 Love

0113f2b8c225f7da969487dce996b738

Jeet Jangir

अगर मैं रावण होता तो caption me Padhiye *मैं ही राम, मैं ही रावण*

हां रावण हूं मैं रावण हूं,
धर्मशास्त्र का परमज्ञाता,
शिव उपासक ब्राह्मण हूं,
हां रावण हूं मैं रावण हूं।

कुटिल नह

*मैं ही राम, मैं ही रावण* हां रावण हूं मैं रावण हूं, धर्मशास्त्र का परमज्ञाता, शिव उपासक ब्राह्मण हूं, हां रावण हूं मैं रावण हूं। कुटिल नह #Raavan #jeetworld

45 Love

fb620c786d2ee468f715cc5ad251fa31

Vikas Sharma Shivaaya'

गायत्री मंत्र:-
ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्’ को अत्‍यंत प्रभावी मंत्रों में से एक माना गया है। 
इस मंत्र का अर्थ होता है क‍ि 'सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, परमात्मा का वह तेज हमारी बुद्धि को सद्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें।
गायत्री मंत्र का दूसरा नाम 'तारक मन्त्र' भी है , तारक अर्थात् तैराकर🏊 पार निकाल देने वाली शक्ति...

मान्यता है कि सृष्टि के प्रारंभ में ब्रह्मा जी पर गायत्री मंत्र प्रकट हुआ था, इसके बाद ब्रह्मा जी ने गायत्री मंत्र की व्याख्या देवी गायत्री की कृपा से अपने चारों मुखों से चार वेदों के रुप में की- प्रारंभ में गायत्री मंत्र सिर्फ देवताओं के लिए ही था।

गायत्री मंत्र : 24 अक्षरों की 24 शक्तियां, 24 सिद्धियां, 24 देवता:-
तत्: देवता -गणेश, सफलता शक्ति। ... 
स: देवता-नरसिंह, पराक्रम शक्ति। ... 
वि: देवता-विष्णु, पालन शक्ति। ... 
तु: देवता-शिव, कल्याण शक्ति। ... 
व: देवता-श्रीकृष्ण, योग शक्ति। ... 
रे: देवता- राधा, प्रेम शक्ति। ... 
णि: देवता- लक्ष्मी, धन शक्ति। ... 
यं: देवता- अग्नि, तेज शक्ति।

विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 244 से 254 नाम 
244 जह्नुः अज्ञानियों को त्यागते और भक्तो को परमपद पर ले जाने वाले
245 नारायणः नर से उत्पन्न हुए तत्व नार हैं जो भगवान् के अयन (घर) थे
246 नरः नयन कर्ता है इसलिए सनातन परमात्मा नर कहलाता है
247 असंख्येयः जिनमे संख्या अर्थात नाम रूप भेदादि नहीं हो
248 अप्रमेयात्मा जिनका आत्मा अर्थात स्वरुप अप्रमेय है
249 विशिष्टः जो सबसे अतिशय (बढे चढ़े) हैं
250 शिष्टकृत् जो शासन करते हैं
251 शुचिः जो मलहीन है
252 सिद्धार्थः जिनका अर्थ सिद्ध हो
253 सिद्धसंकल्पः जिनका संकल्प सिद्ध हो
254 सिद्धिदः कर्ताओं को अधिकारानुसार फल देने वाले

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' गायत्री मंत्र:-
ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्’ को अत्‍यंत प्रभावी मंत्रों में से एक माना गया है।

गायत्री मंत्र:- ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्’ को अत्‍यंत प्रभावी मंत्रों में से एक माना गया है। #समाज

7 Love

066ca614ca9cb462087a2d40fe74dd43

आयुष पंचोली

सनातन धर्म की देन "ग्रंथ"
जिनमे छुपा हैं, ब्रह्मांड का हर राज। 4 वेद,
4 उपवेद,
6 शास्त्र,
18 पुराण,
108 उपनिषद,
2 महाकाव्य,
और
1 भगवद् वाणी का संकलन श्रीमद भगवद् गीता..!!!

4 वेद, 4 उपवेद, 6 शास्त्र, 18 पुराण, 108 उपनिषद, 2 महाकाव्य, और 1 भगवद् वाणी का संकलन श्रीमद भगवद् गीता..!!! #kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan #sanatandharm

22 Love

53e37c44c6f57dbdf57aa21cc111f3bd

Gumnam Shayar Mahboob

Lajawab 2 Q1-न तस्य प्रतिमा अस्ति यस्य् नाम महद्यस:(यजुर्वेद अधयाय32,मंत्र 3)
अर्थात- उस ईश्वर की कोई मूर्ति या प्रतिमा नही जिसका महान यश है
चार वेदों

Q1-न तस्य प्रतिमा अस्ति यस्य् नाम महद्यस:(यजुर्वेद अधयाय32,मंत्र 3) अर्थात- उस ईश्वर की कोई मूर्ति या प्रतिमा नही जिसका महान यश है चार वेदों

0 Love

c327c17ee7131ee4e95d747c5c3219f1

Jaydeep Yadav

 कृपया पुरा पढें 🕯🕯
#अधूरा_ज्ञान_खतरनाक_होता_है।

33 करोड़ नहीं 33 कोटि देवी देवता हैं हिंदू धर्म में ;

कोटि = प्रकार । 
देवभाषा संस्कृत में

कृपया पुरा पढें 🕯🕯 अधूरा_ज्ञान_खतरनाक_होता_है। 33 करोड़ नहीं 33 कोटि देवी देवता हैं हिंदू धर्म में ; कोटि = प्रकार । देवभाषा संस्कृत में #nojotophoto

1 Love

41c7dc6093cd03039667e6c878c7e97c

Vikas Dhaundiyal

उसका आना और जाना कहाँ एक सा था 
अब पता चला उसका इरादा कहाँ नेक सा था 

उसके और मेरे बीच छुपा कोई भेद सा था 
इस बात का उसे कभी कहाँ कोई खेद सा था 

वो जान के रिश्तों में कर रहा छेद सा था 
पता चला तब जब हो गया मैं मटियामेट सा था #इरादा #नेक #खेद #भेद #
a7a7ceed2a95abef8912448008d51ae3

Gopal Csc

वेद पुराण #वेद

27 Views

ca4927eb6181c416e521867c0ec57fe6

amit bhatt

चाय की चाह

चाय की चाह #कविता

67 Views

a6aee55f1169859bbaeefa6cafe73e02

'मनु' poetry -ek-khayaal

वेद के पहले न सत्य था न असत्य, प्रथम वेद में देवता भी उन्हें माना गया जो दृश्यमान प्राकृतिक शक्ति उर्जा स्त्रोत एवम तत्व थे, प्रथम वेद स्तुति संग्रह है, 
मानव बुद्धि के विकास के साथ साथ समाज और ईश्वर की धारणा को बल दिया गया। 
'मनु' वेद

वेद #Quote

13 Love

38d5adb6487783c2c127d0b57ef5948a

netrapal bharat

         " चार वेद "
1. ऋग्वेद                  
2.यजुर्वेद                 
             3.सामवेद
                4. अथर्ववेद

©netrapal bharat
  वेद

108 Views

66a9f0df8b713d7fad7c856e2499ccf1

Rajeshkumarpal

अपने हिंदू धर्म के अनुसार और वेद पुराण के अनुसार चार युग बताए गए हैं

अपने हिंदू धर्म के अनुसार और वेद पुराण के अनुसार चार युग बताए गए हैं #समाज

117 Views

247cb5e92aac24cd907a06cee78013b5

Anamika

आम हाथ का अचार पसंद और आचार नापसंद.. #आमऔरत#धंधा
#अचार#आचार
6652c1f5c8dc4d119251870a3ddb28ec

Pushpendra Patel

#चाई #चाय #tealover 

#lovebeat
1f118e15e4ab98a076e738ae55061890

Niraj Jha

 चाय वे इश्क़...

चाय वे इश्क़...

12 Love

386fbc109b83e8b6e1c4b0fdf3bea4cf

VED

जरा सम्हल कर किया करो दुसरों के सामने मेरी बुराइ, तूम जिससे बुराइ करते हो न वो अपने होते है ,आकर मुझे सब बता देते है। # वेद किंग

# वेद किंग

1 Love

65c23acb7a563ae6fe97655d0510b9d4

वेदों की दिशा

।। ओ३म् ।।

यो रे॒वान् योऽअ॑मीव॒हा व॑सु॒वित् पु॑ष्टि॒वर्द्ध॑नः।
 स नः॑ सिषक्तु॒ यस्तु॒रः ॥

पद पाठ
यः। रे॒वान्। यः। अ॒मी॒व॒हेत्य॑मीऽव॒हा। व॒सु॒विदिति॑ वसु॒ऽवित्। पु॒ष्टि॒वर्द्ध॑न॒ इति॑ पुष्टि॒ऽवर्द्ध॑नः। सः। नः॒। सि॒ष॒क्त्विति सिषक्तुः। यः। तु॒रः ॥


(यः) जो वेदशास्त्र का पालन करने (रेवान्) विद्या आदि अनन्त धनवान् (अमीवहा) अविद्या आदि रोगों को दूर करने वा कराने (वसुवित्) सब वस्तुओं को यथावत् जानने (पुष्टिवर्द्धनः) पुष्टि अर्थात् शरीर वा आत्मा के बल को बढ़ाने और (तुरः) अच्छे कामों में जल्दी प्रवेश करने वा करानेवाला जगदीश्वर है (सः) वह (नः) हम लोगों को उत्तम-उत्तम कर्म वा गुणों के साथ (सिषक्तु) संयुक्त करे ॥

(Yah) Those who follow Vedasastra (Revanism), etc. Eternal wealth (Amivah), Avidya etc. To get rid of diseases and get (Vasuvit) to know all things accurately (Confirmation): Confirmation means to increase the strength of body or soul and  Jagadishwar is the one who enters early in good deeds (s) He (nah) combines us with good works and virtues (sishktu)

( यजुर्वेद .३.२९ ) #वेद #मंत्र
c40d071b4fa9224f3dd6b3a09de9fed9

Risabh shukla

इस दुनिया में कुछ भी अनमोल
नही है
समय एक दिन सबको मिट्टी में मिला देगा
।।ऋआ फाउंडेशन।।

©Prakash Pandit
  वेद गर्ग

वेद गर्ग #विचार

27 Views

1dcfbdb857d06e42536dfd58d8dde4a7

Jitendrasing

वेद विठ्ठलराव

वेद विठ्ठलराव #Knowledge

268 Views

65c23acb7a563ae6fe97655d0510b9d4

वेदों की दिशा

।। ओ३म् ।।

कः स्वि॑देका॒की चर॑ति॒ कऽउ॑ स्विज्जायते॒ पुनः॑।
 किस्वि॑द्धि॒मस्य॑ भेष॒जं किम्वा॒वप॑नं म॒हत्॥

पद पाठ
कः। स्वि॒त्। ए॒का॒की। च॒र॒ति॒। कः। ऊँ॒ऽइत्यूँ॑। स्वि॒त्। जा॒य॒ते॒। पुन॒रिति॒ पुनः॑। किम्। स्वित्। हि॒मस्य॑। भे॒ष॒जम्। किम्। ऊँ॒ऽइत्यूँ॑। आ॒वप॑न॒मित्या॒ऽवप॑नम्। म॒हत्॥

हे विद्वानो ! हम लोग तुम को पूछते हैं कि (कः स्वित्) कौन (एकाकी) एकाएकी अकेला (चरति) विचरता है? (उ) और (कः, स्वित्) कौन (पुनः) बार-बार (जायते) प्रगट होता है? (किम्, स्वित्) क्या (हिमस्य) शीत का (भेषजम्) औषध और (किम्) क्या (उ) तो (महत्) बड़ा (आवपनम्) बीज बोने का स्थान है? ॥

Hey scholars!  We ask you (who: self) who is (lonely) lonely (charati) wandering?  (A) and (A: self), who (again) appears again and again (jayate)?  (Kim, Svitta) Is (Himsya) Cold (Bheshajam) Drug and (Kim) Is (U) So (great) big (Aappanam) is the place of sowing seeds? 

( यजुर्वेद २३.९ ) #यजुर्वेद #वेद
f2fc42b7411cc6e410a0f4dfb7ba229d

manoj kumar jha"Manu"

"यत्पुरुषेण हविषा देवा यज्ञमतन्वते।
वसन्तोSस्यासीदाज्यं ग्रीष्मSइध्म: शरद्धवि: ..."।।

देवताओं ने उस (विराट) पुरुष के शरीर में ही हविष्य की भावना करके यज्ञ सम्पन्न किया। इस यज्ञ में वसन्त ऋतु घृत, ग्रीष्म ऋतु इन्धन और शरद ऋतु हविष्य हुए अर्थात देवताओं ने इनमें यह भावना की।
(इस मंत्र में सृष्टि रूप यज्ञ का वर्णन)।
पुरुषसूक्त वेद पढ़ो

वेद पढ़ो

0 Love

a014142971ddb2b6a9ed188a1eec4dd9

Nitesh Kumar jha ....✓

#वेद #वेद_सत्य
451d3a62542f7d0f21d037fb03671495

Ruchi Sharma

शक्ति है भक्ति है
जन्मों की मुक्ति है
जीवन का ये संपूर्ण सार है...

युग युग से कण कण में
सृष्टि के दर्पण में
वेदों की कथा अपार है..

धर्मो की गाथा है
देवों की भाषा है
सदियों के इतिसाह को प्रणाम है...

©Ruchi Sharma 
  वेद सार

128 Views

e9e7988e6f4f74544c6da90193202506

राजेश गुप्ता'बादल'

दस्तूर ए दुनियां इस इश्क में खार ही डालेगी।
गर हो सका तो जुगनुओं पर वो गार ही डालेगी।
पीऊं तो गुनाह ए कुदरत ना पीऊं तो मलाल,
उफ्फ!शबनम ये तेरे लवों की मार ही डालेगी।

राजेश गुप्ता'बादल'मुरैना मध्यप्रदेश #खार #गार #शबनम #जुगनू #shayri #oneliner
65c23acb7a563ae6fe97655d0510b9d4

वेदों की दिशा

।। ओ३म् ।।

कः स्वि॑देका॒की चर॑ति॒ कऽउ॑ स्विज्जायते॒ पुनः॑।
 किस्वि॑द्धि॒मस्य॑ भेष॒जं किम्वा॒वप॑नं म॒हत्॥

पद पाठ
कः। स्वि॒त्। ए॒का॒की। च॒र॒ति॒। कः। ऊँ॒ऽइत्यूँ॑। स्वि॒त्। जा॒य॒ते॒। पुन॒रिति॒ पुनः॑। किम्। स्वित्। हि॒मस्य॑। भे॒ष॒जम्। किम्। ऊँ॒ऽइत्यूँ॑। आ॒वप॑न॒मित्या॒ऽवप॑नम्। म॒हत्॥

हे विद्वानो ! हम लोग तुम को पूछते हैं कि (कः स्वित्) कौन (एकाकी) एकाएकी अकेला (चरति) विचरता है? (उ) और (कः, स्वित्) कौन (पुनः) बार-बार (जायते) प्रगट होता है? (किम्, स्वित्) क्या (हिमस्य) शीत का (भेषजम्) औषध और (किम्) क्या (उ) तो (महत्) बड़ा (आवपनम्) बीज बोने का स्थान है? ॥

Hey scholars!  We ask you (who: self) who is (lonely) lonely (charati) wandering?  (A) and (A: self), who (again) appears again and again (jayate)?  (Kim, Svitta) Is the (ice) cold (Bheshajam) medicine and (Kim) is (U) so (great) big (Aappanam) is the place to sow seeds?  

( यजुर्वेद २३.९ ) #यजुर्वेद #वेद #प्रश्न
65c23acb7a563ae6fe97655d0510b9d4

वेदों की दिशा

।। ओ३म् ।।

प्र॒जाप॑तौ त्वा दे॒वता॑या॒मुपो॑दके लो॒के नि द॑धाम्यसौ। 
अप॑ नः॒ शोशु॑चद॒घम् ॥

पद पाठ
प्र॒जाप॑ता॒विति॑ प्र॒जाऽप॑तौ। त्वा॒। दे॒वता॑याम्। उपो॑दक॒ इत्युप॑ऽउदके। लो॒के। नि। द॒धा॒मि॒। अ॒सौ॒ ॥ अप॑। नः॒। शोशु॑चत्। अ॒घम् ॥

हे जीव ! जो (असौ) यह लोक (नः) हमारे (अघम्) पाप को (अप, शोशुचत्) शीघ्र सुखा देवे, उस (प्रजापतौ) प्रजा के रक्षक (देवतायाम्) पूजनीय परमेश्वर में तथा (उपोदके) उपगत समीपस्थ उदक जिसमें हों (लोके) दर्शनीय स्थान में (त्वा) आप को (नि दधामि) निरन्तर धारण करता हूँ ॥

Hey creature  Which (Asau) this lok (nah) shall dry our (agham) sin (up, Shoshuchat) soon, the (Prajapatau) protector of the subjects (Devatayam) in the venerable God and (Upodake) subordinate Udkat in which (Lokay) is visible  In the place (Twa), I keep you (childless) constantly.

( यजुर्वेद ३५.६ ) #यजुर्वेद #वेद #धारणकर्त्ता
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile