" मैं और तुम मिलेंगे इस ख़्याल से की ,
अब भी कुछ ख़्याल की गुंजाइश बाकी हैं ,
राब्ता करें तो करें कैसे इस शहर में ,
अभी हमारे जान-पहजान की #शायरी#नुमाइश
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MSkhan Kabiri
मुझे भी नहीं पता चला वो दिल में कब आ गया.
इश्क किससे करें कैसे और सब आ गया.
हम दोनों को एक होने से क्या कोई रोकता एमएस.
फिर दीवार बनकर बीच #शायरी#Mic