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Parasram Arora
आज भी जीवित है हमारी बंद और अँधेरी गलियों का अस्तित्व और उनमे रहने वाली मानवीय सभ्यता का अंतिम आदमी और ये भी कैसी विडंबना है कि हमारी पृथ्वी और प्रकृति नही धो पायी है इस सभ्यता के विगत पाप और आज भी उनका बोझ उठाने के लिये वो विवश है ©Parasram Arora विगत पाप...
Parasram Arora
गोल्ड़न जुबली वाले दिन क़े विगत पचास वर्षों मे न जाने कितनी बार बिखरने क़े अवसर आये मेरे जीवन मे और हर बार संभाला है"उसने " मुझे अपना समझ कर न जाने कितनी त्रासदियां क़े दुख आये जीवन मे इस दरमियान लेकिन हर दुख क़े सामने "वो " डटी रही पहाड़ बन कर और निभाती रही मेरे कर्तव्यों को अपना समझ कर मेरी हर छोटी मोटी बीमारी मे तने रहे उसके रतजगे छतरी बन कर यध्यपि उसका ईश्वर अलग था और मेरा अलग लेकिन उन ईश्वरों मे कभी हुई नहीं. टकराहट हमारा तालमेल देख कर मेरी मानवीय भूले हो या अमानवीय अपराध सभी को " वो " करतीं रही नजर अंदाज़ मेरी नादानी समझ कर ©Parasram Arora गोल्डन जुबली और विगत स्मृतियाँ
Parasram Arora
असल मे मरघट और महल का फासला उनके लीए ही है जिनके मन मे महल की आकांशा है मरघट और महल मे कोई फासला नही है फासला हमारी आकांक्षाओं मे है हम महल चाहते हैँ... मरघट हम नही चाहते इसीलिए फासला है. जहा महल खड़े हैँ वहा मरघट बहुत बार बन चुके जहाँ.मरघट बने हैँ वहा बहुतपहले महल बन कर गिर चुके हैँ और सब महल अंततः मरघट बन जाते है और सब मरघटोपर महल खडे हौ जाते हैँ फर्क क्या है? फासला क्या है? ©Parasram Arora फर्क क्या है? फासला क्या है?
Deepak Namdev
बस देखते जाओ..... क्या - क्या होता है | #gif क्या क्या होता है
Mr.Duke
गुलाब, ख़्वाब, दवा, जहर,जाम,क्या~क्या है। मैं आ गया हूं महफ़िल में,बस बता ©Mr.Duck~AK Shayar क्या क्या है????? #ShahRukhKhan
Deepak Pandit
मंजिलें क्या है, रास्ता क्या है? हौसला हो तो फासला क्या है ©Deepak Pandit मंजिलें क्या है, रास्ता क्या है? हौसला हो तो फासला क्या है
Vickram
काफी लम्बे अरसे से खुद को समझाते आया हुं मैं । कल जो समझ जाता था आज वो मानता ही नहीं । कौन सा राज है जो मुझे मे ही समझ नहीं आ सका । लगता है कि मैं खुद को कभी समझ पाया ही नहीं । ©Vickram बात क्या है,,, और दुनिया क्या है,,,
Sen Sahab Manish ji
वैसे तो रोज होती है नई सुबह उसमे नया क्या... वहीं रंगत है वहीं संगत है...... उसमें नया क्या है... गोधूलि भी वहीं है और सवेरा भी वहीं उसमे नया क्या है... पर....😏 रोज जिंदगी जीते आंसुओ को भी पीते है हटकर और उठकर जो जिया है एक एक पल वही तो असली जीवन है और जीवन का उद्घार करो फिर भी कुछ अच्छा न हो तो... उसमे नया क्या है... नया क्या है.. शुरुआत है भी नया क्या है...