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Sanjay Sharma Saras
लुळ-लुळ करै जुहार, साजण सामी गोरड़ी, कद निरखै ! भरतार , दोयूं नैंण उडीकता। ©Sanjay Sharma Saras #राजस्थानी_सोरठा लुळ-लुळ करै जुहार, साजण सामी गोरड़ी, कद निरखै ! भरतार , दोयूं नैंण उडीकता। ©® संजय शर्मा 'सरस' अर्थ - अपने साजन के सामने ब
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
गुपाल /भुजंगिनी छन्द हाथ जोड़कर , करूँ पुकार । बिनती सुन लो , अब भरतार ।। तव लिए रखूँ , मैं उपवास । बनी रहूँगी , पद की दास ।। देखो आया , बालक द्वार । करो नही तुम , आज प्रहार ।। आया अब है , ऊँट पहाड़ । छूते नभ को , बनकर ताड़ ।। ०३/०५/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गुपाल /भुजंगिनी छन्द हाथ जोड़कर , करूँ पुकार । बिनती सुन लो , अब भरतार ।। तव लिए रखूँ , मैं उपवास । बनी रहूँगी , पद की दास ।। देखो आया ,
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
गुपाल /भुजंगिनी छन्द आठ सात पर यति चरणांत एक दो एक । हाथ जोड़कर , करूँ पुकार । बिनती सुन लो , अब भरतार ।। करता तेरा , हूँ उपवास । पथ दिखलाओ , करूँ विकास ।। देखो आया , बालक द्वार । करो नही तुम , आज प्रहार ।। आया अब है , ऊँट पहाड़ । छूते नभ को , बनकर ताड़ ।। ०३/०५/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गुपाल /भुजंगिनी छन्द आठ सात पर यति चरणांत एक दो एक । हाथ जोड़कर , करूँ पुकार । बिनती सुन लो , अब भरतार ।। करता तेरा , हूँ उपवास । पथ दिखलाओ
Anita Saini
जान बणार जीवण म राखज्यो मानै माण बणार आँख्याँ म राखज्यो मानै लाज बणार माथा प राखज्यो मानै ताज बणार छाती प राखज्यो मानै मोत्यां रो हार बणार म थारी गौरड़ी जी थानै राखस्यूं भरतार माथे रो बोरलो सो सजार हिवड़े म राखज्यो मानै जान बणार जीवण म राखज्यो मानै माण बणार आँख्याँ म राखज्यो मानै लाज बणार माथा प राखज्यो मानै ताज बणार
Aashutosh Aman.
#hindisahitya#hindikavita#tulsi janma bhoomi sukar kshetra soron ji district kasganj u p 🙏🙏🙏🙏🙏 सूर्य के स्वामी हो तुम और योग पर अधिकार भी । सत्य गामी भी हो तुम और ईश् के अवतार भी। । श्रद्धा और विश्वास से करते हो तुम व्यवहार भी। अन्याई हैं हम भी तुम्हारे इसलिए भरतार भी।। हम नमन करते हैं तुमको मानकर करतार भी फिर असत्य का साथ क्यों करते न क्यों प्रतिकार जी।।। करबद्ध विनती आपसे करते हम हर बार जी। आप जन नायक, हृदय आदर्श हो सरकार जी।। आशुतोष अमन🙏🙏🙏🙏🙏 ___________&&&&--&&&&&&& ©Aashutosh Aman. #hindisahitya#hindikavita#tulsi janma bhoomi sukar kshetra soron ji district kasganj u p 🙏🙏🙏🙏🙏 सूर्य के स्वामी हो तुम और योग पर अधिकार भी ।
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
बोल रहा मुंडेर पर , निशिदिन मेरे काग । कहता जीवन भर मिले , तुझे सजन अनुराग ।। १ सावन से पहले सजन , आ जाना इस बार । कब तक करती मैं रहूँ , यह विरहन शृंगार ।। २ पिया यही अनुराग तो , है मेरा शृंगार । बिन तेरे झूठा लगे , मुझको यह संसार ।। ३ मिले पिता अनुराग जो , बच्चे हो सम्पन्न । घर आँगन खुशियां खिलें , देखो सभी प्रसन्न ।। ४ सावन के झूले पड़े , पूर्वा चले बयार । नैना प्यासे दीद को , आ जाओ भरतार ।। ५ आज उसी अनुराग से , भर दो मेरी माँग । खिल जाऊँ बनके कली , दूँ कोयल सी बाँग ।। ६ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR बोल रहा मुंडेर पर , निशिदिन मेरे काग । कहता जीवन भर मिले , तुझे सजन अनुराग ।। १ सावन से पहले सजन , आ जाना इस बार । कब तक करती म
के_मीनू_तोष
Devesh Dixit
अनंत (दोहे) लीला अनंत आपकी, ओ गिरिधर गोपाल। जकड़े जिसमें हैं सभी, वो है माया जाल।। जिसे रचा है आपने, माया वही अनंत। कैसे अब दीदार हों, ओ मेरे भगवंत।। महिमा अनंत आपकी, कहते सभी सुजान। एक न पत्ता हिल सके, जाने सकल जहान।। भजे आपको जो कभी, उसका बेडा पार। सुख साधन से हो धनी, ऐ मेरे भरतार।। सत्य बचाने के लिए, रूप किया विस्तार। चलता अनंत काल से, जीवन का ये सार।। कलियुग ने घेरा अभी, है उसका ही जोर। हुए अनंत प्रहार हैं, दर्द सहें अब घोर।। ........................................................ देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #अनंत #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry अनंत (दोहे) लीला अनंत आपकी, ओ गिरिधर गोपाल। जकड़े जिसमें हैं सभी, वो है माया जाल।। जिसे रचा ह