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SURAJ आफताबी
ओढ़ घूँघट शहनाज हुये फिरती है ख्वाहिशें मेरी मुझसे नाराज हुये फिरती है जिसके ध्वस्त राजतंत्र में जहाँ हर हाथ हो बारूद नकब़ते मेरी उस शंहशाह की उग्र आवाम हुये फिरती है ! महबूब जो थे मेरे वो तो बस चले महबूबनगर रूह अब तो जिस्म की बंधुआ गुलाम हुये फिरती है महबूब के कर्ण-झुमकों में जो ताउम्र ठहर गई साँसें मेरी उस धुन का तकियाकलाम हुये फिरती है ! शहनाज़- दुल्हन नकब़ते - मुसीबतें #feelings #pain #life #yqbaba #yqdidi #poetry #zindagi #surajaaftabi
Ravendra
नकब लगा कर चोरों ने की चोरी ©Ravendra नकाब लगाकर चोरी रुपैडीहा थाना क्षेत्र के भगवानपुर गांव में बीती रात चोरों ने ईट की दीवाल में नकब लगाकर घर में रखी वस्तुओं की चोरी कर ली ।भ
Ravendra
sanjupandit
चेहरे ही तो हैं अक्सर बदल जाते हैं कभी कभी नकाब ओढ कर कभी कभी नकाब उतार कर कभी कभी मौसम के साथ कभी कभी मिजाज के साथ कभी कभी कलम के साथ कभी कभी बोल के साथ कभी कभी तख्त के साथ चेहरे ही तो हैं देहलीज शमशान की थोड़ी हैं जो हर शख्स झुक जायेगा चेहरे ही तो है महल का फाटक थोडी है आ कर हर शख्स जहा रुक जायेगा ©sanjupandit नकाब
sanjupandit
चेहरे ही तो हैं अक्सर बदल जाते हैं कभी कभी नकाब ओढ कर कभी कभी नकाब उतार कर कभी कभी मौसम के साथ कभी कभी मिजाज के साथ कभी कभी कलम के साथ कभी कभी बोल के साथ कभी कभी तख्त के साथ चेहरे ही तो हैं देहलीज शमशान की थोड़ी हैं जो हर शख्स झुक जायेगा चेहरे ही तो है महल का फाटक थोडी है आ कर हर शख्स जहा रुक जायेगा ©sanjupandit नकाब
sanjupandit
चेहरे ही तो हैं अक्सर बदल जाते हैं कभी कभी नकाब ओढ कर कभी कभी नकाब उतार कर कभी कभी मौसम के साथ कभी कभी मिजाज के साथ कभी कभी कलम के साथ कभी कभी बोल के साथ कभी कभी तख्त के साथ चेहरे ही तो हैं देहलीज शमशान की थोड़ी हैं जो हर शख्स झुक जायेगा चेहरे ही तो है महल का फाटक थोडी है आ कर हर शख्स जहा रुक जायेगा ©sanjupandit नकाब
रवि अग्रवाल
चेहरे बदल-बदल के मुझे मिल रहे हैं लोग, ये क्या ज़ुल्म हो रहा है,मेरी सादगी के साथ.....! #नकाब
shashank tiwari
चेहरे पे चेहरा चढ़ा रखा है जुबां पे पहरा लगा रखा है कुछ तो खुलने दे जज्बातों को ऐसा भी क्या है जो छिपा रखा है? नकाब
अशुनुराग
तुम क्या अब जानोंगे नक़ाब में लिपटी इस ख़ामोशी को, जब बेनक़ाब बातों को तुम समज न सके! #नकाब