Find the Latest Status about दशमलव from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, दशमलव.
Arora PR
बीज़ गणित के सवालों को हल करने मे सभी अंको मे दशमलव मुझे बेहद प्रिय रहा और मैं तो आज भी इस बडी उम्र मे भी इस दशमलव के यथार्थ को समझने का प्रयास करता हूँ जबकि मेरे जीवन के सभी अंक खो चुके है लेकिन मेरा सर्वाधिक पसंदीदा ये दशमलव आज भी मेरे साथ रह रहा हैँ एक इकलौटे धूमकेतु क़ी तरह और आज इसका जो विश्लेषण मेरे सामने आया हैँ. उसका इक्वेशन इस प्रकार बना हैँ 0+0 = 0- . 0-0..=0 ©Arora PR दशमलव
Vivek Kumar Singh
एक दशमलव संख्या के, दो भागों की तरह हैं हम दोनों। साथ मिलकर ही पूर्ण होते हैं हम, परंतु बीच में रहता है एक बिंदु। वो बिंदु,जिसकी न कोई ऊँचाई है, न तो कोई लंबाई और न ही कोई चौड़ाई है। फिर भी हमें पृथक कर रखा है इसने, दो भागों में बाँट रखा है । दशमलव संख्या #vks #yqhindi #yqbaba #yqdidi #yqmuzaffarpur #freeverse #decimal
Nitish Mishra, what's aap,7238952541
हिंदी टीचर : दशमलव किसे कहते है? मैं : दसवीं बार हुए Love ❤ को दशम लव कहते हैं! 😝😹✌ # हिंदी टीचर : दशमलव किसे कहते है? मैं : दसवीं बार हुए Love ❤ को दशम लव कहते हैं! 😝😹✌ #mishra_Ji_In_Mood
Aashi Prajapati
🍁 कभी इस पार कभी उस पार.. उधेडबुन में फसीं हूँ.. दशमलव की सी जिन्दगी जीए जा रहीं हूँ .... 🍁 🍁 कभी इस पार कभी उस पार.. उधेडबुन में फसीं हूँ.. दशमलव की सी जिन्दगी जीए जा रहीं हूँ .... 🍁 #nojoto #nojito_hindi
परवाज़ हाज़िर ........
यांत्रिक कैलकुलेटर का आविष्कार विल्हेम शिकार्ड ने सन 1642 में किया था और इसे ब्लेज पास्कल का नाम दिया गया था। ©G0V!ND DHAkAD #LifeCalculator भारत में गणित के इतिहास को मुख्यता ५ कालखंडों में बांटा गया है- १. आदि काल (500 इस्वी पूर्व तक)(क) वैदिक काल (१००० इस्व
Sagar Raj Gupta
कवि राहुल पाल 🔵
मैं इधर था पड़ा ,वो उधर थी खड़ी प्रेम में गोले जैसे हम लुढ़कते रहे इश्क की जीवा,प्रेम का आधार बनी उनकी संगामी रचना में हम ढ़लते रहे !१! वो प्रमेय जैसे हमको सताते रहे हर एक बिंदु पर चाप हम लगाते रहे व्यास की आस थी वो त्रिज्या बने , हम परिधि पर बस चक्कर लगाते रहे !२! जब भी सोचा उन्हें संग जोड़ने को वो लगातार हमे खुद से घटाते रहे , जाने कैसे वो दिन प्रतिदिन दूने हुए हम गुणनखण्ड में ही टूट जाते रहे !३! वो न देखे हमारी तरफ अब कभी , साथ हर बिदु का उनसे निभाते रहे, वो थे हमारे हर केंद्र का केंद्र बिंदु , बस हर डगर डग को उनसे मिलाते रहे ..!४! जब मैं न्यून बना,वो अधिकतम बने कोंण सम्भव दशा से दूर जाते रहे विकर्ण थे मेरी इस जिंदगी का जो उनसे खुद को कई बार हम मिलाते रहे !५! वो अंक बने और मैं बना शून्य सा , वो दशमलव को लगा भूल जाते रहे प्यार के ब्याज का जब बंटवारा हुआ लाभ में वो रहे,हानि को खुद पाते रहे !६! तब सरल कोंण सी थी उनसे नजरें मिली आज समकोण से वो नजरें झुकाते रहे .. मैं बिना लक्ष्य की "राहुल "शब्द रेखा बना बस अनन्त यादें अनन्त तक ले जाते रहे !७! ~~((( गणित की विधा में प्रेम )))~~ मैं इधर था पड़ा ,वो उधर थी खड़ी प्रेम में गोले जैसे हम लुढ़कते रहे इश्क की जीवा,प्रेम का आधार बनी उनकी