Nojoto: Largest Storytelling Platform

New सुत्वाँ Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about सुत्वाँ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, सुत्वाँ.

Related Stories

    PopularLatestVideo

Ram Pujari

#faiz #Freedom #RamPujari बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे बोल ज़बाँ अब तक तेरी है तेरा सुत्वाँ जिस्म है तेरा बोल कि जाँ अब तक तेरी है

read more
बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे
बोल ज़बाँ अब तक तेरी है

तेरा सुत्वाँ जिस्म है तेरा
बोल कि जाँ अब तक तेरी है

देख कि आहन-गर की दुकाँ में
तुंद हैं शोले सुर्ख़ है आहन
खुलने लगे क़ुफ़्लों के दहाने
फैला हर इक ज़ंजीर का दामन

बोल ये थोड़ा वक़्त बहुत है
जिस्म ओ ज़बाँ की मौत से पहले

बोल कि सच ज़िंदा है अब तक
बोल जो कुछ कहना है कह ले

सुतवाँ जिस्म- कसा हुआ शरीर, आहन-गर- लौहकार, सुर्ख़- लाल, आहन- लोहा, क़ुफ़्लों- बंद #faiz #freedom #rampujari

बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे
बोल ज़बाँ अब तक तेरी है

तेरा सुत्वाँ जिस्म है तेरा
बोल कि जाँ अब तक तेरी है

~VanyA V@idehi ~

उनकी आँखे बड़ी बेहया ठहरी ,
उनका लहज़ा भी बेलौस सा रहता है ;
उन पर छाया रहता है अमीरी का सुरूर ,
उनकी शानो शौकत सब दिखावटी है !

उनसे मोहब्बत की उम्मीद ना रखना ,
ना ही उनसे करना वफ़ा की चाहत ;
यूँ कि...उनकी सुतवां नाक
कुछ ज़्यादा ही गुरुर बतियाती है !

ऐ दिल... चल अब थोड़ा सुस्ता ले ,
अपने खुले हुए ओसारे पर पैर फैला ले ;
यूँ कि, उनके सीलन भरे आँगन
धूप कभी कभी हीआती है !

©V Vanya #सुतवां नाक

Anand Kumar Ashodhiya

सातवाँ फेरा #हरयाणवी #कविता

read more
सातवाँ फेरा

सातवाँ फेरा लेते ही मेरा, छूट गया घर देई धाम
मात पिता संग बन्धु छुट्टे, छूट गया खुद का ही नाम

निज का गौत्र त्याग सजन का, नाम गौत अपणाया
अपणी हस्ती मिटा सजन मैं,  बणगी तेरी छाया
जित भी रखे कदम सजन मनै, अपणा शीश निवाया
मात-पिता गए छूट सजन मनै,  तेरा सहारा पाया
मेरे यकीन की धज्जी उड़गी, मनै पी लिया दर्दे जाम

मंगलसूत्र पहर पिया मन्ने, तज दिया कुटुंब क़बीला।
करकै शादी मेरी गैल में, तूँ बणग्या प्यार वसीला।।
दो दिन भीतर सूख गया फेर, तेरे प्यार का किल्ला
मार मार कै नील गेर दिए, कितै लाल कितै लीला
पैसे गाड़ी मांग मांग कै, तार लिया मेरा चाम

न्यू सोचूँ थी एक छुट्या तै, दूजा कुणबा मिलग्या
यो जजमा भी थोड़े दिन में, पत्ते की ज्यूँ हिलग्या
सुण सुण ताने सास ससुर के, मेरा काळजा छिलग्या
पाँच लाख और एक गाडी में, सबका चेहरा खिलग्या
दहेज देण में सब कुछ बिकग्या, घर भी होया नीलाम

धन के लोभी कापुरुषों की, दुनिया मे होगी भरमार
घर में ढावें जुल्म बीर पे , बाहर बीर  के पहरेदार
बिना रीढ़ के ढ़ोंगी माणस, औरत पे करैं अत्याचार
कुछ छूटें कुछ जळ कै मरज्या, बेबस दुखिया और लाचार
कहै आनन्द शाहपुर डूब कै मरज्या, खा कै धन हराम
गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया

©Anand Kumar Ashodhiya सातवाँ फेरा

#हरयाणवी

Sangeeta Patidar

रमज़ान सातवाँ दिन #रमज़ान_कोराकाग़ज़

read more
नुमाइश से अक़्सर इश्क़ को नज़र लगती है,
होता है बुरा, जो ज़माने को ख़बर लगती है।।

ख़ुशी से ज़्यादा दर्द आकर ठहरता है दिल में,
हर बात भी फ़िर एक ज़ख़्मी शहर लगती है।।

छोटी-छोटी बातों से जो बड़ा सुकून मिलता है,
न मिले ग़र रोज़, फ़िर इश्क़ में कसर लगती है।। 

फ़िक्र-ज़िक्र रहते वही, बदलते तो ये हालात हैं,
शक़ और हक़ की रीत भी फ़िर ज़बर लगती है।।

नुमाइश से अक़्सर इश्क़ को नज़र लगती है,
होता है बुरा, जो ज़माने को ख़बर लगती है।। रमज़ान सातवाँ दिन
#रमज़ान_कोराकाग़ज़

Prakash Shukla

"मैं और मेरी तन्हाई"सातवाँ भाग

read more
"मैं और मेरी तन्हाई"सातवाँ भाग
वह सीधे अपने घर पहुँची और फिर अगले दिन वह स्कूल नहीं आई मैं जब स्कूल पहुँचा तो सारा हाल सुना वह मुझसे कुछ कहना चाहती थी पर क्या यह भविष्य के गर्त में था मैने उसकी सहेली से बात की पर उसे भी उसके बारे मे ज्यादा कुछ पता नहीं था खैर यह दिन बीत गया 
                         अगले दिन जब वह आई तो वह चुपचाप गुमशुम सी बैठी थी उसकी चंचलता को जैसे किसी की नजर लग गई हो जैसे कोई बहुत बडी़ विपदा उस पर टूट पडी़ हो वह केवल शान्त बैठी थी
                         मैं हिम्मत जुटाकर उसके पास गया उससे उसकी उदासी का कारण जानना चाहा पर वह फिर भी शान्त ही बैठी रही उसने मुझसे बात भी नहीं किया वह क्या सोंच रही थी यह समझ पाना मेरे लिए कठिन था उसकी खामोशी मुझे खल रही थी मुझे उसका खामोश रहना खाए जा रहा था वह लड़की जो कभी शान्त नहीं रहती वह आज शान्त कैसे थी मेरा तो सर फटा जा रहा था यह सोंचकर
                         हम सब क्लास मे गए और सभी अपनी अपनी जगह बैठ गए वह काफी उदास थी उसका चेहरा भी लाल टमाटर जैसा दिखने लगा था मैं तो पागल हुआ जा रहा था कि उसको हुआ क्या है करीब स्कूल के पाँच घण्टे बीत गए थे पर उसको क्या हुआ यह समझ नहीं आ रहा था पर मुझे उसका टमाटर जैसा लाल चेहरा तो दिख रहा था पर मेरा चेहरा तो मैं देख ही नहीं पा रहा था सभी मेरे चेहरे को देखकर हँसने लगे मेरे चेहरे का रंग तो पता नहीं कौन कौन से ले रहा था मेरा चेहरा बैंगन की तरह काला पड़ चुका था चारो ओर सब मुझ पर हँस रहे थे मुझे बुरा भी लगा पर उन हँसते हुए चेहरों में कहीं एक खिलखिलाता सा चेहरा भी नजर आ रहा था जिसकी वजह से मैं कुछ बोल नहीं पाया आज के दिन उसने मुझे बुद्धू बनाए रखा मैं स्तब्ध रह गया पर उसके मुस्कुराते चेहरे को देखकर मै सब भूल गया बस उसको खिलखिलाते देखना ही अच्छा लगने लगा था छुट्टी होने के बाद हम सब अपने अपने घर चले गए हमें आज एक टास्क मिला था जिसे हमें दो दिन मे पूरा करना था हम सबको उस टास्क को पूरा करने के लिए एक टीम का चयन करना था जो अगले दिन किया गया
                                  *प्रकाश* "मैं और मेरी तन्हाई"सातवाँ भाग

Pankaj Singh Chawla

सुत्ता - सोया रह गया #सादगी #कमाल #सलाम #yqbaba #yqdidi #yqpowrimo #yqbhaji #pchawla16

read more
सादगी तेरी आज फिर कमाल कर गई,
मैं सुत्ता रह गया तेरी यादां वीच सोह्निये,
तू मेरे शहर विच आयी ते सलाम कर गई।। सुत्ता - सोया रह गया

#सादगी #कमाल #सलाम #yqbaba #yqdidi #yqpowrimo #yqbhaji #pchawla16
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile