Find the Latest Status about आत्माएं होती है कि नहीं from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, आत्माएं होती है कि नहीं.
Manjeet Sharma 'Meera'
सच है कि सियासत में मुहब्बत नहीं होती गर होती मुहब्बत तो सियासत नहीं होती मनजीत शर्मा 'मीरा' #सच है कि सियासत में मुहब्बत नहीं होती गर होती मुहब्बत तो सियासत नहीं होती।
Nehru Katariya {ajnabi}
2 Years of Nojoto कैसे कह दूँ कि मुलाक़ात नहीं होती है रोज़ मिलते हैं मगर बात नहीं होती है कैसे कह दूँ कि मुलाक़ात नहीं होती है रोज़ मिलते हैं मगर बात नहीं होती है
Saud Ansari
कैसे कह दूँ कि मुलाक़ात नहीं होती है रोज़ मिलते हैं मगर बात नहीं होती है S.A ©Saud Ansari कैसे कह दूँ कि मुलाक़ात नहीं होती है रोज़ मिलते हैं मगर बात नहीं होती है #SunSet
Haal E Dil { jav }
बात इतनी सी है कि.. अब बात नहीं होती..!! बात इतनी सी है कि.. अब बात नहीं होती..!!
Javed Pasha
ऐसा नहीं है कि दिन नहीं ढलता या रात नहीं होती... सब अधुरा अधुरा सा लगता है जब बात नहीं होती.... ऐसा नहीं है कि दिन नहीं ढलता या रात नहीं होती... सब अधुरा अधुरा सा लगता है जब बात नहीं होती....
anuragbauddh
कि हमारी मुलाकात नहीं होती, दिन छोटे हैं वो लम्बी रात नहीं होती.-2 कि अब हमारी मुलाकात नही होती. बाते,बातें तो होती हैं पर 💑बात नहीं होती. मै सो रहा हूँ मुझे हो सके जगा देना , मिले आजादी कहीं तो मुझे बता देना . काफी वक्त हुआ राह तक रहा हूँ हर दरवाजे ,खिडक़ी रोशनदान तक रहा हूँ. एक चहारा नजर आता हैं कुछ धूंधला ,कुछ मयूस नजर आता हैं . ये केद मेरी मुझे समझ नही आती. तू आजाद है मेरी आजादी मुझे नजर नही आती -2 . मै तुझसे तू मुझसे ही तो जुड़ा है. क्यों आँखे मुद रखी मुझसे जुदा है. चल छोड़ कुछ नया कहते हैं . मुझे छोड़ तेरी ओर चलते हैं. मै बतता हूँ तू कौन है तुझे तुझसे मिलता हूँ. तो सुन ध्यान से. बयां न कर सकूँ वो एहसास हो , चादं शब्दों मे न सिमट पाऔ . मेरे जीवन का वो विस्तार हो. कि हमारी मुलाकात नहीं होती।
The unconditional Love
कौन कहता है कि कम्ब्खत कि उन से बात नहीं होती है । बात तो होती है यार पर उन से मुलाकात नहीं होती है । कौन कहता है कि कम्ब्खत कि उन से बात नहीं होती है । बात तो होती है यार पर उन से मुलाकात नहीं होती है । #yqbaba #yqdidi #everything #love #lif
Prashant Mishra
इसमें अंकुर निकल तो आए हैं तू ही बता ये 'फसल' है कि नहीं तुझपे कुछ 'शेर' लिखे हैं मैंने तू ही बता ये 'ग़ज़ल' है कि नहीं पढूं किताब तो तेरा चेहरा नज़र आता है तू ही बता ये 'खलल' है कि नहीं तूने कीचड़ तो कह दिया मुझको तू ही बता तू 'कमल' है कि नहीं तेरे 'गलती' पर भी चुप हूँ मैं तू ही बता ये 'फ़ज़ल' है कि नहीं मुझे हर हाल में बस तू' चहिए इस परेशानी का 'हल' है कि नहीं तुझे अब 'याद' नहीं आती मेरी ये मुहब्बत का 'कतल' है कि नहीं मैं हूँ पागल, मुकर गया था मैं तू भी वादे पे 'अटल' है कि नहीं ये मेरी मौत पे भी हँसती हैं तेरी आँखों में 'जल' है कि नहीं --प्रशान्त मिश्रा "है कि नहीं"