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Kishor Taragi RAJ
अभी भी बेसर्म सियासत के तरफदार बने हो! तुम भी कातिल गिने जाओगे जो पहरेदार बने हो! ©Kishor Taragi कत्लखाना #HandsOn
DINESH SHARMA
गरीबों के लड़के इश्क़ करते करते मयखाने में आ फसें जैसे गाय खुद ही चलते चलते कत्लखाने में आ फसें वो लड़की छोड़ गयी अरमानों का जनाज़ा निकाल कर औऱ ये कॉलेज में फेल होते होते बरफखाने में आ फसें ©दिनेश शर्मा 15.10.19 #मयखाना #कत्लखाना #love #गरीबी
Mohit Kumar Goyal
लाइसेंस बनवा लो तुम भी अपनी नशीली आंखों का, सुना है अवैध कत्लखाने बंद हो रहे हैं !!❤️ ©Mohit Kumar Goyal लाइसेंस बनवा लो तुम भी अपनी नशीली आंखों का, सुना है अवैध कत्लखाने बंद हो रहे हैं !!❤️
SanjuRawat
पूरे देश के सभी कारखाने बंद पड़े थे,लेकिन कत्लखाने चल रहे थे वो भी गाय काटने वाले! क्योंकि गाय को काटना बहुत ज्यादा जरूरी है अन्यथा देश के लोग भूखे मर जायेंगे और विदेश के लोग भी भूख से मरने लगेंगे! काहे को दिखाई रामायण T.V पर,पहले हमें ये दिखाओ कि हमारी गौमाता को कैसे कैसे य़ातना देकर काटा जा रहा है! ज़रा भी शर्म नही है इन सत्ताधारियों और इनके समर्थको मे! #गौहत्या_बंद_करो_सरकार #गौमाता_राष्ट्रमाता #सभी_पार्टी_गौहत्यारी_है ©SanjuRawat पूरे देश के सभी कारखाने बंद पड़े थे,लेकिन कत्लखाने चल रहे थे वो भी गाय काटने वाले! क्योंकि गाय को काटना बहुत ज्यादा जरूरी है अन्यथा देश के ल
भारतीय शाकाहार संघ अकोला
It was raining outside रमेश तोरावत जैन --- एक परिचय रमेश तोरावत जैन पशु रक्षा आंदोलन के मुख्य सूत्रधार है। अकोला में बीते पच्चीस वर्षो से उन्होंने शाकाहार के प्रचार प्रसार में जो अभूतपूर्व योगदान दिया है वो तारीफे ऐ काबिल है। उन्होंने कई अवैध कत्लखानो को बंद कराया है और अहिंसा धर्म को बुलंद करने में अपनी ऊर्जा व्यय की है। अकोला के 83 कत्तलखानों की बंदी की मांग को ले कर उन्होंने जो आवाज उठायी थी उस की चर्चा विधानसभा के गलियारों तक हुई थी। इस के अलावा उन के कई और आंदोलन शहर में चर्चा का विषय बने थे उन में से प्रमुख है सरकार को चुल्लू भर पानी भेजना, शाकाहारी बनो बनाओ अभियान, विकल्प अभियान के अंतर्गत कसाइयो को रोजगार उपलब्ध कराना। उन के कार्यो की महिमा इतनी बड़ी की विविध भारती ने उन्हें अपने रेडियो स्टेशन पर आमंत्रित कर उन से हुयी बातचीत को प्रसारित किया। पशु रक्षा आंदोलन के साथ साथ रमेश तोरावत जैन एक गुणी लेखक और कवि भी है।उन की रचनाये सोशल मिडिया पर खूब रूचि से पढ़ी जाती है। उन का लेखन इतना सिद्धहस्त है की पाठक अंत तक रुकता ही नही। वे इंसानी भावनाओ को बड़ी ही कुशलता से अपनी कलम से कागज पर उतारते है।उन की कविताये दिल के भीतर तक उतर जाती है।यद्यपि वे मंच से कवि सम्मेलनों में कविता पाठ नही करते तद्यपि उनकी कविताओ का श्रोताओ को इंतजार रहता है। जीवन के रंगो को बखूबी उकेरती उनकी अदभुत् कविताये किसी भी इंसान को भीतर तक आंदोलित कर देती है। रमेश तोरावत जैन के पूर्वज मूल रूप से राजस्थान के उदयपुर जिले के ( सलूंबर ) है।करीब 80 साल पहले राजस्थान से अकोला आये श्री बीसा नागेन्द्र ( नागदा ) दिंगबर जैन समाज से ताल्लुक रखने वाले इन के पूर्वजो ने अपने मधुर और स्नेहपूर्ण व्यवहार से एक अलग ही छवि निर्माण की है। रमेश तोरावत जैन को कई राजनैतिक दलो में शामिल होने का न्यौता मिलता रहता है मगर ये विनम्रता से इंकार कर देते है।ये परम् मुनि भक्त है और साधू संतो की सेवा इनका विशेष शगल है। सौ. नेहा अरुण शर्मा नागपुर रमेश तोरावत जैन --- एक परिचय रमेश तोरावत जैन पशु रक्षा आंदोलन के मुख्य सूत्रधार है। अकोला में बीते पच्चीस वर्षो से उन्होंने शा
꧁༃ शिवम् लोधा ༃꧂
महाप्रलय और मौत का तांडव देखेगी दुनिया । बढती मांसाहार की प्रवृत्ति भूकंप और बाढ़ के लिए जिम्मेदार है। मनुष्य की स्वाद की चाहत- खासतौर पर म