Find the Latest Status about परिष्कार meaning in english from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, परिष्कार meaning in english.
easy study method
Ability -ऐबीलिटी -क्षमता/योग्यता ©easy study method #English #Meaning
True Motivation
Today's Word आज का शब्द Word: Contemplation Meaning: Deep Thought चिंतन ©True Motivation #English #Meaning #Learn
Up Wali Class
Up Wali Class ✍️ ©Up Wali Class Daily english word meaning..........! #English #englishvocabulary
Ehssas Speaker
णमो अरिहंताणं – मैं अरिहंतों को नमन करता/करती हूँ । I bow down to Arihanta, णमो सिद्धाणं – मैं सिद्धों को नमन करता/करती हूँ । I bow down to Siddha, णमो आयरियाणं – मैं आचार्यो को नमन करता/करती हूँ । I bow down to Acharya, णमो उवज्झायाणं – मैं उपाध्याओ को नमन करता/करती हूँ । I bow down to Upadhyaya, णमो लोए सव्व साहूणं – मैं लोक (जगत्) के सर्व साधुओ को नमन करता /करती हूँ । I bow down to Sadhu and Sadhvi. एसोपंचणमोक्कारो – ये पाँच नमन के उच्चार These five bowings downs, सव्वपावप्पणासणो – सभी पापो का पूरा नाश करते हैं । Destroy all the sins, मंगला णं च सव्वेसिं – और, सभी मंगलों में Amongst all that is auspicious, पडमम हवई मंगलं – यह बिलकुल प्रथम मंगल हैं । This Navkar Mantra is the foremost. ©Ehssas Speaker NAVKAR MANTRA with meaning in Hindi & English #navkar_mantra #navkar_maha_mantra
Anjali Jain
इच्छाओं और आवश्यकताओं का संस्कार करें हम परिष्कार करें हम तभी मानव, मानव बना रह सकता है अन्यथा दानव बनने में देर नहीं लगती।।। #परिष्कार#26.08.20 #reading
Up Wali Class
Up Wali Class ©Up Wali Class Learn English Words Meaning 😇 #English #englishvocabulary
HP
👉 Janmansh Ka Parishkar जनमानस का परिष्कार जिन्हें कुछ करना होता है वे घोर व्यस्तता के बीच भी अपने प्रिय प्रसंग के लिए कुछ कर गुजरने के लिए सहज ही अवसर प्राप्त कर लेते हैं। यहाँ तक कि दरिद्रता, रुग्णता, व्यस्तता से लेकर समस्याओं के जाल जंजाल तक के कुछ न कुछ करते रहने में बाधक नहीं बन सकते। ऐसे भावनाशीलों की कमी नहीं जो उलझनों और कठिनाइयों से निपटने की तरह ही अन्तरात्मा की, महाकाल की युग पुकार की-गरिमा स्वीकार करते हैं और उसे सर्वोपरि समस्या आवश्यकता मानते हैं। प्रयासों में प्रमुखता सदा उन्हें मिलती है जिन्हें अंतःकरण द्वारा महत्वपूर्ण माना जाता है। युग प्रकार यदि महत्वहीन समझी गई है तो सहज ही उसके लिए आजीवन फुरसत न मिलने की मनःस्थिति और परिस्थिति बनी रहेगी। श्रद्धा उमंगी भी तो हजार उपाय ऐसे निकल जावेंगे जिनके आधार पर निर्वाह की समस्याओं को हल करते रहने के साथ-साथ ही प्रस्तुत युग धर्म के आहृ के लिए भी इतना कुछ किया जा सकता है जिससे आत्म संतोष और लोक श्रद्धा को अभीष्ट मात्रा उपलब्धि होती रहे। युग विकृतियों का एक ही कारण है जन मानस में आदर्शों के प्रति अनास्था का बढ़ जाना। इस सड़ी कीचड़ से ही असंख्यों कृमि कीटक उपजते हैं और समस्याओं तथा विभीषिकाओं के रूप में जन जन को संत्रस्त करते हैं। उज्ज्वल भविष्य की संरचना का एक ही उपाय है-जन मानस का परिष्कार। चिन्तन में उत्कृष्टता का समावेश किया जा सके, दृष्टिकोण में आदर्शवादिता को समावेश किया जा सके, दृष्टिकोण में आदर्शवादिता को स्थान मिल सके तो लोक प्रवाह में सृजनात्मक सत्प्रवृत्तियों का बाहुल्य दीखेगा। ऐसी दशा में युग संकट के कुहासे को दूर होते देर न लगेगी। समस्या दार्शनिक है। आर्थिक, राजनैतिक या सामाजिक नहीं। जन मानस को परिष्कृत किया जा सके तो प्रस्तुत विभीषिकाओं का अस्तित्व ही समाप्त हो जायेगा। उनसे लड़ने की लम्बी चौड़ी तैयारी करने की आवश्यकता ही न रहेगी। मनुष्य को ध्वंस के विरत करने के-सुजन में से लागू होने के लिए सहन किया जा सके तो बड़े पैमाने पर जो खर्चीली योजनाएं बन रहीं है। उनमें से एक भी आवश्यकता न पड़ेगी। जन के बूँद बूँद प्रयासों से इतना कुछ अनायास ही होने लगेगा जिस पर सैकड़ों पंच वर्षीय सृजन योजनाओं को निछावर किया जा सकेगा। इसके विपरीत जन सहयोग के अभाव में बड़ी से बड़ी खर्चीली योजनाएं अपंग बनकर रह जाती है। हमें पत्तों पर भटकने के स्थान पर जड़ सींचने का प्रयत्न करना चाहिए। जन मानस का परिष्कार ही सामयिक समस्याओं का एक मात्र हल है। उज्ज्वल भविष्य की संरचना का लक्ष्य इस एक ही राज मार्ग पर चलते हुए निश्चित रूप से पूर्ण हो सकता है। ज्ञान यज्ञ का युग अनुष्ठान इसी निमित्त चल रहा हैं। विचार क्रान्ति की लाल मशाल का प्रज्वलन इसी विश्वास के साथ हुआ है कि जन-जन के मन-मन में उत्कृष्टता की आस्थाओं का आलोक उत्पन्न किया जा सके। ✍🏻 पं श्रीराम शर्मा आचार्य 📖 अखण्ड ज्योति- फरवरी १९७९ जनमानस का परिष्कार