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Aniket Sen

कल रात आँसुओं की बारिश में, भीग गयी तकिया मेरी।
सुन ने वाला कोई नहीं है, बे-फ़िज़ूल की बतियाँ मेरी।

एक तरफ है आँधियाँ, दूजी ओर तूफान है,
बीच भँवर में डगमगा रही है, सपनों की कश्तियाँ मेरी।

मन ही मन रो रहा हुँ, होंठों पर दिखावटी मुस्कान है,
दिल से मुस्कुराए हुए तो शायद, बीत गयी सदियाँ मेरी।

ऐ खुदा, जो भेजी हैं उनमें से किसी का तो जवाब दे,
या तू भी फाड़ कर फेंक रहा है, लिखी हुई चिट्ठियाँ मेरी। #तकिया #चिट्ठियाँ #बतियाँ #कश्तियाँ #सदियाँ #bestyqhindiquotes #yqdidi #ifyoulikeitthenletmeknow

Aniket Sen

बड़ रही है उम्र जैसे, वैसे उलझनें भी बड़ रही हैं,
अब बेहद याद आती हैं, बचपन की मस्तियाँ मेरी।

ऊँचा उड़ने की चाह नहीं, आज़ाद रहने की ख़्वाहिश है,
ज़िम्मेदारी के पिंजरे में कैद है, ख़्वाहिशों की चिड़िया मेरी।

गैरों की चिंता कौन करे, जब अपनों की ढ़ेरों परवाह है,
गिनती के लोगों से बनी है, छोटी सी दुनियाँ मेरी।

लुका-छुपी का खेल है जीवन, बड़े वक़्त से ढूँढ रहा हुँ,
जाने कहाँ छुपी बैठी है जिंदगी की खुशियाँ मेरी। #तकिया #चिट्ठियाँ #बतियाँ #कश्तियाँ #सदियाँ #bestyqhindiquotes #yqdidi #ifyoulikeitthenletmeknow

AK__Alfaaz..

#पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे #अनामिका अधखुले नैनों से, ​ताकती वो, ​पगडंडी की ऊँची ढ़लान से, ​उतरते सूरज को, #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #bestyqhindiquotes

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अधखुले नैनों से,
​ताकती वो,
​पगडंडी की ऊँची ढ़लान से,
​उतरते सूरज को,
​ व,
​तलाश रही है वो,
​अपने जीवन की,
​वास्तविकता का यथार्थ,
और..​श्वाँसों के आने जाने से,
​तय करती,
​उम्र का उपसंहार,
​उसकी पलकों मे बँधे ​मोती,
​अपनी स्थिरता की प्रस्तावना,
​करने में असमर्थ हो गये, #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे 

#अनामिका

अधखुले नैनों से,
​ताकती वो,
​पगडंडी की ऊँची ढ़लान से,
​उतरते सूरज को,

आर्यप्रकाश 'अलिज़ेह'

एक चाँद का दीदार करनें,,
मैं गया था उससे प्यार करनें,,

बाहों में उनकों ऐसा घेरा था,,
चेहरें पर उनकें जुल्फ का इक़ पहरा था,,

पैरों में घुँघरू अजब सी छनकायी थीं,,
मैं खड़ा था वहीं जब वो शरमाई थीं,,

अँखिया कजरी सी काला जादू करतीं थीं,,
मैं जब भी देखता था उनकों रतियाँ आहें भरती थीं,,

नथ ऐसे चमकीले जैसे तारे,इंद्रधनुष,सब सज गये हो,
बातें ऐसी रूमानी जैसे बरसों से बिछड़े आज गले मिले हो।। #चाँद #घुँघरू #अखियाँ #तारे #इंद्रधनुष #जुल्फ #जादू #रूमानी #गले #रतियाँ #आर्यप्रकाश..

Sabreen & Saddam 007

कलियाँ #कविता

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यहाँ इंसान के देह में  कुछ शैतान बसे होते  हैं ।
जिनमें इंसानियत के जगह हैवानयत भरे होते हैं ।
रखो सम्भाल  कर अपनी फूल सी नाजुक कलियों को,
ना जाने किस गली में हैवान छिपे होते हैं । कलियाँ

pushpendra pandey "ankit"

आशियाँ।

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चलो आशियाँ मे फिर चलते हैं 
मिट्टी के घरौंधो में फिर बसते हैं
जहाँ गोबर के लीपी धरती थी
जहाँ मिट्टी के बर्तन खिलौने थे

चलो उस आशियाँ में फिर चलते है 
जहाँ शादियों में सांझे का बिस्तर था 
बेटी की सादी में दुश्मन भी बाप था
बिटिया गावँ की, अपनी बिटिया थी

चलो उस आशियाँ में फिर चलते है 
जहाँ बिपात्ति में दुश्मन भी साथ था
जहाँ झगड़े में भी खाना साथ था
जहाँ बेटी को दहेज पूरा गांव देता 

चलो उस आशियाँ में फिर चलते है
जहाँ हीरा और मोती दो नंदी बैल थे
जहाँ गन्ने का रस हड़िया में दाल थी
जहाँ खेत मे चने और चौराई साग था

चलो उस आशियाँ में फिर चलते हैं
जहाँ पहरुए की धाक धमकती थी
जहाँ चाकी में दाल चटका करते थे
जहाँ जात से घर आटा निकलता था

चलो आशियाँ में फिर चलते हैं 
जहाँ दादी के हाथ का सत्तू था
जहाँ दादा का एक किस्सा था
जहाँ गिल्ली डंडा , कबड्डी थी

चलो आशियाँ में फिर चलते हैं
जहाँ भाई बहनो मे प्यार था
जहाँ औरतो में भी लाज था
जहाँ महिलाओं को आप था

चलो आशियाँ में फिर चलते हैं
जहाँ पग,तहमत ,कुर्ता धोती 
जहाँ मूछो पर ताव,जुबान था
जहाँ धन बाटने का ही नाम था

चलो आशियाँ में फिर चलते हैं 
जहां बाप का मलिकाना था 
जहां हर रिश्तो का पैमाना था
जहा भाईचारे में मिठास थी 

चलो आशियाँ में फिर चलते हैं
उस बने घरौदो में फिर  बसते हैं
जहां माँ के चूल्हे की रोटी थी 
जहां खेतो में बैल चला करते थे 
......... #आशियाँ।
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