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'मनु' poetry -ek-khayaal
तुम शिवपुत्र हो तो ध्यान सहज सधेगा, अनुगामी होगा, तुम विरक्त हो ही जाओगे, कृष्ण की सन्तति हो तो प्रेम में पूर्णता पाओगे रंग, राग ऐश्वर्य तुम्हारी धरोहर होंगी। 'मनु' सन्तति
Shivam Mishra
शिक्षित सन्तति देखकर, वो बूढ़ा लाचार, अपने ही बच्चे करें, गैरों सा व्यवहार। ©Shivam Mishra शिक्षित सन्तति देखकर, वो बूढ़ा लाचार, अपने ही बच्चे करें, गैरों सा व्यवहार। #दोहा #FathersDay
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संतति-निरोध के विभिन्न उपाय के बारे जाने? #सन्तति-निरोध (#बर्थ #कन्ट्रोल) ही अनचाहे एवं अधिक #बच्चों की उत्पत्ति रोकने का साधन है, जिसे ग्रह
रजनीश "स्वच्छंद"
बिहान है।। दर्द की है रात सो लो, आगे खुशी का बिहान है। हर रात की सुबह हुई, ये तो विधि का विधान है। हर कदम पे है सवाल, आंखें है तरेरे लाल लाल, हर सफर ये ज़िन्दगी लिए एक नया इम्तिहान है। हर राह कंकड़ से भरे, हैं पांवों में छाले भी पड़े, रक्तवर्णीत पथ दिखाता, पग का तेरे निशान है। खोल मुठ्ठी दान कर, जो बढ़ रहा अवसान पर, आरम्भ का है अंत भी, यम का चलता विमान है। मुड़के पीछे देखता क्या, है कमर तू टेकता क्या, रफ्तार जीवन की बड़ी है, ये त्वरित गतिमान है। विरले हैं वो जो चल रहे, छू क्षितिज जो ढल रहे, आनेवाली हर सन्तति का तू ही तो अभिमान है। शब्दों की माला गढ़ रहा, आहूत सीढ़ी चढ़ रहा, नर ही तो इस जहान में, तम भेदता कृपाण है। ©रजनीश "स्वछंद" बिहान है।। दर्द की है रात सो लो, आगे खुशी का बिहान है। हर रात की सुबह हुई, ये तो विधि का विधान है। हर कदम पे है सवाल, आंखें है तरेरे लाल ल
Divyanshu Pathak
न्हावै धोवै पैरनि पूजै सबके मन को भावै न्हावै बिन चूल्हे जो बैठे फूहड़ नारि कहावै ! इत ते बित कूँ फिरती रहिवै जो कूल्हे मटकावै वो घर घर बचिहै ही ना हीं भण्डीभारौ हो जावै ! तिंनक तिंनक तीन मढ़ैया लुच्चा लोग ग़मार लुगैया ! 😊🍁#good afternoon😊#दादीकेतानेभरेदोहे🍁😁🍁☘ : कहते हैं कि सन्तति में पुरानी सात पीढ़ियों के लक्षण आते हैं । लड़कों में पितृ और लड़कियों में मातृ प
Neeraj Vats
उँ तो बहोत बड़ी स जिस प हाम रहव स पर माँ आगे छोटी पड़ ज्या स या धरती र एक माँ तो मर ज्या स पर उसकी ममता कोन्या मरती र एक माँ तो मर ज्या स पर उसकी ममता कोन्या मरती तन्ने जन्म त ए नहीं जन्म त पहल्या भी माँ दुखी करी स एक पल का सुख ना मिल्या जी न्ह सदा सन्तति सुखी करी स अबला बोले यो सँसार जी न्ह वो औलाद त अलग ना किसे त डरती र एक माँ तो मर ज्या स पर उसकी ममता कोन्या मरती थम के सोचो सो उन्ह थारे ज्यूँ दिन गाल दिए इस ठूठ के पेड़ से टेम म्ह थम न्यू ए पाल दिए खुद त ज्यादा औलाद मन्ने वा मर ज्या न्यू ए करती करती र एक माँ तो मर ज्या स......... जन्म त पहल्या उस न्हू तेरा फ्यूचर प्लान सोच लिया था डॉ मास्टर इंजीनियर कुछ भी बण उसे न्ह त इंसान सोच लिया था मेरी उम्र लाग ज्या मेरे वंशज क न्यू सोच सोच नीरज के सर प हाथ वा धरती एक माँ तो मर ज्या स पर उसकी ममता कोन्या मरती एक माँ तो मर ज्या स पर उसकी ममता कोन्या मरती ©Neeraj Vats #MOTHER'SDAYSPECIAL उँ तो बहोत बड़ी स जिस प हाम रहव स पर माँ आगे छोटी पड़ ज्या स या धरती र एक माँ तो मर ज्या स पर उसकी ममता कोन्या मरती र एक
Divyanshu Pathak
जातियाँ ( समय के गर्त में और गर्भ में ) 1. राजपूत 🗡🏹 वेद,उपनिषद,स्मृति और हमारे प्राचीन ग्रंथों में 'जाति' को प्राथमिकता नहीं दी गई थी।'राजपूत' शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के 'राजपुत्र' से हुई है।जब चीनी यात्री ह्वेनसांग भारत आया तो उसने भी यहाँ के राजाओं को 'क्षत्रिय' लिखा और कहीं कहीं राजपूत कहा।श्री जगदीश सिंह गहलोत ने लिखा है कि- "मुसलमानों के आक्रमण से पहले यहाँ के राजा 'क्षत्रिय' कहलाते थे।बाद में इनका बल टूट गया तो स्वतंत्र राजा के स्थान पर सामन्त, नरेश बनकर रह गए।इसी समय में ही शासक राजाओं के लिए 'राजपूत' या 'रजपूत' शब्द सम्बोधन के लिए प्रयोग में लिया जाने लगा।आठवी शताब्दी तक इस शब्द का प्रयोग कुलीन क्षत्रियों के लिए किया जाता था।चाणक्य,कालिदास और बाणभट्ट के 'राजपुत्र' मुसलमानों के समय अपने राज्य खो कर 'राजपूत'बन गए। राजपूतों की उत्पत्ति का प्रश्न वैसे तो अभी तक विवादास्पद बना हुआ है फिर भी वे स्वयं को वैदिक आर्यों से जोड़कर सूर्य और चंद्रवंशी बताते हैं।कह
Sagar vm Jangid
अगर मैं रावण होता तो जटा टवी गलज्जल प्रवाह पावितस्थले गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्ग तुङ्ग मालिकाम् इदम् हि नित्यमेवमुक्तमुत्तमोत्तमं स्तवं पठन्स्मरन्ब्रुवन्नरो विशुद्धिमेतिसंततम् #dashhara #ravan जटा टवी गलज्जल प्रवाह पावितस्थले गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्ग तुङ्ग मालिकाम् डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं चकार चण्डताण
Divyanshu Pathak
श्राद्धपक्ष में करें पितरों के लिए तर्पण (कल पितृपूर्णिमा हैं) कुछ लोगों को ब्राह्मणों से तो विशेष समस्या है ही।उनका यह प्रश्न भी है कि श्राद्ध में कौए की खाई हुई खीर हमारे पूर्वजों के पेट मे कैसे पहुँच