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Dinesh Sharma Jind Haryana

#जाति, गोत्र, नस्ल और फसल #समाज

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Amit Saini

# हमारे प्रेरणा सोत्र

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ए मेरे भारत के प्रिय बंधुओ मैं आप सभी को भारत का सशक्त होने का आश्वासन देता हूं और उम्मीद करता हूं कि आप भी स्वच्छ भारत अभियान के तहत अपना भरपूर योगदान दें 







जय हिंद # हमारे प्रेरणा सोत्र

VATSA

नाराज़ हो जाएं लब 
निगाहें मुस्कुराने दो

रूठो यूं दरीचों से 
थोड़ी धूप आने दो

इबादतगाह की चुनरी 
लपेट अपने जिस्म पर

यही सज्दा है उसका
मुझको सर झुकाने दो #वत्स #vatsa

Prakash Sabnani

यज्ञेश्वर वत्स #शायरी

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Bhawani Singh charan

#Nature jeevesh yadav यज्ञेश्वर वत्स यज्ञेश्वर वत्स jeevesh yadav #poem

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"पिता प्रेम का सागर" 
पिता प्रेम का सागर है,पिता है खुशियों का भंडार ।
पिता ही दीपक सा प्रकाश है और पिता ही है घर का आधार।।
पिता बेटी का प्यार है तो पिता बेटे का संसार। 
पिता ही परमेश्वर है और पिता ही आशीर्वाद ।।
मां सबकी ममता है ,तो पिता है सबके प्राण ।
पिता बच्चों कि सुरक्षा है और पिता ही बच्चों का पालनहार।।
पिता सबका प्यार है ,पिता ही सबकी पहसान ।
पिता जग सी मूर्त है और पिता ही जग सा प्रकाश ।।

                           भवानी सिंह चारण #Nature  jeevesh yadav यज्ञेश्वर वत्स  यज्ञेश्वर वत्स jeevesh yadav

Rakshit S Vatas

# रक्षित सिंह वत्स

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मेरे पास रखा ही क्या था
क्यों तुम मेरे पास ठहरते

तुमको महलों की चाहत थी
मेरा टूटा-फूटा घर था
तुम फूलों पर चलने वाले
मेरा काँटों भरा सफ़र था
ऐसे में ओ मेरे हमदम
कैसे ना तुम राह बदलते
मेरे पास रखा...

सबकी तरह तुम्हें भी भाती
थी केवल दीनार की भाषा
कब तक आख़िर बाँधे रखती
तुमको मेरे प्यार की भाषा
कैसे भाव तिजारत वाले
रिश्तों के साँचों में ढलते
मेरे पास रखा...

समझ गया सब, नहीं ज़रूरत
मुझको कुछ भी समझाने की
किसको चाहत नहीं जहाँ में
अच्छे से अच्छा पाने की
मुझसे अच्छा मिला कोई तो
क्यों तुम रूख़ उस ओर न करते
मेरे पास रखा...

तुम्हें भूल जाने का निश्चय
झूठा है, कब सच होना है
आँखें दो दिन को रोई हैं
मन को जीवन भर रोना है
क़िस्मत ने क्या दिन दिखलाए
सूखे स्वप्न फूलते-फलते
मेरे पास रखा. # रक्षित सिंह वत्स
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