Find the Latest Status about पीजीआई from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पीजीआई.
पवन शुक्ला
#Pehlealfaaz धरा से निकलकर चमन में रहेगा 'अमन' तू सदा मेरे मन मे रहेगा दिया दर्द छोटी उमर जी के तूने तेरा दर्द सबके जहन में रहेगा । तू था एक सायर मगर उग न पाया ये अफशोस मेरे वतन में रहेगा लड़ा मौत से पर नही जीत पाया यही प्रस्न सबके शिकन में रहेगा दुवाएँ सभी ने थी माँगी यहाँ पर पता था किसे तू कफ़न में रहेगा था इतना ही जीवन या तू जी न पाया तड़पता यही दर्द तन में रहेगा भले देख पाये न अब इस धरा को रहेगा अमन पर शयन में रहेगा 'पवन' फिर दुवाएँ हुई बेअसर है गिला ये ख़ुदा के सदन में रहेगा । पवन शुक्ला 'अमन' को विनम्र श्रद्धांजलि ग़ज़ल के युवा हस्ताक्षर अमन चांदपुरी आज इस दुनियाँ में नही रहे पीजीआई में आज आपने जीवन की जंग हार गए ।। ईश्वर उन
Kulbhushan Arora
एक पत्र प्रेरणा के नाम डॉक्टर J G Jolly.... मेरे इश्क की प्रेरणा, जी मुझे भी इश्क हुआ ना Love at ist Sight ... सच है भगवान को जो करना होता है उसका चक्रव्यूह वो स्वयं ऐसे रचते हैं की क
Kulbhushan Arora
मेरा पत्र मेरे पहले प्यार के नाम प्रिय कुलभूषण, आज मिलवा दो सबको अपने पहले प्यार से😍 Teenage में प्यार का खुमार तो होता है...मुझे भी हुआ प्यार वो भी Love at ist sight वाला..
Ek villain
बंगाल में भ्रष्टाचार घोटाले सरकारी नियुक्ति में धांधली वादी हत्या और राजनीतिक हिंसा के मामले में ऐसा लग रहा है कि आम आदमी का राज्य पुलिस प्रशासन पर भरोसा नहीं रहा यही कारण है कि हर घटना के बाद सीबीआई जांच की मांग तेज होती जा रही है पिछले कुछ महीने में कोलकाता हाईकोर्ट के स्कूल सेवा आयोग एम एस सी के ग्रुप डीसी और यहां तक कि शिक्षकों की भर्ती में धांधली वाली सीबीआई जांच के निर्देश पढ़ने लगे हालांकि उनसे कुछ मामले में हाईकोर्ट की एकल पीठ के फैसले में दो न्यायाधीशों की खंडपीठ ने रोक लगा रखी है एक के बाद एक सीबीआई जांच की मांग है रांची का हाई कोर्ट में पहुंच रही है इसमें कुछ दिन पहले हावड़ा जिले में एक छात्र नेता आसीन खान की कथित हत्या का मामला प्रमुख यही है उत्तर 24 परगना जिले में एक और कोरिया जिले में प्रदेश की हत्या की सीबीआई जांच की मांग हो रही है हाल में पिछले कुछ दशक हुई घटनाओं पर भाजपा कांग्रेसी नहीं बल्कि आम लोग बताते हुए हाईकोर्ट के सुप्रीम कोर्ट तक सीबीआई जांच की कानूनी लड़ाई लड़ते हुए आए वहीं सीबीआई जांच रोकने के लिए ममता सरकार हर मामले में एड़ी चोटी का जोर लगाते रहिए यही मामला ही सरकार को जांच रोकने के लिए 2018 में सीबीआई जांच के लिए दी गई सहमति तक वापस ले चुकी है सहमति वापस लेने की वजह से आप बसी वह राज्य सरकार की अनुमति के बिना प्रदेश में जुड़े कई मामलों की जांच शुरू कर नहीं सकती ©Ek villain #पुलिस नहीं सीबीआई पर भरोसा #WorldPoetryDay
Ek villain
पूरे देश में पी एस आई के सदस्यों पर कार्रवाई चर्चा का मुद्दा बना हुआ है कई लोग जल्द ही इस पर प्रतिबंध लगाने को लेकर भविष्यवाणी भी कर रहे हैं लेकिन प्रतिबंध लगाने वाले केंद्रीय गृह मंत्री ने इस विषय में चुप्पी साध रखी हालांकि पीएफआई के नेटवर्क पर पूरे भारत में एक साथ प्रहार कर गृह मंत्रालय ने साफ संकेत दे दिया है प्रतिबंध लगाने की वजह p.s.i. को अपनी मौत खुद मरते दम देखने का पसंद करेंगे इस सोच के पीछे सिमी पर प्रतिबंध मिली सीख भी है सिमी पर प्रतिबंध लगाने के बाद उसके कुछ नेताओं को सलाखों के पीछे पहुंचाने में सफलता जरूर मिली है लेकिन उसका आदत तो आज केंद्र पीएफआई के बैनर तले पर फिर एकमात्र हो गया इसलिए पीएफआई पर सीधे प्रतिबंध लगाने की बजाय उस पर चौतरफा हमले की रणनीति बनाई गई है ©Ek villain #पीएफआई पर प्रतिबंध की #delusion
Ek villain
निश्चित रूप से ऐसे अलगाववादी और हिंसक संगठन अपने रोग को बदलकर अपनी गतिविधियां जारी रखते हैं और देश की अंत नहीं होता कमजोरियों को भरपूर फायदा उठाकर भारत को कमजोर करने की कोशिश करते हैं रहते हैं पी एफ आई सिमी जैसे संगठनों का खेड़ा एक ही रहता है और इस स्लीपर सेल तक पहुंचाना सुरक्षित और जांच एजेंसियों के लिए बहुत कठिन कार्य है पिछले 30 वर्ष में ऐसे संगठन की हिंसक गतिविधियों पर केवल एन आईडिया पुलिस की कार्रवाई बिल्कुल पर्याप्त नहीं है हमारे अदालतों में अपराधी को मुकम्मल सजा मिल जाए इसकी संभावना और दंड मिलने की प्रतीक्षा तथा एक शोध का विषय है चुनाव आयोग का रोल भी निर्णय होना चाहिए ऐसे ऐसे विघटनकारी तत्व विधानसभाओं में ना पहुंचे और सरकार का हिस्सा ना बन सके कतर और तुर्की निश्चित रूप से आतंकी फंडिंग के माध्यम से इसलिए हिंदी सो के साथ राजनीति संबंधों पर ©Ek villain #पीएसआई पर प्रतिबंध की सीमाएं #cloud
Ek villain
बंगाल में एक के बाद एक जांच की जिम्मेदारी सीबीआई यानी केंद्र जांच ब्यूरो को सौंपी जा रही है पिछले 7 माह में कोलकाता का रिकॉर्ड में 9 मामलों की जांच सीबीआई को सौंपी है नहीं सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका कभी भी कोर्ट में ले में दी पिछले साल अक्टूबर में सीबीआई की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल आकर बताया गया है कि किन राज्य में कितने मामलों की जांच उसके पास है एक हलफनामा में दिए गए आंकड़ों में नजर डाले तो दिसंबर 2020 तक सबसे ज्यादा मामले में सबसे अधिक संख्या में बढ़ोतरी हुई है पिछले विधानसभा चुनाव है सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी मामले में हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए इसके बाद मुख्यमंत्री और नेताओं की गिरफ्तारी भी हुई थी ©Ek villain #लंबी होती सीबीआई जांच की लिस्ट #drowning
Ek villain
बंगाल में विधानसभा चुनाव बाद हुई हिंसा की सीबीआई जांच का आदेश कोलकाता हाईकोर्ट ने बीते वर्ष 1919 अगस्त को दिया था जांच शुरू हुई 5 माह से अधिक वक्त बीत चुका है 50 से अधिक लोग मुकदमा दर्ज किए जा चुके हैं लेकिन हिंसा के मामले में नामजद कई आरोपी तब तक सीबीआई की गिरफ्त से दूर हैं स्थिति यही होगी कि फरार आरोपी का सुराग पाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी को इनाम का सहारा लेना पड़ रहा है अब तक 4 मामलों में ₹11 को लिया जारी करने के साथ-साथ ₹50000 का इनाम घोषित किया गया है ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर चुनाव बाद हिंसा के गुनाहगार कहां गायब हो गए सीबीआई जैसे उच्च कोटि की जांच एजेंसी के नजरों में से कैसे बच गए अपराधी अपराध को अंजाम देते हैं तो उनके तक पहुंचने में परेशानी होती है लेकिन चुनाव बाद जो हिंसा हुई उनमें यहां तक कि नाम पता और फोटो तक हाथ है फिर भी मैं पकड़े नहीं आ रहे तो क्या इस मामले में सीबीआई को स्थापित पुलिस का सहयोग नहीं मिल रहा है यह सवाल है जो आने वाले दिनों में अवश्य की हाईकोर्ट के समक्ष पेश करते समय उठेंगे सबसे आश्चर्य की बात यह है कि दूरदराज जिलों और ग्रामीण इलाकों को छोड़ दें कोलकाता के नई राह इलाके में भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की हत्या के मामले में एक महिला समेत पांच आरोपी भी गिरफ्तार नहीं हो सके ©Ek villain #सीबीआई की गिरफ्त से दूर आरोपित #chocolateday