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वेदों की दिशा

।। ओ३म् ।।

यदर्चिमद्यदणुभ्योऽणु च यस्मिंल्लोका निहिता लोकिनश्च।
तदेतदक्षरं ब्रह्म स प्राणस्तदु वाङ् मनः तदेतत् सत्यं तदमृतं तद् वेद्धव्यं सोम्य विद्धि ॥

यह जो 'ज्योतिर्मान्' है, जो अणुओं से भी सूक्ष्मतर है, जिसके अन्दर समस्त लोक-लोकान्तर एवं उनके लोकवासी सन्निहित हैं, 'वही' है 'यह'-यह अक्षर 'ब्रह्म' प्राणतत्त्व 'वही' है, 'वही' वाणी तथा मन है। 'वही' है 'यह' 'परम सत्य' तथा 'सत्तत्त्व', 'वही' है अमृत तत्त्व तुम्हारे द्वारा 'वही' है वेधनीय, है सौम्य! 'उसी' का वेधन करो (उसमें प्रवेश करो)।

That which is the Luminous, that which is smaller than the atoms, that in which are set the worlds and their peoples, That is This,-it is Brahman immutable: life is That, it is speech and mind. That is This, the True and Real, it is That which is immortal: it is into That that thou must pierce, O fair son, into That penetrate.

( मुण्डकोपनिषद् २.२.२ ) #मुंडकोपनिषद  #upnishad #उपनिषद #ज्ञान_गंगा #परमेश्वर #परमात्मा #आत्मा #ब्रह्मा #अद्वितीय #सर्वव्याप्त

Shubhendra Jaiswal

#शुभाक्षरी क्यों राम राम चिल्लाते हो धरती पर राम बुलाते हो, जो जगत नियंता सर्वव्याप्त उसका ही मान घटाते हो ! स्थापित जो आदर्श किये #कविता

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क्यों राम राम चिल्लाते हो
धरती पर राम बुलाते हो,
जो जगत नियंता सर्वव्याप्त
उसका ही मान घटाते हो !

स्थापित जो आदर्श किये
जीवन में उसे निभाते हो..?
स्वप्न सरीखे रामराज्य का
अवलम्बन मात्र भुनाते हो !

पुरुषोत्तम वो मर्यादा के
आचरण कभी दिखलाते हो ?
घट घट वासी अविनाशी को
क्या कभी हृदय पाते हो..!!

अनुकरण भरत का किया कभी
कैकेयी चरित्र दिखलाते हो !
वरण लक्ष्मण के कर्मों का
जीवन में कभी अपनाते हो ?

बन दास कभी अरदास किया
अथ कथा मात्र सुनाते हो !
तुलसी के चन्दन के घिस
माथे पर तिलक लगाते हो !!

भक्ति हो हनुमत जैसी हो, 
अनुराग अटल विश्वास रहे,.!
वो हैं प्रतीक मर्यादा के
मर्यादित हृदय में वास चहें !!
@shubhendra #शुभाक्षरी

क्यों राम राम चिल्लाते हो
धरती पर राम बुलाते हो,
जो जगत नियंता सर्वव्याप्त
उसका ही मान घटाते हो !

स्थापित जो आदर्श किये

SHAYARI BOOKS

उसी से मायाजाल है। उसी से सत्य सार है।। उसी से कालचक्र है। शिवत्व ही समग्र है।। शिवत्व ही समग्र है।। 'रिक्तता' का राज था। शून्य सर्वव्याप्त

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उसी से मायाजाल है।
उसी से सत्य सार है।।
उसी से कालचक्र है।
शिवत्व ही समग्र है।।
शिवत्व ही समग्र है।।

'रिक्तता' का राज था।
शून्य सर्वव्याप्त था।।
स्पर्श ना प्रकाश था।
ना ध्वनि-निनाद था।।

आकार जो लिए तभी।
साकार जो हुए तभी।।
ओम स्वर उदित हुआ।
घोर तम विरत हुआ।।

जिनसे सब प्रकट हुए।
चन्द्र , सूर्य , ग्रह हुए।।
प्राण का सृजन किए।
सृष्टि का गठन किए।।

प्रकृति जो दीप्त है।
मिथ्य में प्रलिप्त है।।
वाणी है विचार है।
श्वास का आधार है।।

वो सिद्ध पँचभूत है।
सबका मूलरूप है।।
तम, रज, सत्व वो।
परम् ब्रह्म तत्व वो।।

अनादि वो अनन्त वो।
प्रचंड वो अखण्ड वो।।
है 'वेद' वो, 'पुराण' वो।
है ज्ञान का प्रमाण वो।।

वो मोह वो विराग है।
वो सूक्ष्म वो अगाध है।।
प्रेतों का भी नाथ है।
वो देव 'विश्वनाथ' है।।

त्रिनेत्र वो त्रिकाल है।
वस्त्र व्याघ्र छाल है।।
भभूत का श्रृंगार है।
गले 'भुजंग' माल है।।

वही है मौन की ध्वनि।
वही विलाप व्यग्र है।।
शिवत्व ही समग्र है।
शिवत्व ही समग्र है।।

©SHAYARI BOOKS उसी से मायाजाल है।
उसी से सत्य सार है।।
उसी से कालचक्र है।
शिवत्व ही समग्र है।।
शिवत्व ही समग्र है।।

'रिक्तता' का राज था।
शून्य सर्वव्याप्त

वेदों की दिशा

।। ओ३म् ।।

ब्रह्मैवेदममृतं पुरस्ताद्‌ ब्रह्म पश्चाद्‌ ब्रह्म दक्शिणतश्चोत्तरेण।
अधश्चोर्ध्वं च प्रसृतं ब्रह्मैवेदं विश्वमिदं वरिष्ठम्‌ ॥

यह सब कुछ अमृतस्वरूप 'ब्रह्म' ही है, इसके अतिरिक्त अन्य कुछ नहीं; 'ब्रह्म' ही हमारे सम्मुख है, 'ब्रह्म' ही पश्चात् है, हमारे दक्षिण में भी हमारे उत्तर में भी४, हमारे नीचे तथा हमारे ऊपर भी, यह सर्वत्र व्याप्त है। यह सम्पूर्ण अद्भुत विश्व केवल 'ब्रह्म' ही है।

All this is Brahman immortal, naught else; Brahman is in front of us, Brahman behind us, and to the south of us and to the north of us4 and below us and above us; it stretches everywhere. All this is Brahman alone, all this magnificent universe.

( मुण्डकोपनिषद् २.२.१२ ) #मुण्डकोपनिषद् #upnishad #brahma #सर्वव्यापी #Iternal

DiShA _AmAyRa

सर्वव्यापी शिवाय ! 🕉️ सावन का पहला दिन ! 🔱 #yqbaba #yqdidi #yqhindi #mahadev shayari #hindipoetry #Zindagi life

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कोई सहारा मिले तो बताना मुझे 'शिवाय' सा ,
कोई विश्वास मिले बड़ा तो बताना मुझे 'शिवाय' से , 
कोई पाक पनाह मिले तो बताना मुझे 'शिवाय' सी !  सर्वव्यापी शिवाय ! 🕉️
सावन का पहला दिन ! 🔱

#yqbaba #yqdidi #yqhindi #mahadev #shayari #hindipoetry #zindagi #life

Himanshu Rai #h_R

ज्ञनियों का ज्ञान है हर भक्त का अभिमान है सर्वज्ञ है वो सर्वव्यापी वो सर्वशक्तिमान है #mahakal #harharmahadev #yqdidi #yqquotes #h_Rquotes

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भू से वो आकाश तक तिमिर से वो प्रकाश तक
कण कण में है निहित वही विनाश से विकास तक

है आरम्भ,खुद ही अन्त भी,क्षणिक वही अनंत भी
हर जीव में है वो बसा मृतक वही जीवंत भी 

वो आंधियों के वेग में वो सुर्य के भी तेज में
वही गंगा के प्रवाह में वही लहरों के प्रवेग में

पुरुषो का पुरुषार्थ वो तो स्त्री का श्रृंगार भी
शीतल कभी है चंद्र सा कभी प्रज्वलित अंगार भी

दृष्टी कभी जो डाल दे वो काल को भी टाल दे
वो काल से भला क्या डरे शरण जिसे महाकाल दे ज्ञनियों का ज्ञान है हर भक्त का अभिमान है
सर्वज्ञ है वो सर्वव्यापी वो सर्वशक्तिमान है

#mahakal #harharmahadev #yqdidi #yqquotes #h_rquotes

pooja yadav

आप तो सर्वव्यापी हैं..... तो वह चलो जहां भी मैं जाना चाहूँ😘💯ANOOP PANDEY Investigation Officer @it's_ficklymoonlight दुर्लभ "दर्शन" Raja alt #Society

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Divyanshu Pathak

ओ आसमान में रहने वाले तू सर्वशक्तिमान है।सर्वव्यापी है।सब का रक्षक है।..... मेरे अपनों की रक्षा करना। 🙏😥 #yqdidi #yqbaba #hindiquotes yqhi #yqhindi

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उम्मीद घायल दिल आहत है।
दर्द ही दर्द मिलती न राहत है।
मझधार में उलझी है  जिंदगी!
किनारा नसीब हो ये चाहत है। ओ आसमान में रहने वाले तू सर्वशक्तिमान है।सर्वव्यापी है।सब का रक्षक है।.....

मेरे अपनों की रक्षा करना।
🙏😥
#yqdidi #yqbaba #hindiquotes #yqhi

Mandeep Grewal

आम = सर्वव्यापक, सर्वसाधारण, आम लोग ईद का चाँद होना = (someone) be rarely seen ग्राम = गाँव, Village पयाम = समाचार, ख़बर, संदेश अय्याम = प्र #ghazal #Rose #nojotohindi #शायरी #lovepoetry #loveshayari #mandeepshayari

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लिखी है एक शायरी तेरे नाम,
तुझे याद करूं मैं अब सुबह-ओ-शाम,
तुम तो ईद का चाँद हो गये हो,
दुनिया में दिखते नहीं हो तुम आम,
कहाँ छुप कर बैठे हो तुम अब तक,
मैं न तेरा नाम जानूं, न ग्राम।
लगता है कि अब तक भी नहीं पहुँचा,
तेरे दिल तक मेरे दिल का पयाम।
तेरे आने की उम्मीद है अभी,
तेरा इंतिज़ार है मुझे अय्याम।

©Mandeep Grewal आम = सर्वव्यापक, सर्वसाधारण, आम लोग
ईद का चाँद होना = (someone) be rarely seen
ग्राम = गाँव, Village
पयाम = समाचार, ख़बर, संदेश
अय्याम = प्र

Arsh

Unchangeable & faultless निर्विकार Holy पवित्र Merciful दयालु Eternal नित्य Formless निराकार Unequalled अनुपम Fearless अभय Endless अनंत

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ईश्वर कौन हैं? ईश्वर के गुण
Characteristics of GOD


🕋🕉️✝️☯️🛐⚛️
In Caption Unchangeable & faultless निर्विकार
Holy पवित्र
Merciful दयालु
Eternal नित्य
Formless निराकार
Unequalled अनुपम
Fearless अभय
Endless अनंत
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