Nojoto: Largest Storytelling Platform

New पुलों की नगरी Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about पुलों की नगरी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पुलों की नगरी.

    PopularLatestVideo

Rampal Yadav

#महादेव की नगरी तामेश्वरनाथ धाम #महाकाल #संतकबीर नगर #महादेव के दीवाने #समाज

read more
मुझे तलाश रही है जिंदगी!!
और मैं महादेव को।।
🙏🙏(तामेश्वरनाथ धाम)

©Rampal Yadav #महादेव की नगरी तामेश्वरनाथ धाम
#महाकाल
#संतकबीर नगर
#महादेव के दीवाने

Paramjit Singh landran

प्रेम की नगरी #लव

read more
mute video

CK JOHNY

द्वैत की नगरी

read more

ये द्वैत की नगरी है प्यारे 
दिन रात चलती तलवार दोधारे। 
जन्म-मरण दुख-सुख मित्र-वैरी 
अपने-बेगाने के यहाँ अजब नजारे। 
दोनों हाथों में लड्डू चाहता है हर कोई
माया और राम में हर किसी को दुविधा रे। 
अपना मन ही पग-पग छलता है जहाँ
मझधार में डूबे सब पहुँचा न कोई किनारे। 
भजन-सिमरन की पतवार बना प्राणी
सत्संग-सेवा में लग सुधार जिंदगानी। 
दुई का चक्कर मिटेगा सतगुरु के सहारे। 
सतगुरु  दया-मेहर से लग जाओगे किनारे। 

ये द्वैत की नगरी है प्यारे 
दिन रात चलती तलवार दोधारे। 

बी डी शर्मा चण्डीगढ़ 
10.07.2020 द्वैत की नगरी

CK JOHNY

द्वैत की नगरी

read more
ये द्वैत की नगरी है प्यारे 
दिन रात चलती तलवार दोधारे। 
जन्म-मरण दुख-सुख मित्र-वैरी 
अपने-बेगाने के यहाँ अजब नजारे। 
दोनों हाथों में लड्डू चाहता है हर कोई
माया और राम में हर किसी को दुविधा रे। 
अपना मन ही पग-पग छलता है जहाँ
मझधार में डूबे सब पहुँचा न कोई किनारे। 
भजन-सिमरन की पतवार बना प्राणी
सत्संग-सेवा में लग सुधार जिंदगानी। 
दुई का चक्कर मिटेगा सतगुरु के सहारे। 
सतगुरु  दया-मेहर से लग जाओगे किनारे। 

ये द्वैत की नगरी है प्यारे 
दिन रात चलती तलवार दोधारे। 

बी डी शर्मा चण्डीगढ़  द्वैत की नगरी

vista

#भोले_बाबा की नगरी #विचार

read more
बहुत खुब है ये मौसमों की रंगत कभी सुखा सुखा कभी पानी ही पानी और कभी हरियाली। अरे पगले यही तो है भोले की नगरी सारी , जो बनाती हमे भाग्यशाली ।। #भोले_बाबा की नगरी

CK JOHNY

द्वैत की नगरी

read more

ये द्वैत की नगरी है प्यारे 
दिन रात चलती तलवार दोधारे। 
जन्म-मरण दुख-सुख मित्र-वैरी 
अपने-बेगाने के यहाँ अजब नजारे। 
दोनों हाथों में लड्डू चाहता है हर कोई
माया और राम में हर किसी को दुविधा रे। 
अपना मन ही पग-पग छलता है जहाँ
मझधार में डूबे सब पहुँचा न कोई किनारे। 
भजन-सिमरन की पतवार बना प्राणी
सत्संग-सेवा में लग सुधार जिंदगानी। 
दुई का चक्कर मिटेगा सतगुरु के सहारे। 
सतगुरु  दया-मेहर से लग जाओगे किनारे। 

ये द्वैत की नगरी है प्यारे 
दिन रात चलती तलवार दोधारे। 

बी डी शर्मा चण्डीगढ़ 
10.07.2020 द्वैत की नगरी
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile