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yogesh atmaram ambawale
प्रतिबिंब पाण्यात असो किंवा आरशात, फक्त आपले बाह्य रूप दाखवते, खरी प्रतिमा आपली आपल्या विचारात असते, जनसामान्यांच्या नजरेत जी दिसते. शुभ दुपार लेखक मित्र आणि मैत्रिणींनो आताचा विषय आहे प्रतिबिंब... #प्रतिबिंब1 चला तर मग लिहूया. #collab #yqtaai लिहीत राहा. #YourQuoteAndMin
yogesh atmaram ambawale
अस्तित्वाच्या शोधात काय म्हणून कुठे जावे. जनसामान्यात आपली ओळख आहे, हेच आपले अस्तित्व जाणावे. शुभ संध्या मित्र आणि मैत्रिणीनों आताचा विषय आहे अस्तित्वाचा शोध.. #अस्तित्वाचाशोध हा विषय @poetisa यांचा आहे. तुमचे विषय कमेंट करा. लिहीत रा
yogesh atmaram ambawale
नेहमीच झिजावे जनासाठी कर्म फक्त जनकल्याणासाठी. शिकवण ही छत्रपती शिवरायांची जन्मले जे माँ जिजाऊ पोटी. माँ जिजाऊंचे धडे छत्रपतींनी गिरवले जनसामान्यात कधीच भेदभाव न केले. सर्वधर्मसमभाव हे एकच धोरण ठेविले सर्वप्रथम रयत हेच त्यांनी जाणिले. राजे ते आपले झिजले नेहमी प्रजेसाठी वेगळे कुठलेच नियम नव्हते आप्तजनांसाठी. नेहमीच झिजावे जनासाठी शिकवण हीच आली त्यांच्या आचरणातून कार्य त्यांचे इतके थोर कधीच कमी होणार नाही मनामनातून. शुभ संध्या लेखक मित्र आणि मैत्रिणीनों कसे आहात? आताचा विषय आहे. झिजावे जनासाठी... #झिजावेजनासाठी हा विषय सचिन दिगांबरराव तोटावाड यांचा आहे.
Divyanshu Pathak
22 मार्च रविवार #जनता_कर्फ़्यू है। सुबह 8 बजे से रात 9 बजे तक घर से न निकलें और किसी को निकलने भी नही दें ! OPEN FOR COLLAB 😁 A dual collab background 🎊🎊 #ATpoetryprose • A Dual Collab Challenge by Aesthetic Thoughts! 💚 नई जीवन शैली फास्ट-फूड,सिगर
Satya Prakash Upadhyay
भक्ति के रास्ते मे 3 शत्रु या बाधा हैं। दूसरा: बगुला या बकासुर ,दम्भ का प्रतीक एक पैर पर खड़ा लगेगा तप कर रहा है,जनसामान्य में" बगुला भगत" कहते हैं ढोंगी लोगों को ,पाखंड का प्रतीक है यह। अभी साल दो साल बीता , और दम्भ के कारण आगे का रास्ता नही चलते,अपने आप को बहुत बड़े ज्ञानी और सिद्ध समझ प्रवचन करना और दुसरों से श्रेष्ठ समझना शुरू कर देते हैं। जहाँ बनावट ,दिखावट है वहां गिरावट है। शबरी माता को नवधा भक्ति का उपदेश करते हुए श्रीरामजी कहते हैं, नवम सरल सब सन छलहीना। मम भरोस हियँ हरष न दीना।। अर्थात,नौवीं भक्ति है छल कपट का मार्ग छोड़ दूर रहना और किसी भी अवस्था में हर्ष और विषाद का न होना। आज के युग की विडंबना है कि सरलता मिलना मुश्किल हो गया है। मैंने उसे बुद्धु बना दिया,ऐसे बात कही कि उसे समझ न आया और मूर्ख बना कर अपना काम निकाल लिया,इसमे लोग अपनी बड़ाई मानते हैं। अगर कोई चाहे कि सबको वश में कर लें, तो सरल हो जाइए, हमारी जटिलता हीं हमें सबसे अलग करती है, जैसे भीतर से हो वैसे हीं बाहर से हो जाए, या जैसे बाहर से हैं वैसे भीतर से हो जाएं। ॥जय श्री हरि॥ (part2,भाग२) satyprabha💕 दूसरा बगुला या बकासुर ,दम्भ का प्रतीक एक पैर पर खड़ा लगेगा तप कर रहा है,जनसामान्य में" बगुला भगत" कहते हैं ढोंगी लोगों को ,पाखंड का प्रतीक ह
Manaswin Manu