ना जाने क्या हुआ,
कब खेत खलियान नापाक हुआ..
खेतिहर की सब्री ख़ाक हो गयी,
ख़ुद की इज्ज़त राख हो गयी,
शहीदों की क़ुरबानी भी बर्बाद हो गयी,
#तिरंगा_मेरा_अभिमान
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Shubhro K
इश्क़ चाहता है तो थोड़ा रुमानी हो, ज़रा जज़्बाती बन,
बेबाक इक़रार, मुस्तक़िल इज़हार, और पुरजो़र जलन!
इसकी कोई वजह होगी जो दोनों बेवफ़ा हो #Shayari
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AJAY VERMA
तेरी आंखों झीलों की मुहब्बत में हैं पागल बादल
तेरे माथे पर दमकते हुए पावन आँचल
तेरी सरगोशी पे क़ुर्बान मेंरा पूरा जीवन
तेरे माथे की बिंदिय