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CK JOHNY

सर्वाइकल

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अब तेरे खत तेरी तस्वीर सिरहाने के नीचे नहीं रखते हैं हम। 
डाक्टर ने ऊँचा तकिया लेने से मना किया है 
लगातार तेरे इंतज़ार में तकते तकते हमें सर्वाइकल हो गया है।  सर्वाइकल

Mansi Rathour

सुबह उठने का रामबाण इलाज#@mansi'sway #विचार

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Kundan Singhania

दर्द का घरेलू उपचार #जानकारी

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Arjun Rana Yoga

मधुमेह का सरल उपचार! #Quotes

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आयुर्वेदिक उपचार

अस्थमा का आयुर्वेदिक उपचार #अस्थमा #Knowledge

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Omlata Singh Parmar

#रामायण का असर

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वक्त अपने आप मे खुद को जरूर दोहराता है
जो बुरा करता है उसका भी बुरा वक्त 
जरूर आता है
दुनिया कहती है बुरी किस्मत जिसे
भगवान जानता है कि मनुष्य 
अपने कर्मों का फल चुकाता है #रामायण का असर

Parasram Arora

वातसल्य का उपहार #Pehlealfaaz

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#Pehlealfaaz ज़ब   जीवन मे    एक  मा ने  अपनी  व्यथा 
औऱ  आँसू  से   बेटे  के  
 बचपन  को  नहलाया  था 
और  जवानी मे  बेटे  ने  माँ  को  धमकाया  था 
इसे  अपनी  कविता मे  ममताका  उपहास  लिखूँ  या 
बेटे   का  माँ  के प्रति  तिरस्कार   लिखू 
या एक माँ  का  वातसल्य  का  उपहार  लिखूँ वातसल्य  का  उपहार

SUFIYAN"SIDDIQUI"

दोस्त का उपहार #Talk

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बहूत बहूत शुक्रिया  आद०तानु जैन जी 
आपको मेरा शायरी पसन्द आई । दोस्त का उपहार

Yuva kavi Vimal kumar prajapati

#Loसादी का उपहार #शायरी

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कवि दिनेश अगरिया

#रामायण का आज का एपिसोड

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*रामायण के आज के एपिसोड का वर्णन*

बालिकुमार सभा में जाकर प्रभु संदेश सुनाता है।
अभिमानी रावण गरजा और जोर जोर चिल्लाता है।।

बोला सबक सिखा वानर को, और हंसा देकर ताली।
पाँव जमा कर अंगद बोला,  वानर पुत्र हूँ मैं बाली।।

बालि नाम को सुनकर के, रावण को याद है आया।
बालि ने छह माह तलक तक, उसको बगल दबाया।।

बोला अंगद है अभिमानी, क्यों विनाश को बढ़ता है।
क्षमा मांग ले मूर्ख प्रभु से, छोड़ कठिन ये दृढ़ता है।।

बहुत उदार प्रभु का ह्रदय, कृपा तू उनकी पायेगा।
लौटा दे माता को नही तो, बिना काल मर जाएगा।।

सुनकर अंगद वाणी को, लंकेश लगा है तपने।
तम में बोला वानर तू क्यों, आया  है मरने।।

जय श्री राम का घोष किया, अंगद ने पांव जमाया।
असुर सभा का योद्धा कोई,  पाँव डिगा ना पाया।।

एक एक कर आये योद्धा, पड़ी गई मुँह की खानी।
अंत में अंगद पांव उठाने, उठता खुद अभिमानी।।

रावण झुका है चरणों में, अंगद ने पाँव हटाया।
प्रभु शरण में जाने का, फिर से पाठ पढ़ाया।।

अहंकार में चूर था रावण या परम ब्रह्म का ज्ञानी।
प्रभुकमलों से तरने की क्या, खुद ही रची कहानी।।
द्वारा
रामभक्त दिनेश अगरिया #रामायण का आज का एपिसोड
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