Find the Latest Status about प्रजातन्त्र from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, प्रजातन्त्र.
R S Jaipuriar
प्रजातंत्र में प्रजा अलग, तन्त्र अलग। प्रजा तो पाॅंच साल में एक बार; उॅंगली में स्याही लगवा कर खुश हो लेती है; तन्त्र को ले उड़ जाने वाले सभी स्तंभ क्या ठाठ की राजशाही जीते हैं, पाॅंच साल लगातार, बार बार। गरीब भोले जेल झेलें, तन्त्र को क्या, तकरीरें करें। इन अक्षमों को ढंग से तन्त्र चलाना भी नहीं आता; नहीं तो प्रजातंत्र का पलटी मार निर्वाचन होता क्या? भोले निर्दोष लोगों को बेल लेने से डर लगता क्या? ब्रितानी पुलिसिया तन्त्र आज तक चलता रहता क्या? जो दफा चाहे, वो लगा पाता क्या? कलम की स्याही कभी सूख जाती क्या? लिखने वाला सच लिखने से डरता क्या? ©R S Jaipuriar #प्रजातन्त्र
Ankit Mishra
आज़ देश हसीं खुशी से चल रहा है उसमें भी लोगो को तक़लीफ़ है.... वो ऐसे.. राहुल को सुन के "हँसी" आती है और.. मोदी जी को सुन के "खुशी" होती है। प्रजातन्त्र
रजनीश "स्वच्छंद"
मैं तो हूँ व्यापारी।। मैं तो हूँ व्यापारी, बस सामान बेचता हूँ, पैसों के अंधों को देखो ईमान बेचता हूँ। प्रजातन्त्र के मंदिर का मैं एक पुजारी हूँ, अंधे बहरों को आंख और कान बेचता हूँ। सब होंगे खुशहाल, हर घर लक्ष्मी वास, झूठ को भी देखो कैसे सच मान बेचता हूँ। कोई भूख से मरता है, कोई चढ़ता फांसी, इन भूखे नंगों को मुआवजे दान बेचता हूँ। नारीशक्ति का नारा था, देवी तो बना दिया, फिर बीच चौराहे उसका सम्मान बेचता हूँ। कौन युवा है, कौन लड़ेगा, किसको चिंता, नतमस्तक वीरों को तीर कमान बेचता हूँ। निज धर्म निभाता हूँ, तेरा भी हुंकार रहे, शब्दों में संदेश नहीं बस, प्राण बेचता हूँ। ©रजनीश "स्वछंद" #NojotoQuote मैं तो हूँ व्यापारी।। मैं तो हूँ व्यापारी, बस सामान बेचता हूँ, पैसों के अंधों को देखो ईमान बेचता हूँ। प्रजातन्त्र के मंदिर का मैं एक पुजार
Pnkj Dixit
#OpenPoetry 🇮🇳पं• चंद्रशेखर आजाद🇮🇳 🇮🇳चन्द्रशेखर आजाद 🇮🇳 पण्डित चन्द्रशेखर 'आजाद' (२३ जुलाई १९०६ - २७ फ़रवरी १९३१) ऐतिहासिक दृष्टि से भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के स्वतंत्रता