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Ek villain
हम भारत के लोगों ने जब अपना संविधान बनाया था और उसे आकृति अधिनियम और आमंत्रित किया था तब हम उन्हें अपने देशों को बंद निर्णय बनाने का संकल्प लिया था यह बंद नहीं बक्शी धार्मिक शहर ऊर्जा के रूप में संविधान में शामिल की गई इस आधार पर संविधान में सभी व्यक्तियों को समान रूप से धार्मिक स्वतंत्रता के आधार दिए गए यह भी प्रदान किया गया कि राज्य का अपना कोई धर्म नहीं होगा और सर्वधर्म समभाव प्रचलित होगा इसके बावजूद कोई अवसरों पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले कार्य और व्यक्तित्व के कारण संप्रदाय के प्रवक्ता रहेगी घर में गंभीर प्रश्न हो गया कि क्या भारत के लिए राज्य के बावजूद हमारा समाज अब तक बन पाया है घातक हो सकता है अट्ठारह सौ इक्यावन में जॉर्ज है लेकिन इस शब्द का प्रयोग किया था इसके तहत उन्होंने किसी भी प्रचलित धार्मिक विश्वास की आलोचना की है बिना राज्य और धर्म को अलग करने वाली सामाजिक संस्कृति व्यवस्था बनाने की बात कही थी यह संकल्प असीम राष्ट्रीय व राज्य पर धर्म के बढ़ते प्रभाव के पृष्ठ भेजने विकसित हुआ था बाद में अमेरिका संस्था इंस्टीट्यूट फॉर द स्टेट ऑफ एग्रीकल्चर में पर्वों की ओर अग्रसर कटोरा धर्म का संपूर्ण प्रकरण धर्मपाल धर्मशाला भारत के लिए अपनाई गई ©Ek villain # पंथनिरपेक्ष समाज #jail
Rahul Shastri worldcitizens2121
Safar July 10,2019 सत्संग का अर्थ होता है गुरु की मौजूदगी! गुरु कुछ करता नहीं हैं, मौजूदगी ही पर्याप्त है। ओशो सत्संग का अर्थ
Aman Baranwal
मिट्टी का जिस्म और आग सी ख्वाहिशें, खाक होना लाजमी है, क्योंकि आदमी आखिर आदमी है! जीवन का अर्थ
divya...
इश्क़ आज भी है मगर राधा- कृष्ण जैसा नहीं ... होगे एक - आध भी उनके जैसे अगर... तो उनको चैन का जीवन नहीं... लोगो को प्रेम का हर दस्तूर झुटा लगता है... क्योंकि उन्होंने कभी किसी से .... सच्चा प्रेम किया ही नहीं... प्रेम का अर्थ...
Kumar Gunjan
"सफलता" कभी भी अर्थ शिक्षा, पद या गरिमा द्वारा निर्धारित नहीं की जा सकती सफलता एक संतुष्टि हैं, जिसे आप निर्धारित करते है। सफलता का अर्थ
नागेंद्र किशोर सिंह ( मोतिहारी, बिहार।)
जीवन का अर्थ ..........…........... इस पृथ्वी पर मानव आता है, जीता है,चला जाता है। लेकिन जीने का अर्थ कम ही लोग समझ पाते हैं। जिस जीवन में दया,क्षमा,परोपकार न हो उसका कोई अर्थ नहीं होता।त्याग भी जीवन का एक अभिन्न अंग है। लेकिन समय, काल और परिस्थिति के अनुसार कब किसका त्याग करना उचित होगा इसका भी ज्ञान होना बहुत जरूरी है। सुमार्ग पर चलना,कल्याणकारी काम करना ही जीवन का अर्थ होता है। ©नागेंद्र किशोर सिंह ( मोतिहारी, बिहार।) # जीवन का अर्थ।
ARVIND KUMAR
विचार --------------------- जिन्दगी का हर एक छोटा हिस्सा ही, हमारी जिदंगी की सफलता का बड़ा हिस्सा होता है ! ©Arvind Kumar सफलता का अर्थ!