Nojoto: Largest Storytelling Platform

New उपन्यासकार प्रेमचंद Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about उपन्यासकार प्रेमचंद from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, उपन्यासकार प्रेमचंद.

    PopularLatestVideo
5a1fa9baf8d06381dbd1bb61c1eb853c

Dil ke alfaj

सारी उम्र लिखते लिखते लिखना ना आया हमें,
वो एक शब्द भी कह दे तो सारा उपन्यास हो जाता है!!

©Deepa Solanki #कलम_के_अल्फ़ाज
#उपन्यासकार
aa94b85189a5e821968ff06d2bad2afe

Dharmendra singh

इस धरती पर प्रेमचंद एक ऐसे साहित्यकार थे जिनके फ़टे धोती कुर्ता से भी ज्ञान की गंगा बहती थी ।धन्य है वह आत्मा जो तमाम जिंदगी अभाव में रहकर भी देश, दुनिया और समाज के प्रति उनके भाव में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आई ।वे जिंदगी से संघर्ष करते हुए लिखते रहे ,लिखते रहे जो हिंदी साहित्य के पाठकों के लिए किसी वेद उपनिषद के ज्ञान से कम न था। बनारस के लमही गांव में31जुलाई1880में जन्म लेकर प्रेमचंद ने बनारस की पवित्रता को  और बढ़ा दिया था।  उस भूमि की उर्वरता का कमाल था कि प्रेमचंद के कलम से निकले गोदान, गबन, कायाकल्प ,रंगभूमि ,कर्मभूमि, सेवा सदन ,प्रतिज्ञा ,निर्मला जैसी अनेक कालजई रचनाएँ आज भी साहित्याकाश में चांद सूरज की तरह दैदीप्यमान है। समाज के उच्च वर्ग से लेकर निम्न वर्ग तक की जो भी समस्याएं थी ,विसंगतियां थी कुप्रथा और रूढ़ परंपराएं थी सब पर प्रेमचंद ने लिखा जो पाठकों के मानस पटल पर किसी चलचित्र की भांति चल कर जीवंत हो उठता था। आज हिंदी साहित्य में साहित्य की सेवा करने वाले रचनाकारों की कमी नहीं है किंतु 08 अक्टूबर 1936 में प्रेमचंद के काल कवलित होने के  बाद जो स्थान रिक्त हुआ था वह आज तक भर नहीं पाया है ।आज उनकी जयंती है ।इस पवित्र अवसर पर उनके फटे पुराने जूते से झांकती पावन चरणों में हृदय के अंतर तल से शब्दाजंलि।

©Dharmendra singh प्रेमचंद

प्रेमचंद

16 Love

ea0a811ec4243fcd5d2e0a061836fe48

Ganesh Shewale

#प्रेमचंद
b12b4e85abbe3823b7602ead62d1e98a

Rajesh K

सुप्रभात दोस्तों

©Rajesh K @प्रेमचंद

@प्रेमचंद

10 Love

8d8f70e7b8af68c7aa92be2027c746d6

अजय शर्मा

सोने और खाने का नाम जिंदगी नहीं है, 

आगे बढ़ते रहने की लगन का नाम जिंदगी हैं।

~प्रेमचंद #प्रेमचंद
fd5aed9e3fae2ad842f816a04168436f

~एकता ~

प्रेमचंद आपके नाम की भाती आपने अपने लेखन काव्य में प्रेम की नए नए रूप को दिखाया है ।
प्रेमचंद आपने मन की बातो को ऐसे पिरो कर रखा है मानो आप इंसान के हर भाव के साथ साथ उस इंसान को भी जानते हो ..
आप इंसानों के मन का वो कोना पकड़ कर रोशनी दिखाते हो जो उस कोने तक कोई भी  नहीं पहुंच पाया
और आपकी कहानी , उपन्यास उसके तो क्या कहने है ।जितना लिखूंगी उतना कम होगा 
आपने जीवन की उस स्थिति को दिखाया है ।
और इस प्रकार दिखाया है ।
आप जीवन के हर पहलु को जानते थे ।
और आप सबके मन में एक अटूट प्रेम के साथ साथ  एक कभी भी ना मिटने वाली तस्वीर हो आप प्रेमचंद

प्रेमचंद #अनुभव

11 Love

395f53d5fece43f29df7f6349c86b6ed

Kamlesh Gupta Nirala

प्रेमचंद

प्रेमचंद #Quotes

27 Views

e8733622ad58f484072756d8572cab9b

Prashant Mishra

सन 1880 में वो धरती पर आए थे
लमही की मिट्टी को धन्य बनाये थे
कलम के दम पर दुनियाभर में छाए थे
काशी का परचम खुलकर लहराए थे

वो 'पूस की रात' में 'दो बैलों की कथा' लिखे
वो 'ईदगाह' में  हामिद का चिमटा लिक्खे
वो कफ़न, ग़बन और 'सवा सेर गेहूँ' लिखकर
'बूढ़ी काकी' में जनमानस की व्यथा लिखे

गोदान लिखे, वरदान लिखे, बलिदान लिखे
आधार लिखे, उद्धार लिखे, धिक्कार लिखे
वो रंगभूमि, वो कर्मभूमि,  अधिकार लिखे
चमत्कार लिखे, सत्याग्रह और शिकार लिखे

वो गिला लिखे, लैला लिक्खें और नशा लिक्खे
चोरी, लांछन, कैदी लिखकर के क्षमा लिक्खे
दफ़्तर लिक्खे, फिर ग़बन, और इस्तीफ़ा लिक्खे
वो शुद्र लिखे और ठाकुर जी का कुआं लिखे 

'बेटों वाली विधवा' लिक्खे और 'माँ' लिक्खे
निर्मला , प्रतिज्ञा , प्रेमाश्रय , प्रेमा  लिक्खे
कितना गिनवाऊँ प्रेमचंद क्या क्या लिक्खे
'पंच परमेश्वर' और 'नमक का दारोगा' लिक्खे

उस उपन्यास सम्राट को चलो नमन कर लें
स्मृतियों से सज्जित यह पूर्ण चमन कर लें

--प्रशान्त मिश्रा प्रेमचंद

प्रेमचंद

0 Love

e2b3ed3b8f67c050ae4ce823c57d2962

Bhaरती

#प्रेमचंद
3f5d301f7c84956e5361d91fb203fbd0

Shivani Goyal

#प्रेमचंद जी
a7a24e3ed76a855b9a8cd4058e9eed4c

Sweta choursiya *Modi*

सदैव मेरे प्रिय प्रेमचंद 
#newplace

प्रेमचंद #newplace

7 Love

fda5b03146d4ea1fc73506fdde496a25

Sarika soni

कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद, आप हमेशा याद रहेंगे क्यूंकि आपकी रचनायें हिन्दी साहित्य जगत 
की अमूल्य धरोहर हैं 
आपने अपनी अन मिट  छाप छोडी है 
आप महान हैं ** #nojoto #प्रेमचंद
b12b4e85abbe3823b7602ead62d1e98a

Rajesh K

मुंशी प्रेमचंद

©Rajesh K @मुंशी प्रेमचंद

@मुंशी प्रेमचंद

8 Love

623dc9541452b052f3c394dcbcb94337

Sanu ankit

#TogetherUs #प्रेमचंद
6f2d38fe67c4dda7600d71bb9d12319c

Aradhana Prasad

 मुशायरा.. प्रेमचंद रंगशाला

मुशायरा.. प्रेमचंद रंगशाला #story

3 Love

00e653f75e66d08cf044edf46f93b497

Ranjeet singh Charan

 मुंशी प्रेमचंद सम्मान

मुंशी प्रेमचंद सम्मान #nojotophoto

17 Love

aa8014eb9bc267538bc340da51821465

S. K. Sargam🖊

मुंशी प्रेमचंद

#munshipremchand

मुंशी प्रेमचंद #munshipremchand #अनुभव

39 Views

dce16964c6d5112c2baa19595d7b9e64

Farookh Mohammad

कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद, आप हमेशा याद रहेंगे क्यूंकि आपकी कहानियों में इतना असर है कि उसका मिटना लगभग नामुमकिन है। #प्रेमचंद#wod#धनपतराय।

#प्रेमचंदwodधनपतराय। #विचार

23 Love

c59a5d600e1d1a8b84251ffaf47fd0ad

A1- शायरी

उत्साह और उम्मीद  सफलता की कुंजी है 
निराशा से कभी लक्ष्य नहीं पाया जा सकता 

NT"रामजी" #nirasha प्रेमचंद जी

#nirasha प्रेमचंद जी #विचार

20 Love

5937f7c50537b78055d1913ff15aca1e

Dr Aruna KP Tondak

निराशा संभव को असंभव बना देती है
वैसे ही जैसे इंसान की सोच उसे नीचे गिरा देती है
आगे बढने के लिए पैरों में रफ़्तार और आशा का होना जरूरी है,, क्योंकि निराशा संभव को असंभव बना देती है। अरुणा🎓📿 #प्रेमचंद#आशा#ज़िंदगी
6f22200e35fbe4afaa3c2cdbee6445d7

Prachi Mishra

प्रेमचंद जयंती #nojoto

प्रेमचंद जयंती nojoto #Thoughts

754 Views

1cda9391a6ea0898f57730f4759a57e6

Anshupriya Agrawal

#प्रेमचंद और साहित्य

#प्रेमचंद और साहित्य #कविता

37 Views

f2d274d5edb5b9aae4d2aa677e8f6041

Dimika2sister

कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद, आप हमेशा याद रहेंगे क्यूंकि   इनकी कहानियों में एक सच्चाई थी
सोचने पर मजबूर कर जाए ऐसी बनावट थी
दिल को छू जाए ऐसी लिखावट थी
हर शब्द में छुपी, देश की मिट्टी थी 
मेरे बचपन की किताबो में इन्ही की कहानियां थी #प्रेमचंद #nojoto  #munshipremchand
b1623a273c0fda4df59ea896b5a622ab

Anand Kumar

#munshipremchand #प्रेमचंद 

#MunshiPremChandJi
acc7dc1bf4d3c777c0cf4e1d92dd105c

Chhotelal

उपन्यास-मुंशी प्रेमचंद

उपन्यास-मुंशी प्रेमचंद #ज़िन्दगी

27 Views

acc7dc1bf4d3c777c0cf4e1d92dd105c

Chhotelal

मुंशी प्रेमचंद की उपन्यास

मुंशी प्रेमचंद की उपन्यास #ज़िन्दगी

77 Views

117570d3fa0867454315e61fd0d36060

Paaro Chakrawarti

प्रेमचंद की कहानियां सबने बचपन में स्कूल सिलेबस में ज़रूर पढ़ी होंगी। तब तो वो चैप्टर बड़े बोर लगते थे। एक तो हिंदी इतनी शुद्ध, ऊपर से गांवों का माहौल। कहां हम शहरी बच्चों को वो रास आती। और अब सबसे बड़ी बात, इतनी दुख भरी। परीक्षा दी, पास हुए और भूल गए।

हाल में मैंने प्रेमचंद की एक कहानी फिर से पढ़ी। कहानी का नाम है ‘कफ़न’। शायद आप लोगों को याद ना हो, इसलिए संक्षेप में बता देती हूं। शुरुआत में माधव और उसके पिता घीसू सर्दी की रात में घर के बाहर अलाव के सामने बैठकर आलू सेंक रहे हैं। कुटिया में से माधव की बीवी बुधिया की चीखने की आवाज़ आ रही है। वो प्रसव में तड़प रही है।

घीसू अपने बेटे से कहता है कि लगता है बचेगी नहीं, जा बहू को देख आ। उस पर माधव कहता है कि मरना है तो वो जल्दी से मर क्यूं नहीं जाती। वो अपनी बीवी को इस हालत में देखने कतराता है। और ये भी डर है कि अंदर गया तो बापू दो-चार आलू दबा लेंगे। वो आलू जो ये नालायक खुद किसी और के खेत से चोरी करके लाए थे।

फिर, लेखक हमें हल्के से बताते हैं कि बाप-बेेटा बेहद आलसी हैं। गांवों में काम की कमी नहीं पर ये काम करना नहीं चाहते। उनकी रेपुटेशन ऐसी है कि उन्हें कोई काम देता भी नहीं। मगर आलस के पीछे उनकी सोच ये थी कि जो आदमी मेहनत करता है, उसके हालात कोई हमसे ज्यादा बेहतर नहीं। समाज इस तरह से है, तो हम भी समाज के कायदे नहीं निभाएंगे।

खैर, अगली सुबह बुधिया मर चुकी है, अब बाप-बेटे को उसके क्रिया कर्म का इंतजार करना होगा। इधर-उधर से पैसा मांगना होगा। जमींदार उनसे चिढ़ते हुए भी दो रुपया उनकी तरफ फेंक देता है। और लोग कुछ पैसा, लकड़ियां वगैरह दे देते हैं। पांच रुपए के साथ दोनों पहुंचते हैं बाज़ार, एक कफ़न खरीदना है। मगर दिमाग़ में एक सवाल है कि जो मर गया है, उसे कपड़े की जरूरत क्या? कफ़न तो जल जाएगा। इसलिए क्यों ना हम इस पैसे का सही इस्तेमाल करें। वो पहुंचते हैं मधुशाला में और साथ ही बढ़िया पूरी और कलेजियों का भी आनंद लेते हैं। भरपेट और मनपसंद खाना सालों बाद मिल रहा था..जैसे बीस साल पहले, ठाकुर की शादी के भोज में।

एक भिखारी बाप-बेटे को खाना खाते हुए देख रहा है। घीसू उसे भी कुछ बची हुई पूरी दे देता है, कहता है जिसकी मेहनत की कमाई है वो तो मर गई। पर उसको आशीर्वाद दे। जाते-जाते भी हमारी ज़िंदगी की सबसे बड़ी लालसा पूरी कर गई। उसको जरूर वैकुंठ मिलेगा। वो वैकुंठ की रानी बनेगी। मैं ये लाइन पढ़ रही हूं और एक तरफ इनकी हरकतों पर आश्चर्य होता है। लेकिन दूसरी तरफ ये अहसास कि हालात आदमी को मजबूर करता है। जिसको रोज खाने का ठिकाना नहीं और आगे कोई परिवर्तन की उम्मीद नहीं, वो इंसान से हैवान बन सकता है। इस कहानी को पढ़ते हुए हमारे समाज के खोखलेपन का तीव्र अहसास होता है।

ये कहानी प्रेमंचद ने लिखी थी 1936 में। आज 2020 में भी हमारे बीच हजारों, सैकड़ों माधव और घीसू मौजूद हैं। शायद आज माधव मैट्रिक पास हो, लेकिन गांवों में उसके लायक कोई नौकरी नहीं। बुधिया को आज भी डॉक्टर का इलाज नसीब नहीं। और जमींदार के खेत में आज भी किसान चंद रुपयों के लिए अपना पसीना बहा रहा है।

मैं निराशावादी नहीं, मैं ये नहीं कहती कि अस्सी साल में कोई बदलाव नहीं। लेकिन उसकी रफ्तार बहुत ही धीमी है। अगर माधव और बुधिया का बच्चा आज पैदा होता है, तो उसे स्कूल के मिड-डे मील का लालच है। क्योंकि उसे घर में भरपेट खाना नहीं मिलता। ये सोचने की बात है कि अनाज की कमी नहीं, लेकिन लोगों तक पहुंचाने में हम सफल नहीं।

दिवाली के पहले इस मुद्दे पर सोचकर आपको शायद असहज महसूस हो रहा हो। जो ये लेख पढ़ रहे हैं वो काफी सक्षम होंगे। आप इस पावन पर्व पर एक जरूरतमंद परिवार को मनपसंद, भरपेट खाना जरूर खिलाएं और ईश्वर से प्रार्थना करें कि एक दिन प्रेमचंद की ये कहानी पुराने जमाने का गया-बीता किस्सा लगे । मुंशी प्रेमचंद🙏🏻#paaro

मुंशी प्रेमचंद🙏🏻paaro #story

5 Love

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile