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pk Love Sayr
न तलवार उठाएंगे,ना हथियार उठाएंगे। शब्दों के बाण, इस कदर चलाएंगे। जो हमें दुश्मन मानते हैं,उन्हें उनकी नजर में गिराएंगे। सदियों से जो,आप लोगों से,झूठ कहा जा रहा है। सत्य क्या है,वह हम हमारे अंदाज में बताएंगे। आप लोग सदियों से,सत्य सुन रहे हो,सत्य देख रहे हो। और सत्य मान भी रहे हो। सत्य को आप लोग,जीवन में कब अपनाओगे। हम तो बस इतना ही कहेंगे,आप इंसान हो। क्या इंसान की तरह अब से, रेह पाओगे। रहना है कैसे वही बात बताएंगे, ना तलवार उठाएंगे, ना हथियार उठाएंगे, शब्दों के बाण इस कदर चलाएंगे ©pk Love Sayr #pk #love #sayr # ना तलवार चलाएंगे। #ना हथियार उठाएंगे। #शब्दों के बाण। #इस कदर चलाएंगे। #???????????????????? #BanditQueen
RAFTAARSINGH (MAIN)
जमाना जलेगा , हम और जलाएंगे , हमारे पहले बहुत दुश्मन थे , हम और बनाएंगे । #MAINRAFTAARSINGH .
Rakesh Ladhrh Robert
साथ हम चले, जीत जाएंगे| क्रोना से डरना नहीं, क्रोना को डराएंगे| क्रोना को हराएंगे खुद भी बचेगे , दुनिया को भी बचाएंगे, मिल कर जश्न मनाएंगे,| प्रेणा के गीत मिलकर गायेंगे, तिरंगे को लहरायेंगे,| हम भारतीये दुनिया को बतायेगे| घबराना नहीं , सावधानी बरतें, हम जीत जाएंगे| साथ हम चले, जीत जाएंगे| क्रोना से डरना नहीं, क्रोना को डराएंगे| क्रोना को हराएंगे खुद भी बचेगे , दुनिया को भी बचाएंगे, मिल कर जश्न मनाएंगे,|
Rahul pateriya
एक दीप तेरे नाम का एक दीप दीवाली का तेरे नाम से रखूंगा मैं, पटाखे भी नही फोड़े तेरे इंतजार में रहूँगा मैं, तेरा लौट आना ही मेरी दीवाली है गाँव मे तेरे लिए रहूँगा मैं, तूँ है मेरे दिल की लक्ष्मी तेरे लिए उजाला करूँगा मैं, बज्म फिर शायद खिल उठे काली रात को उजालो से भरूँगा मैं, एक दीप मैं और एक दीप मे तूँ रहना फिर शायद कभी न बुझूँगा मैं।। राहुल पटैरिया ©Rahul pateriya फैलेगा प्रकाश दीवाली सज धज के मनाएंगे,, घर से लेकर मुंडेर तक हम दीये जलाएंगे।। #Diwali
Barsha Prasad
अगर मैं रावण होता भीतर के रावण को जो खुद आग लगाएंगे सही मायनों में वो ही दशहरा मनाएंगे हैप्पी दशहरा भीतर के रावण को जो खुद आग लगाएंगे सही मायनों में वो ही दशहरा मनाएंगे हैप्पी दशहरा
Prem Nirala
घर के आँगन में पेड़, नीम का लगाएंगे, कि, बदन पे अब ज्यादा घाव नहीं बनाएंगे कोई पूछे तो केह देना कि हाँ यहीं रेहता हैं, तराजू में तौलकर अब इश्क़ का दाम लगाएंगे मिलेंगे अब कभी तो बहाने आम के नहीं होंगे, पत्थर उठाएंगे, लेकिन अब लग्घी नहीं बनाएंगे कहानी में अब कईं किरदार हम निभाएंगे, पत्थर के चाक पे मिट्टी का इंसान बनाएंगे इन ज़ुल्फ़ों का रंग तो एक दिन सफ़ेद होना ही हैं, तेरे चक्कर में अब चौराहे पे साइकल नहीं लगाएंगे! prem_nirala_ घर के आँगन में पेड़, नीम का लगाएंगे, कि, बदन पे अब ज्यादा घाव नहीं बनाएंगे कोई पूछे तो केह देना कि हाँ यहीं रेहता हैं, तराजू में तौलकर अब इ