Nojoto: Largest Storytelling Platform

New पुस्तकाची मागणी पत्र Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about पुस्तकाची मागणी पत्र from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पुस्तकाची मागणी पत्र.

    PopularLatestVideo

Kailas Tidke

#मागणी प्रेमाची

read more
तुझा गरम हात या गार वाऱ्यात हातात घेऊ का?
बरसणारा हा पाऊस तुझ्या ओठांनी पिऊ का? #मागणी प्रेमाची

रिया रूपेश पवार महाळुंगेकर

तुझी मागणी #nojotophoto

read more
 तुझी मागणी

Radhika Mali

मागणे

read more
उगवत्या दिनकरा 
माझे तुला वंदन असो 
सारे जग सुखी असो । 
तुझ्या नावाचा जयजयकार असो ! 

तळपत्या दिनकरा
 माझे तुला वंदन असो 
सर्व कामे सुरळीत होवो 
कुणासही दुःख वेदनेची पिडा नसो 
सारे जग आनंदी राहो 

मावळत्या दिनकरा 
माझे तुला वंदन असो 
दिवसभर थकलेले जीव 
अन्नाने तृप्त होवो
 सर्वांना सुखाची निद्रा येवो

 दिनकरा , दिनकरा 
माझे तुला वंदन असो
 सारे जग सुखी असो 
माझी इच्छा पूर्ण होवो 
तुझ्या नावाचा जयजयकार असो !
Radhika Mali मागणे

somnath gawade

सरत्या वर्षाला
निरोपात एवढेच सांगणे;
भयाचा गडद अंधार
मावळून येत्या वर्षाला
 निर्भय प्रकाशाचे
दान मिळो हेची मागणे.

 #मागणे

somnath gawade

#हेचि मागणे आता

read more

    दीपोत्सव
अंधारावर मात करुनी
दिव्याने प्रज्वलित करू
इथला प्रत्येक कण
निराशेचे वादळ क्षमवून
प्रफुल्लित होऊ दे
सारे क्षण..
 दिव्याने दिव्यत्वाची 
द्यावी प्रचिती
संकटावर मात करण्या
मिळावी गती
अनिश्चिततेचे मळभ 
सारे निघून जावे
प्रकाशाने सर्वत्र आशेचे
किरण शिंपावे... #हेचि मागणे आता

पूर्वार्थ

लाइब्रेरी के प्रांगण में प्रवेश करते ही..
मानों वो असँख्य किताबें,अपनी पलकें बिछाएं..
आपका बेसब्री से इन्तजार कर रही हो।
वही पुराने मेज ..वही पुरानी कुर्सियां..वही पुरानी अलमारियां,
और उन अलमारियों में पड़ी ..वही पुरानी किताबें...!
जिनमे से कइयों को तो.सालों से छुआ तक नही गया है।
आज भी अपने पाठक का इंतजार कर रही है।
लाइब्रेरी के बीच प्रांगण में..चारदीवारी पर चारो तरफ लगी..
उन महापुरुषों की वो पुरानी तस्वीरेँ..
जो इस लाइब्रेरी के इतिहास को बताने के लिए काफी हैं।
हाँ इसमे लगी वो बड़ी टीवी नई तो है..
लेकिन वो कहते है न ,की संगति का असर होता है..
तो वो भी अब पुरानी सी लगती है।तीन खम्बों पर लगे वो तीन पंखे..
जिसे शायद ही किसी ने चलते देखा हो!
यहां लगे टेबुल फैन..जिनमे से कुछ नए है तो...
कुक आज भी डुग-डुग करके..चलते है..!
खैर जो भी हो ..प्राचीनता को थामे.अपनी ये लाइब्रेरी
आज भी निरन्तरता और आधुकनिकता..का बोध कराती है।
ये कोई प्राचीन बिल्डिंग नही,न ही ये कोई संग्रहालय है!
ये तो खुद में एक जीता-जागता संसार है।
जिसने भी एक बार इसे महसूस कर लिया,
यहां कुछ समय बिता लिया,वो बार बार यहां आना चाहेगा..
शांत, एकांत और एक भीनी सी.खुशबू के साथ.
यहाँ का परिवेश आपको सदैव याद आएगा।

©पूर्वार्थ #किताबेंऔरहम 
#पुस्तकालय
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile