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Bishwajeet Kumar

बाल मजदूरी पर प्रस्तुत कविता। #बाल_मजदूरी #CHILD_LABOUR #Child_labor

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Pooja Saini

#बाल मजदूरी 😌😌 #कविता✍️✍️ #कविता✍️✍️

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,,बाल मजदूरी,,

मजबूरी को मंजूरी समझ लेते हैं लोग
लगाना पड़ता है फिर यह बाल मजदूरी का भोग
कॉपी, किताब ,कलम , बैग ,सब कुछ तो छूट गया
कैसे रखूं एक  सौम्य जवानी की कामना? 
जब यह बचपन ही मुझसे रूठ गया,
दब रहे सपने मेरे देखो भार विस्तृत है इस मजदूरी का
क्या समझता है कोई पीड़ा मेरी भी? 
इस विनाशक बीमारी बहुत बुरी का 
इस रोग से पीड़ित हो रहे मेरे बौद्धिक अंग हैं
सिकुड़ रहे सहज -सहज जिस उद्देश्य मेरा जीवन भंग है
जा रही कुचली हर इच्छा मेरी
खेलकूद होशियारी की
पेट की आग रजा रही ये समस्त आडंबर
मचा रही शोर  इस कलंक की तैयारी की
कैसे निकलूं  इस दलदल से मैं?  
हर क्षण  धंस रहे कदम है
कोसों दूर बस गई सकारात्मकता भी
क्योंकि इस बाल  श्रम का भी एक विशाल गम है।।

©Pooja Saini #बाल मजदूरी 😌😌 
 #कविता✍️✍️

Akanksha Nandan

#बाल मजदूरी

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Kamal Singh

#बाल मजदूरी

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थी उम्र उसकी पढ़ने की
थी उम्र उसकी खेलने की
परिवार की हालत उसके तंग थी
घर की शान्ति उसके भंग थी
गरिबी ने बचपन छीना
हाथ से खिलोने छिने
छिना उसका बालपन
छिना उसका लडकपन #बाल मजदूरी

Anju Dubey

बाल मजदूरी #Shayari

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Jennie

--बाल मजदूरी--

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दिल में थे ढेरों सवाल
जिनका था ना कोई जवाब
लिए आंखों में आंसू खड़ा मै भी
कि फरियाद की गुहार मैंने भी।

क्या यही है मेरी ज़िन्दगी ?
क्या करनी मुझको मजदूरी ?
है ना कोई खुशी ज़रूरी ?
कब तक मारू अपनी ख्वाहशें ?
क्यों लिखी मेरे जीवन में इतनी खामिए ?

मेरी पहचान का कोई वजूद नहीं रहा
सिर्फ मालिक के कहने पे करता रहा
मेरा भी दिल करता पढ़ने को
नहीं जी करता किसी की गुलामी करने को
अब जी नहीं करता कुछ सेहने को।

महीनों निकाल कर अपना पसीना
उस आग में झुलसा कर अपना सीना
लाया पगार मै कुछ यूहीं
ली बापू ने छीन उसे भी
दी लूटा अपने दारू - जुए में ही।

पूछता हूं उस खुदा से सवाल मै भी
क्यों दी ऐसी गमों भारी ज़िन्दगी मझे ही
चाहता मै भी जीना खुशी से रहना 
अब तो कर दो कोई करम सुनहरा ।। --बाल मजदूरी--
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