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pramod malakar
अर्धांगिनी अर्ध है प्यार का 1111111111111111111111111111 शादी की सालगिरह पर बहुत-बहुत बधाई है , अर्धांगिनी नहीं , लक्ष्मी घर आई है, खामोशियां नहीं खुशियां घर लाई है। मुर्झाए चेहरों पर मुस्कराहट लुटा रही है, बिगड़ैल पति को प्यार से संवार रही है। अर्धांगिनी अर्ध है प्यार का , जन्म दाता है तुम्हारे संहार का। आज का दिन बहुत खाश है इतिहास बना लो, पत्नी जिंदगी कि सांस है , तन में बसा लो। वक्त चक्र है मिलकर संस्कृति बचालो।। मालाकार संस्कार है हर पंक्ति का, पति - पत्नी के सात्विक शक्ति का। एक हाथ में गुलाब दुसरे में कमल थाम लो, मन से प्यार , दिल से भाजपा को मान लो। घर भी चमकाएंगे , देश भी चमकाएंगे यह ठान लो। प्यार दूसरों के घर से चलकर तुम्हारे घर आई है, माता पिता भाई बहन को रुलाकर तुम्हें हंसाई है। तुम्हें भगवान मान कर तुम्हारा घर बसाई है, शादी की सालगिरह पर बहुत-बहुत बधाई है।। ######################### कवि - प्रमोद मालाकार ©pramod malakar #अर्धांगिनी अर्ध है प्यार का।
Ritu shrivastava
मांग में सिंदूर नहीं कई उम्मीदें सजा कर आती है, उसके एहसास को संजोना दिल से, तुम्हारे लिए एक नारी अपने बाबुल का घर छोड़ कर आती है। ©Ritu shrivastava #अर्धांगिनी
Yogita Harne
अर्द्धांगिनी अपना संपूर्ण देकर भी जो "कुछ भी न कहलाई उसके समर्पण, प्रेम को ..... कभी विवशता, कभी करुणा , कभी उलाहना की उपमा दे दी गई अर्ध, अंग की जगह पूर्ण मन समर्पित कर लेते तो अर्धांगिनी की जगह वह कहलाती,सम्मानित जीवन जीती मन स्वामिनी मनस्वीनी अर्धांगिनी
Rayphile
अर्धांगिनी आभा स्वरूप प्रभा की ऊर्जा सम नव रश्मि की एकाकी डगर का पथ सहगमिनी निस्वार्थ निश्छल मनोबंधन की चांदनी विविध जीवन रंग छलकाती घन तिमिर में प्रज्वलित ज्योति लहलहाती करुणा की सी नदी आजीवन सम समधुर रस बंधन पूर्ण समर्पण प्रति सहचर निकेतन सदन सखा की अर्धशक्ति कहलाती है ये अर्द्धांगिनी बनती प्रेरणा स्वरूप नित पल उन्नति और समृद्धि का आधार #अर्धांगिनी
Anu
नही चाहती वो कि ... तुम उसके लिए चाँद तारे तोड़ कर लाओ लेकिन तुम कभी-कभी उसके लिए एक फूल ले आना नही चाहती ... हर रोज़ उसे रेस्त्रां में खाने ले जाओ लेकिन तुम कभी-कभी अपने हाथों से उसके लिए भी कुछ बनाना नही चाहती वो ... तुम सबको छोड़ कर बस उसके साथ टाइम बिताओ लेकिन तुम कुछ पल उसके लिए भी निकालना नही चाहती वो कि ... तुम बस उसको ही चाहो लेकिन तुम उसे उसके सबसे ख़ास होने का एहसास दिलाना ये एहसास ही तुम्हे जिताएगा उसे तुम्हारे सुख दुःख का साथी बनाएगा तुममे वो ख़ुद को पायेगी तभी तुम्हारी अर्धांगिनी कहलाएगी .... ©Anu अर्धांगिनी
Disha Rastogi