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Jibran Khan Hanfi
कलामे ग़ालिब से जब हम नशीन हुऐ हैं तभी शायरी की ज़र ख़ेज़ ज़मीन हुऐ हैं जानते हैं सभी अहले अदब बख़ूबी उन्हें नाम उनका असद उल्लाह ख़ां हैं शायर बहतरीन हुऐ हैं सीख़ा है न जाने कितनों ने उनसे शेर कहना जिब्रान उन्हीं के सदक़े शेर कहने लायक हम से कमीन हुऐ हैं असीरे ग़ालिब असदुल्लाह ख़ां मिर्जा़ ग़ालिब
CalmKazi
दीदों को तूने गुंचा-ए-नाशिगुफ्ता सा रखा यूँ बोसे की याद में मुँह देखता रहा यूँ Deedon ko tune guncha-e-nashigufta sa rakha yoon Bosey ki yaad mein muh dekhta raha yoon deedon = eyes guncha-e-nashigufta = half opened rosebuds bosey = kiss अर्श से फर्श पर ला दिया दीदार को ही आशिक़ी बना दिया
Suman Rakesh Shah
मैं नही जानती कि दुआ क्या है, वफ़ा गर ये है तो बेवफ़ा क्या है जब इश्क़ तुझसे हुआ तब जाना कि ये सज़ा क्या है इश्क़ की नज़रों से देखा तो जाना है कि आखिर ख़ुदा क्या है देखती हूँ सबको रास्ता बदलते, और सोचती हूँ कि ये हवा क्या है... नमस्ते, प्रिय लेखको। देखना तक़रीर की लज़्ज़त कि जो उसने कहा मैंने ये जाना कि गोया ये भी मेरे दिल में है.. उसकी तक़रीर (भाषण) का मज़ा तो देखिए,
Mehfil-e-Mohabbat
पता करो मेरे साथ कौन उतरा था ज़मी पे कोई अकेला नहीं उतरता है ©राहुल रौशन ♥️ अहमद अब्दुल्लाह भाई ♥️
Mehfil-e-Mohabbat
यानी जिसे दीमक लगी जाती थी वो मै था अब जा के मेरा मेरी तरफ़ ध्यान गया है ©राहुल रौशन ✍️♥️अहमद अब्दुल्लाह भाई♥️✍️
Satish Chandra
अपने आप में ही मशरूफ़ रहता हूँ आजकल, कि ज़माने में अब मेरे अपने नहीं, गैरों के सपने नज़र आते हैं। मैं जो मशरूफ़ हूँ मुझमें तो क्या गुनाह कर दिया, तू भी तो बेगानी शादी में अब्दुल्लाह बनता है। #YQbaba #YQdidi #Sattytude
अरफ़ान भोपाली
अव्वल कलिमा , बलाग़त , एज़ाज़-ए-मशीहा की करामत , है नज़ाकत पढ़कर तू भी हो जा क़ाएल , इस्लाम की तस्वीर-ए-सुखन वक़्त-ए-बयाँ अव्वल कलिमा -: तय्यब - ला इलाहा इल्ललाह मुहम्मदुर-रसुल्लाह बलाग़त :- एक महान गद्य एज़ाज़-ए-मसीहा :- एक महान प्रवक्ता नज़ाक़त -: नाज़ुक क़ाएल :- मा
Ankit
गुजारिश है तुमसे वतन के ठेकेदारो, की रंग है जो दो केसरिया और हरा, तो उन्हें बस तुम रंग ही रहने दो, न खींचो उनसे नफ़रत की लकीर ऐसी, की सोच पड़े होली और ईद साथ मनाने वाले श्याम और अब्दुल्लाह भी अब, की जाऊंगा उसके घर अब तभी जब पहले उसको कहने दो ll गुजारिश है तुमसे वतन के ठेकेदारो #communalpolitics गुजारिश है तुमसे वतन के ठेकेदारो, की रंग है जो दो केसरिया और हरा, तो उन्हें बस तुम रंग ह
Maaahi..