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ppthewriter

#आस्तीनका सर्प

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सर्प का कटा बच सके।
न बचे वो जिसे अश्तिन का 
सर्प काट खाये ।
फिर दौड़े धोके का ज़हर 
नशों मे इस कदर की अदमी
मन ही मन मे बस 
हाय हाय चिलाये। #आस्तीनका सर्प

Hindi poem the heart of nation

विषैले सर्प

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विषैले सर्प

क्या कहें अब हम उन सरपो को ,जिन्हें विषधर हम ही बनाते हैं
जिस छाती का कभी दूध पिया,
चढ़ उसी की इज्जत लूटते हैं
रिश्तों की गरिमा इतनी गिरी,
संभाले नही ये संभलेगी
अब वो दिन दूर नहीं,
जब मा वैश्या के जैसी होगी
गाली भी देते मा को तो,मा की गाली दे जाते हैं
जिन्हें शब्दों का कोई ज्ञान नहीं,
फिर उनको क्यों इज्जत देते है?
इन सापो को कब तक पालोगे,
इनके जिस्मों में है जहर भरा
काट विषैले अंगो को फिर,संग चलना बेहतर होगा
भीरू नहीं निर्भीक बनो,
और खड्ग उठाओ कर में
चिर अलग कर अंगो को
अपने इस महासमर में। विषैले सर्प

online tution by Amarnath sir

सर्प और अमन

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rajeshwari Thakur

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hindi prabha

रश्मिरथी मनुष्य और सर्प दिनकर #inspirational

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S. Bhaskar

सांप्रदायिक सर्प #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqtales #yqdada #yqhindi #yqbhaskar #yqdidichallenge

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सांप्रदायिक सर्प

ये तो सबको पता है कि अकेले आए थे और अकेले जाना है,
फिर क्यूं इस रंग मंच में नए रिश्ते बनाना है,
क्यों अपने आंसू किसी को दिखाऊं और किसी के लिए क्या बहाना है,
मन से अमीर बनिए तो दिखेगा की किसको कैसे आजमाना है।

दोस्ती करने में तो कभी आपको कोई फर्क नहीं पड़ेगा,
तब आपको अपने में वो साम्प्रदायिकता वाला सर्प भी नहीं डसेगा,
फिर जब निभाने कि बारी आयेगी तब ये सोच पर हावी होने  लगेगा,
ऊंच नीच का भेद तब जा के कहीं आपको समझ आने लगेगा।

लोग कहते है कि ऊंच नीच का फर्क अब मिटने लगा है समाजों से,
फिर कहां किसी से सुना कि मंत्र पढ़ा है शादी का नीच चमारों ने,
मानते है कि अमीर और गरीब दोनों में पाए जाते है,
पर कहां सम्मान में एक सा निभाए जाते है।

अब तक मुझे दोस्ती करने से भी डर सा लगता है,
चाहे कोई भी ही ये सर्प सबके मन में बसता है,
दिखाना कोई नहीं चाहता है यहां बदनामी के डर से,
पर सच अक्सर सामने आ जाता है ढके हुए दर से।

बुजुर्गों का कहना था कि जाति धर्म का भेद कभी नहीं मिटेगा,
हम नादान थे अब जा समझा हूं की भेद कहां दिखेगा,
नहीं रहना मुझे भी अब इन छोटी सोच वालों के संपर्क में,
जो बांट देते है अनायास है मुझको नीच वर्ग में। सांप्रदायिक सर्प
#yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqtales #yqdada #yqhindi #yqbhaskar #yqdidichallenge

Ek villain

#Holi मनुष्य की पांच ज्ञानेंद्रियां तथा उसकी सर्प उसको नकारात्मकता की ओर ले जाते हैं #Society

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यह कथा मनुष्य के पंच ज्ञानेंद्रियों तथा उनकी सर्प जैसी नकारात्मक कामनाओं की ओर इंगित करती है दरअसल मनुष्य का मन छठी इंद्रिय है जो राजा है और पांच ज्ञानेंद्रियां आंख कान नाक नासिका जी वाह तथा त्वचा से लिपटा रहता है आंख से बुद्धिस्ट कान से अभद्र स्वर्ण नासिका से नकारात्मक वायु करण से गलत स्वाद एवं दूर वाचन तथा त्वचा से वंचित स्पर्श की प्रवृतियां किसी जहरीले सर्प से कम नहीं है मनुष्य के सकारात्मक प्रभाव देवताओं के सूचक है तो नकारात्मक बहुत का चिंतन उसे देते की श्रेणी में खड़ा करते हैं

©Ek villain #Holi मनुष्य की पांच ज्ञानेंद्रियां तथा उसकी सर्प उसको नकारात्मकता की ओर ले जाते हैं

hey_lyricist

हरि - सर्प अरि -- शत्रु पीर - पीड़ा अधूरी बातें Eisha mahi $@K$hî ©h@ûdh®¥

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अरि डसे या हरि डसे देत ना उतनी पीर

शब्द के घाव कठोर हैं, कह गए दास कबीर।





@hey_lyricist हरि - सर्प
अरि -- शत्रु
पीर - पीड़ा
 अधूरी बातें  Eisha  mahi $@K$hî ©h@ûdh®¥

SURAJ आफताबी

भुजंग-सर्प कुरंग- हिरणी मतंग- हाथी तुरंग- घोड़ा मकरन्द- कमल का फूल #surajaaftabi love #yqbaba #yqdidi poetry life #poem #yqhindi

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हृदय में उमंग
होष्ठ कंपित मृदंग
वो चंदन सुगंध
मै बहका भुजंग !

चाल जैसे कुरंग
केश लहराते बसंत
वो आयत पावन
मै फकीरा मलंग !

मस्ती जैसे मतंग
चंचलता जैसे तुरंग
वो खिलता मकरन्द
मै वसन छिद्र पे पैबंद ! भुजंग-सर्प
कुरंग- हिरणी
मतंग- हाथी
तुरंग- घोड़ा
मकरन्द- कमल का फूल
#surajaaftabi #love #yqbaba #yqdidi #poetry #life #poem #yqhindi

Anurag Bharat

#Life "मैं मौत के ख़यालों में. . . "~✍🏻अनुराग 'भरत ' 🙃 शब्दकोश:- ऊर्मि=पीड़ा, सारंग=सर्प, कुन्तल=प्याला, विहंग=हवा #poem

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 #life 
"मैं मौत के ख़यालों में. . . "~✍🏻अनुराग 'भरत ' 🙃
शब्दकोश:- ऊर्मि=पीड़ा, सारंग=सर्प, कुन्तल=प्याला, विहंग=हवा
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