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SONU SK
वक्त है, तो वक्त की क़दर किया करो, मिल रही है ज़िंदगी, रोज़ ही मुफ़्त में। मिल रही है ज़िंदगी, रोज़ ही मुफ़्त में। तो, रोज़ सुबह उस ऊपर वाले का शूकर किया करो।। ©SONU #शूकर किया करो
xyz
शुकराना उन परायों का; जो अपने न हो कर भी अपनापन दिखा देते हैं, वरना यहाँ कुछ अपने तो पीठ में ख़ंजर घोंपने के लिए मशहूर हैं। #collabwithतन्हा_रातें #एक_गुलनार #yqdidi #yqbaba #शूकरान #yqbhaijaan #tanharaatein_erotica Collaborating with Tanha Raatein #tishiyapa
Tuffani Gyan Sager
iamkr✍️
शूकर कर तू इश्क़ था वरना बदला अपने ही अंदाज में लेता🤙🤙 शूकर कर तू इश्क़ था वरना बदला अपने ही अंदाज में लेता🤙🤙
Sanam Baghvan ( rj neha )
दिन रात की जो तकलीफ से गुजरी होगी,,, वो मां थी जो आज सुकून कि नींद में सोई होगी,,, निर्भया को इंसाफ मिल गया,, sanam baghvan,,✍️🙏😊, आज इंसाफ मिल गया निर्भया को,,, शूकर है खुदा का,,☺️✍️🙏 #nojotoworld #nojotoshayri
Vishw Shanti Sanatan Seva Trust
जय श्री कृष्ण ©Vishw Shanti Sanatan Seva Trust मदिरा पीने वाला शूकर नरक में और नर हत्या करने वाला ताल नरक में गिर जाता है।
Vishw Shanti Sanatan Seva Trust
जय श्री कृष्ण ©Vishw Shanti Sanatan Seva Trust मदिरा पीने वाला शूकर नरक में और नर हत्या करने वाला ताल नरक में गिर जाता है।
AJAY VERMA
तुझ तक चले मेरे रास्ते एक ठीक तू ही लगे मेरे वास्ते आजा मिल के मिटा दे सारे फासले सजना..... रंग तेरा मुझ पे यू चढ़ गया मानो इश्क़ कुछ कर गया दीदार हुआ रही दिल भर गया सजना…… खबर फैला दो मोहल्लों में और मन महेलो में एक सरीफ सा आशिक़ फिर फरार हो गया कैसे रहता हो बेवजह उन्हीं दिनचर्या में जब नैनो से इस क़दर है हद पार हो गया हासिल हुआ मकसद जो था हर एक गुनहा माफ़ हुआ शूकर की खुदा का आखिर मेरे यारा आशिक़ के साथ इंसाफ हुआ बाशिंदा हुआ दिल तेरी गलियों का फिर जिंदा हुआ दिल शुक्रिया शुक्रिया… तुझ तक चले मेरे रास्ते एक ठीक तू ही लगे मेरे वास्ते आजा मिल के मिटा दे सारे फासले सजना..... रंग तेरा मुझ पे यू चढ़ गया मानो इश्क़ कुछ कर गया
N S Yadav GoldMine
भगवान विष्णु ने जहां लिया था वराह अवतार वहां स्नान करने से मिलता है पुण्य अपार पढ़िए इस मंदिर का इतिहास !! 🎀🎀 {Bolo Ji Radhey Radhey} वराह भगवान मंदिर :- भगवान विष्णु ने जहां लिया था वराह अवतार, वहां स्नान करने मिलता है पुण्य अपार मिलता है। 🌴 भगवान वराह की नगरी कासगंज जिले का सोरों। देश के विभिन्न राज्यों की श्रद्धा एवं आस्था से जुड़ी हरिपदी गंगा। आने वाले 15 दिन यहां पर देश भर से श्रद्धालुओं का आना होगा। 16 दिसंबर से शुरू हो रहे मार्ग शीर्ष मेले को लेकर आस्था की नगरी तैयार है। त्रयोदशी को नागा साधुओं का शाही स्नान होगा। साल में एक बार लगने वाली पंचकोसीय परिक्रमा भी एकादशी को वराह मंदिर से शुरू होती है। पूर्णिमा को अंतिम एवं चतुर्थ स्नान के साथ में मेले का समापन होता है। 🌴 कासगंज से करीब 12 किमी दूर स्थित सोरों में हरिपदी गंगा (हर की पैड़ी) के तट पर लगने वाले मेले में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है। उप्र के साथ मध्य प्रदेश और राजस्थान से तो लोग यहां आते ही हैं, अन्य प्रदेशों से भी बड़ी संख्या में लोग स्नान करने के लिए यहां आते हैं। पूर्णिमा तक चलने वाले मेले में चार स्नान होते हैं। सबसे ज्यादा महत्व एकादशी के स्नान का है। माना जाता है इस दिन वराह भगवान ने यहां पर व्रत रखा था। त्रयोदशी को होने वाला तीसरा स्नान सिर्फ साधु संतों एवं नागा बाबाओं का ही खास तौर पर रहता है। एकादशी एवं द्वादशी को श्रद्धालु स्नान करते हैं तो अंतिम एवं चौथा स्नान पूर्णिमा को होता है। द्वादशी को वराह भगवान की यात्रा निकलती है। N S Yadav. यह है मान्यता :- 🌴 भगवान विष्णु ने वराह अवतार के रूप में दैत्यराज को मारकर उसके द्वारा रसातल में रखी गई पृथ्वी को दंत के अग्रभाग पर धारण कर जल से बाहर इसी स्थान पर निकाला था। मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी को व्रत रखा था, दूसरे दिन द्वादशी को वराह रूप त्याग दिया। इस पुण्य तिथि के उपलक्ष्य में यह मेला प्राचीन काल से यहां लगता आ रहा है। हिरण्याक्ष से पृथ्वी को मुक्त कराया :- 🌴 कासगंज जनपद की सोरों तीर्थ नगरी रहस्यों की नगरी कहा जाता है। सृष्टि का उद्धार करने के लिए भगवान विष्णु ने वराह के रूप में अवतार लिया था। यह अवतार भगवान ने वराह (शूकर) के रूप में लिया, तभी से इस नगरी का नाम शूकर क्षेत्र हो गया। शूकर क्षेत्र सोरों में एक नहीं अनेक आस्था के केन्द्र हैं। वराह भगवान मंदिर के महंत विदिहानंद बताते हैं कि शूकर सोरों तो महिमा से भरा पड़ा है। हमारे यहां कई अवतार हुए हैं। 🌴 दशावतारों में दो जलचर और दो वनचर, दो भूप, चार विप्र के अवतार हैं। जलचर में कक्ष और मक्ष आते हैं। वनचर वराह भगवान और नरसिंह भगवान हैं। दो भूपों में श्रीराम और श्रीकृष्ण आते हैं। चार विप्र हैं- परशुराम, बावन, बुद्ध, कपिल भगवान। ये सभी दशावतार में आते हैं। इस अवतार में भगवान वराह ने हिरण्याक्ष का वध कर और पृथ्वी को जल पर स्थापित किया था। हिरण्याक्ष ने जल के अंदर पूरी पृथ्वी को छिपा दिया था। बहुत बलशाली था दैत्य। उससे देवता भी हार गए थे। भगवान ने वराह का अवतार लेकर हिरण्याक्ष का वध किया और पृथ्वी को मुक्त कराया भगवान ने रखा था एकादशी का व्रत :- 🌴 तीर्थ पुरोहित सोरों विक्रम पांडे बताते हैं कि मान्यता है कि यहां भगवान ने वराह (तृतीय अवतार) के रूप में एकादशी के दिन व्रत रखकर पंचकोसी की परिक्रमा की थी। बाद में हिरण्याक्ष का वध कर हरिपदीय गंगा कुंड को नाखूनों से खोदकर अपने प्राण कुंड में त्याग दिये थे। तभी से इस कुंड में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। मृत पूर्वजों की अस्थियां विसर्जन करने से उनकी आत्मा का शांति मिलती है। विसर्जन की जाने वाली अस्थियां 72 घंटे यानि तीन के दिन के अंदर पानी में घुल मिलकर रेणु रूप हो जाती है। तभी से मार्गशीर्ष मेले का शुभारंभ हुआ था। ©N S Yadav GoldMine #City भगवान विष्णु ने जहां लिया था वराह अवतार वहां स्नान करने से मिलता है पुण्य अपार पढ़िए इस मंदिर का इतिहास !! 🎀🎀 {Bolo Ji Radhey Radhey} व
DR. SANJU TRIPATHI
सुकरान करूं मैं तेरा तू मेरी जिंदगी में आया। खुशियों की बहारें लाया अपना मुझे बनाया। 💐नमस्कार ..मैं GulnaaR Tanha Raatein परिवार में आपका हार्दिक स्वागत करती हूँ ..ऊपर दिये गये चित्र को अपने सुंदर शब्दों से सजाये। 💐अपने भाव