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Amartya Bharadwaj

#प्रेम की उत्पत्ति

#प्रेम की उत्पत्ति

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Riya

#हनुमान चालीसा की उत्पत्ति।

#हनुमान चालीसा की उत्पत्ति। #Motivational

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Shubham singh Rajput

भगवान शब्द की उत्पत्ति

भगवान शब्द की उत्पत्ति

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Shivraj Solanki

दोहा 
बारम्बार सोचत तब ,उपजे  मन  कामना
क्रोध रूप ले लेत है,  बाधित  हो कामना


शिव सुन्दर सोलंकी ( शिवराज खटीक) #दोहा क्रोध की उत्पत्ति

#दोहा क्रोध की उत्पत्ति

13 Love

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Axar

हनुमान चालीसा की उत्पत्ति।

#Nojoto

हनुमान चालीसा की उत्पत्ति। #Mythology

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Axar

स्त्री जाती की उत्पत्ती तथा मनुष्यों के जन्म की पौराणिक कथा

स्त्री जाती की उत्पत्ती तथा मनुष्यों के जन्म की पौराणिक कथा #प्रेरक

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Shailendra Lunia

कैसे सजाये हम अपना सेहरा 
दिखता नहीं है आपका चेहरा

©Shailendra Lunia #सेहरा  #चेहरा
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Pakhi Gupta

विचार से कार्य की उत्पत्ति होती है, कर्म से आदत की उत्पत्ति होती है और चरित्र से आपके भाग्य की उत्पत्ति होती है

विचार से कार्य की उत्पत्ति होती है, कर्म से आदत की उत्पत्ति होती है और चरित्र से आपके भाग्य की उत्पत्ति होती है

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Anjani Upadhyay

सिंदूर की उत्पत्ति। 
साभार-देवव्रत जोशी

सिंदूर की उत्पत्ति। साभार-देवव्रत जोशी

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Bhupendra Padhara

रेजर की उत्पत्ती ।#हास्यगीत

रेजर की उत्पत्ती ।#हास्यगीत

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प्रेम शंकर "नूरपुरिया"

उत्पत्ति

उत्पत्ति #कविता

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परमेश्वर के वचन का प्रचार

1 आदि में परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी की सृष्टि की। 
उत्पत्ति 1:1

2 और पृथ्वी बेडौल और सुनसान पड़ी थी; और गहरे जल के ऊपर अन्धियारा था: तथा परमेश्वर का आत्मा जल के ऊपर मण्डलाता था। 
उत्पत्ति 1:2

3 तब परमेश्वर ने कहा, उजियाला हो: तो उजियाला हो गया। 
उत्पत्ति 1:3

4 और परमेश्वर ने उजियाले को देखा कि अच्छा है; और परमेश्वर ने उजियाले को अन्धियारे से अलग किया। 
उत्पत्ति 1:4

5 और परमेश्वर ने उजियाले को दिन और अन्धियारे को रात कहा। तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार पहिला दिन हो गया॥ 
उत्पत्ति 1:5

6 फिर परमेश्वर ने कहा, जल के बीच एक ऐसा अन्तर हो कि जल दो भाग हो जाए। 
उत्पत्ति 1:6

7 तब परमेश्वर ने एक अन्तर करके उसके नीचे के जल और उसके ऊपर के जल को अलग अलग किया; और वैसा ही हो गया। 
उत्पत्ति 1:7

8 और परमेश्वर ने उस अन्तर को आकाश कहा। तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार दूसरा दिन हो गया॥ 
उत्पत्ति 1:8

9 फिर परमेश्वर ने कहा, आकाश के नीचे का जल एक स्थान में इकट्ठा हो जाए और सूखी भूमि दिखाई दे; और वैसा ही हो गया। 
उत्पत्ति 1:9

10 और परमेश्वर ने सूखी भूमि को पृथ्वी कहा; तथा जो जल इकट्ठा हुआ उसको उसने समुद्र कहा: और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है। 
उत्पत्ति 1:10

11 फिर परमेश्वर ने कहा, पृथ्वी से हरी घास, तथा बीज वाले छोटे छोटे पेड़, और फलदाई वृक्ष भी जिनके बीज उन्ही में एक एक की जाति के अनुसार होते हैं पृथ्वी पर उगें; और वैसा ही हो गया। 
उत्पत्ति 1:11

12 तो पृथ्वी से हरी घास, और छोटे छोटे पेड़ जिन में अपनी अपनी जाति के अनुसार बीज होता है, और फलदाई वृक्ष जिनके बीज एक एक की जाति के अनुसार उन्ही में होते हैं उगे; और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है। 
उत्पत्ति 1:12

13 तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार तीसरा दिन हो गया॥ 
उत्पत्ति 1:13

14 फिर परमेश्वर ने कहा, दिन को रात से अलग करने के लिये आकाश के अन्तर में ज्योतियां हों; और वे चिन्हों, और नियत समयों, और दिनों, और वर्षों के कारण हों। 
उत्पत्ति 1:14

15 और वे ज्योतियां आकाश के अन्तर में पृथ्वी पर प्रकाश देने वाली भी ठहरें; और वैसा ही हो गया। 
उत्पत्ति 1:15

16 तब परमेश्वर ने दो बड़ी ज्योतियां बनाईं; उन में से बड़ी ज्योति को दिन पर प्रभुता करने के लिये, और छोटी ज्योति को रात पर प्रभुता करने के लिये बनाया: और तारागण को भी बनाया। 
उत्पत्ति 1:16

17 परमेश्वर ने उन को आकाश के अन्तर में इसलिये रखा कि वे पृथ्वी पर प्रकाश दें, 
उत्पत्ति 1:17

18 तथा दिन और रात पर प्रभुता करें और उजियाले को अन्धियारे से अलग करें: और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है। 
उत्पत्ति 1:18

19 तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार चौथा दिन हो गया॥ 
उत्पत्ति 1:19

20 फिर परमेश्वर ने कहा, जल जीवित प्राणियों से बहुत ही भर जाए, और पक्षी पृथ्वी के ऊपर आकाश के अन्तर में उड़ें। 
उत्पत्ति 1:20

21 इसलिये परमेश्वर ने जाति जाति के बड़े बड़े जल-जन्तुओं की, और उन सब जीवित प्राणियों की भी सृष्टि की जो चलते फिरते हैं जिन से जल बहुत ही भर गया और एक एक जाति के उड़ने वाले पक्षियों की भी सृष्टि की: और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है। 
उत्पत्ति 1:21

22 और परमेश्वर ने यह कहके उनको आशीष दी, कि फूलो-फलो, और समुद्र के जल में भर जाओ, और पक्षी पृथ्वी पर बढ़ें। 
उत्पत्ति 1:22

23 तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार पांचवां दिन हो गया। 
उत्पत्ति 1:23

24 फिर परमेश्वर ने कहा, पृथ्वी से एक एक जाति के जीवित प्राणी, अर्थात घरेलू पशु, और रेंगने वाले जन्तु, और पृथ्वी के वनपशु, जाति जाति के अनुसार उत्पन्न हों; और वैसा ही हो गया। 
उत्पत्ति 1:24

25 सो परमेश्वर ने पृथ्वी के जाति जाति के वन पशुओं को, और जाति जाति के घरेलू पशुओं को, और जाति जाति के भूमि पर सब रेंगने वाले जन्तुओं को बनाया: और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है। 
उत्पत्ति 1:25

26 फिर परमेश्वर ने कहा, हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में बनाएं; और वे समुद्र की मछलियों, और आकाश के पक्षियों, और घरेलू पशुओं, और सारी पृथ्वी पर, और सब रेंगने वाले जन्तुओं पर जो पृथ्वी पर रेंगते हैं, अधिकार रखें। 
उत्पत्ति 1:26

27 तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया, नर और नारी करके उसने मनुष्यों की सृष्टि की। 
उत्पत्ति 1:27

28 और परमेश्वर ने उन को आशीष दी: और उन से कहा, फूलो-फलो, और पृथ्वी में भर जाओ, और उसको अपने वश में कर लो; और समुद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर रेंगने वाले सब जन्तुओ पर अधिकार रखो। 
उत्पत्ति 1:28

29 फिर परमेश्वर ने उन से कहा, सुनो, जितने बीज वाले छोटे छोटे पेड़ सारी पृथ्वी के ऊपर हैं और जितने वृक्षों में बीज वाले फल होते हैं, वे सब मैं ने तुम को दिए हैं; वे तुम्हारे भोजन के लिये हैं: 
उत्पत्ति 1:29

30 और जितने पृथ्वी के पशु, और आकाश के पक्षी, और पृथ्वी पर रेंगने वाले जन्तु हैं, जिन में जीवन के प्राण हैं, उन सब के खाने के लिये मैं ने सब हरे हरे छोटे पेड़ दिए हैं; और वैसा ही हो गया। 
उत्पत्ति 1:30

31 तब परमेश्वर ने जो कुछ बनाया था, सब को देखा, तो क्या देखा, कि वह बहुत ही अच्छा है। तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार छठवां दिन हो गया॥ 
उत्पत्ति 1:31

©परमेश्वर के वचन का प्रचार उत्पत्ति

उत्पत्ति #जानकारी

6 Love

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strangerrr

कुछ इस कदर ज़िंदगी पर पहरा रहा
जाते जाते भी कोई ठेहरा रहा
shaya_r✍ जाते जाते भी की कोई मुझमें ठेहरा रहा... 

#Love

जाते जाते भी की कोई मुझमें ठेहरा रहा... #Love #बात

9 Love

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sameer

टैडी डे की उत्पत्ति।

#Nojoto #ValentinesDay #teddyday

टैडी डे की उत्पत्ति। #ValentinesDay #teddyday #Love

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Pramod Kumar

# कोरोना की उत्पत्ति एक नया दृष्टिकोण
#kavita

# कोरोना की उत्पत्ति एक नया दृष्टिकोण #kavita #कविता

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 सीधा चेहरा इतिहास गेहरा।

सीधा चेहरा इतिहास गेहरा। #nojotophoto

5 Love

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Govindkumar Banjare

धर्म के नाम पर जाति-पाति पूछे सभी,
मै कहता हूं मानवता धर्म है हमारी।
तुम दूसरे को नीच कहते हो,
तो बुरी सोच है तुम्हारी। जाति-पाति

जाति-पाति

9 Love

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Pooja Sharma

सुख और आनन्द
  मन की सम्पत्ति
जो बहुत परेशानियो
के बाद ही मिलती है

©Pooja Sharma मन की सम्पत्ति
#alone

मन की सम्पत्ति #alone #विचार

27 Love

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Vinod Machhar

उत्पत्ति 43 15

उत्पत्ति 43 15 #प्रेरक

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Brajesh Kumar Bebak

#जाती #नही #जाति
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Dinesh Yadav

विज्ञान शब्द की उत्पत्ति
प्रस्तुतिः दिनेश यादव, विज्ञान प्रशिक्षक

#inspirational

विज्ञान शब्द की उत्पत्ति प्रस्तुतिः दिनेश यादव, विज्ञान प्रशिक्षक #inspirational

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मिहिर

ये दर्द, जख्म, उम्मीदें, उलझन
इसे तुम क्यों छिपाते हो ??

करनी अगर है कोशिशें 
तो
कोशिशें कुछ और भी कर लो

ये आंखें चुगली करती है
ये चेहरा बोल जाता है

©मिहिर #चेहरा बोल जाता है !!

#चेहरा बोल जाता है !! #कविता

16 Love

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Axar

प्याज,लहसुन की उत्तपत्ति की कहानी।

#Nojoto 
#Mythology 

Courtesy - Shaswat Satya

प्याज,लहसुन की उत्तपत्ति की कहानी। #Mythology Courtesy - Shaswat Satya

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NISHA DHURVEY

नौकर से शाही बन जाओ 
या रंक से राजा 
चाहे कर्मचारी से अफसर बन जाओ 
ये जात तुम्हारा पीछा कभी नहीं छोड़ती 
चाहे गांव से शहर या शहर से गांव चले जाओ 
ये जात तुम्हारा पीछा कभी नहीं छोड़ती

©NISHA DHURVEY #Travel #जात #जाति
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anuragbauddh

शोषण की सारी कथाएं याद है मुझे,
मां बहनों की बिलखती व्यथाएं याद है मुझे,
उन्हें उनके कारनामें याद हों ना हों,
पर झाड़ू मटका की प्रथाएं याद है मुझे

©anurag bauddh #शोषण #महिला #जाति #जाती
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Axar

हिन्दू धर्म के अनुसार धरती पर मानव की उत्पत्ति कैसे हुई?

हिन्दू धर्म के अनुसार धरती पर मानव की उत्पत्ति कैसे हुई? #प्रेरक

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vivek

मेरा चेहरा उतर जाता है

मेरा चेहरा उतर जाता है #शायरी

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