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Manoj Sonkar

#azaadi 🇨🇮🇨🇮 ये तिरंगा मेरी जान🇨🇮🇨🇮 है इसके लिए हम हर बार कुर्बान है एक बात याद दिला देता हूँ दोस्तों सारे जहाँ से अच्छा अपना हिंदुस्तान

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करिश्मा ताब

अनोखी_है_ये_चमक_दोस्तों_कैप्शन_में_देंखे✍️👇 बहुत खुशी होती है ये देख कर आज सब जश्न मनाते हैं , इसमें सबसे ज्यादा बच्चे बढ़चढ़कर भागीदारी करते

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 #अनोखी_है_ये_चमक_दोस्तों_कैप्शन_में_देंखे✍️👇
बहुत खुशी होती है ये देख कर आज सब जश्न मनाते हैं , इसमें सबसे ज्यादा बच्चे बढ़चढ़कर भागीदारी करते

Pankaj Sammal

बच्चे देश का भविष्य होते हैं और आने वाली नई पीढ़ी ही राष्ट्र और समाज के भविष्य का निर्धारण करती है। अभी 35 दिन पहले ही कुछ बेसहारा 7 कुत्तो #nojotovideo #PoetryOnline #beinggentalman

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नेहा उदय भान गुप्ता

कविता - जो जीवन का सार हैं, जिसको जानता हैं जग सारा। आज उदय दुलारी नेह बताएगी, संविधान की गाथा। बहुत पुरानी बात हैं, आजादी का जब बजा बिगुल #YourQuoteAndMine #our_way_of_motive #ourwayofmotive

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जो जीवन का सार हैं, जिसको जानता हैं जग सारा।
आज उदय दुलारी नेह बताएगी, संविधान की गाथा।
बहुत पुरानी बात हैं, आजादी का जब बजा बिगुल था।
चारों तरफ खुशी का माहौल, पर कुछ तो कमी था।
कौन कैसे कहां से शुरुवात करें, था यें प्रश्न गंभीर।
तब आएं बाबा भीमराव, बनकर भारत का वीर।
58 देशों का भ्रमण किया, किया वहां की बातों का अध्यन।
करके एक सभा गठित, होने लगा फ़िर संविधान पर मंथन।
2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय, बन तैयार हुआ हमारा संविधान।
299 लोगों ने लिखा इसे, स्थाई अध्यक्ष बनें राजेन्द्र प्रसाद।
26 जनवरी 1950 को, लागु हुआ हमारे संविधान का विधान।
तबसे हर वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता संविधान दिवस।
सबसे बड़ा लिखित संविधान ये, सब कुछ का इसमें विधान।
बाबा भीमराव ने हर वर्ग के लिए इसमें किया है प्रावधान।
है इसमें एक उद्देशिका सम्मिलित, 448 हैं इसमें अनुच्छेद।
12 अनुसूची सम्मलित इसमें, संविधान में हैं 25 भाग।।
5 अनुलग्नक इसमें समलित, 125 हुए अभी तक संशोधन।
धर्म निरपेक्ष शब्द जोड़ा गया, करके अलग संशोधन।
एकता अखंडता का प्रतीक, मूल कर्तव्यों का हैं समावेश।
सभी वर्णों का मूल अधिकार इसमें, इसमें नहीं कोई द्वेष।
नीति निदेशक तत्व की, बात हैं सबसे प्यारी।
बच्चों से लेकर बूढों तक, रक्षा करती ये हमारी।
26 जनवरी का दिन हैं इतना प्यारा, कैसे करूं मैं इसकी बखान।
इसी दिन दिए जाते हैं, भारत रत्न, पद्म भूषण आदि सम्मान। कविता - 
जो जीवन का सार हैं, जिसको जानता हैं जग सारा।
आज उदय दुलारी नेह बताएगी, संविधान की गाथा।
बहुत पुरानी बात हैं, आजादी का जब बजा बिगुल

नेहा उदय भान गुप्ता😍🏹

कविता - जो जीवन का सार हैं, जिसको जानता हैं जग सारा। आज उदय दुलारी नेह बताएगी, संविधान की गाथा। बहुत पुरानी बात हैं, आजादी का जब बजा बिगुल #YourQuoteAndMine #our_way_of_motive #ourwayofmotive

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जो जीवन का सार हैं, जिसको जानता हैं जग सारा।
आज उदय दुलारी नेह बताएगी, संविधान की गाथा।
बहुत पुरानी बात हैं, आजादी का जब बजा बिगुल था।
चारों तरफ खुशी का माहौल, पर कुछ तो कमी था।
कौन कैसे कहां से शुरुवात करें, था यें प्रश्न गंभीर।
तब आएं बाबा भीमराव, बनकर भारत का वीर।
58 देशों का भ्रमण किया, किया वहां की बातों का अध्यन।
करके एक सभा गठित, होने लगा फ़िर संविधान पर मंथन।
2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय, बन तैयार हुआ हमारा संविधान।
299 लोगों ने लिखा इसे, स्थाई अध्यक्ष बनें राजेन्द्र प्रसाद।
26 जनवरी 1950 को, लागु हुआ हमारे संविधान का विधान।
तबसे हर वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता संविधान दिवस।
सबसे बड़ा लिखित संविधान ये, सब कुछ का इसमें विधान।
बाबा भीमराव ने हर वर्ग के लिए इसमें किया है प्रावधान।
है इसमें एक उद्देशिका सम्मिलित, 448 हैं इसमें अनुच्छेद।
12 अनुसूची सम्मलित इसमें, संविधान में हैं 25 भाग।।
5 अनुलग्नक इसमें समलित, 125 हुए अभी तक संशोधन।
धर्म निरपेक्ष शब्द जोड़ा गया, करके अलग संशोधन।
एकता अखंडता का प्रतीक, मूल कर्तव्यों का हैं समावेश।
सभी वर्णों का मूल अधिकार इसमें, इसमें नहीं कोई द्वेष।
नीति निदेशक तत्व की, बात हैं सबसे प्यारी।
बच्चों से लेकर बूढों तक, रक्षा करती ये हमारी।
26 जनवरी का दिन हैं इतना प्यारा, कैसे करूं मैं इसकी बखान।
इसी दिन दिए जाते हैं, भारत रत्न, पद्म भूषण आदि सम्मान। कविता - 
जो जीवन का सार हैं, जिसको जानता हैं जग सारा।
आज उदय दुलारी नेह बताएगी, संविधान की गाथा।
बहुत पुरानी बात हैं, आजादी का जब बजा बिगुल

kapil rawat

किसी का बुरा करने पर हमेशा रुक जाना ..

अपनी गलती होने पर झुक जाना..

जरुरत पड़ने पर किसी के काम आना...

यही तो है तुम्हारा असली कर्तव्य निभाना.. #कर्तव्य

Adv. saras shivanujaa

कर्तव्य #poem

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जरूरत नहीं है तुम्हे ,
किसी की याद में ,
आंसू बहाने की...
 अपने कर्तव्यों ,
 को याद करो बस,
फिर ना ये किसी की यादें ,
तुम्हे सताएगी और ना,
 ये आंखों के आंसू 
तुम्हे कमजोर बना पाएंगे....(सरस.k) कर्तव्य

Kalpana Srivastava

आज हर कोई व्यसनों का शिकार बन चुका है,
और दोष देते हैं संगत को .... कि 
संगत से गुण आत है और संगत से गुण जात है..
पर ये मत भूलो की कमल भी 
कीचड़ में ही खिलता है और अपने 
आस्तित्व को कभी मिटने नहीं देता..
इसलिए तुम अपनी बुरी लतों को ठीकरा 
फैशन और संगत के नाम पर मत फोड़ों....
फैशन के नाम पर अपने संस्कारों की 
बली मत चढ़ाओ....
अपने आस्तित्व की रक्षा करना
 तुम्हारा तुम्हारे प्रति प्रथम कर्तव्य है।
जिसका निर्वाह तुम्हें खुद के 
फायदे के लिए करना है ना कि 
दूसरों के लिए....

©kalpana srivastava #कर्तव्य

Tara Chandra

बस,
 इतनी सी बात थी...

वो नाराज़ थे..

हमने मनाया नहीं...

©Tara Chandra Kandpal #कर्तव्य
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