Find the Latest Status about अट्ठारह from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, अट्ठारह.
KRISHNADEV BHAGAT
"आज सभी मित्र पाॅलीथिन के प्रति वैज्ञानिकता से विचार करते हुए इसका परित्याग करें इसी में समस्त जीवन का सार, प्रेम, कल्याण तथा बुद्धिमत्ता है। क्योंकि 1 सेमी उपजाऊ मृदा बनने में 3000-6500 वर्ष लग जाते हैं, यदि आप सभी इसे प्रदूषित करते रहे तो यह खाद्यान्न उत्पन्न करने में असमर्थ हो जाएगी। "-कृष्ण ©Krishnadev Bhagat मैं पिछले अट्ठारह वर्ष से प्लास्टिक प्रयोग नहीं किया। #DearKanha
Bazirao Ashish
वेद पढूँ व भेद भी जानूँ बाँचूँ पुराण अट्ठारह। जेहि अनपढ़ अखर लिखै न सीखा ते सिखवय के है सिरजनहारा।। ●आशीष●द्विवेदी● ©Bazirao Ashish वेद पढूँ व भेद भी जानूँ बाँचूँ पुराण अट्ठारह। जेहि अनपढ़ अखर लिखै न सीखा ते का जाने सिरजनहारा।। ●आशीष●द्विवेदी●
Virendra Singh Diwakar
अट्ठारह सौ सत्तावन में शेर जन्मा बंगाल में तूफान लिए मुट्ठी में नेताजी सब कहते थे गौरे भी झुकते थे जब जय हिंद की गर्जना होती थी गौर की भी हुकूमत डरती थी ©Virendra Singh Diwakar #netaji #bjp #BSP #subhashchandrabose अट्ठारह सौ सत्तावन में शेर जन्मा बंगाल में तूफान लिए मुट्ठी में नेताजी सब कहते थे गौरे भी झुकते थे जब
Sushma
मैं खुशमिजाज, अल्लहड़, हसीन लड़की तेरे जाने के बाद एक दिन में अट्ठारह (18) साल से अचानक अड़तीस (38) साल कि उम्रदराज़, हताश औरत बन गयी.... तूने तो पलट के ना देखा हाल मेरा और मैं पगली सोचती रही मजबूरीयां तेरी... ©Sushma #hadsa #eksoch #kahani मैं खुशमिजाज, अल्लहड़, हसीन लड़की तेरे जाने के बाद एक दिन में अट्ठारह (18) साल से अचानक अड़तीस (38) साल कि उम्रदराज
RV Chittrangad Mishra
अमरगढ़ की अमर गाथा चित्रांगद की कलम से खून से लतपथ ये है इतिहास अपने अमरगढ का, जिनको वर्णित करने में हर शब्द मेरे रो दिये है | है नमन उन वीरों को जो खून से सींचे अमरगढ़, और अमरगढ को अमर करने में खुद को खो दिये है | सन अट्ठारह सौ अट्ठावन तारीख अट्ठारह नवंबर, की बताने जा रहा हूं आंसू में डूबी कहानी | अंग्रेजों और देश के दीवानों का वो युद्ध भीषण, वीरों के लहू के रंग मे थी रंगी राप्ती की पानी | क्रूर अंग्रेजों ने जब बर्बरता से कहर ढाई, खौल उठा खून वीरों के हृदय का हिंदुस्तानी | बांध माथे पर कफन सेना फिर बल्लाराव जी की, बढ़ चली आगे छुड़ाने गोरों से अपनी गुलामी | जान का परवाह ना कर लड़ रहे थे वीर सैनिक, अंग्रेजों की गोलियों से आज इनका सामना था | हम जिएं या ना जिएं परवाह ना इस बात की थी, देश हो आजाद हर इक जुबां पर ये कामना था | देखना मुमकिन ही नही सोंचना भी जिसको मुश्किल, ऐसे हादसों सबने सीने से लगा लिया | हाथ को भी हाथ ना दिखाई दे वो अंधियारा, ऐसे में हाथों ने हथियारों को उठा लिया | घाट उतारा मौत के ग्रैफोर्ड कमाण्डर को वीरों ने, कब्र इसकी अमरगढ में आज भी इसकी निशां है | कर्नल कॉक्स और रोक्राफ्ट फिर सेना लेकर घेर लिया, सैनिकों को गोरों की बढ़ा गोलियों से सामना है | लड़ते लड़ते सैनिकों की सांस अब रूकने लगी थी, हाय रे क्या दृश्य होगा हो गया पतझड़ अमरगढ | देश के अस्सी दिवाने जान का बलिदान देकर, अमरगढ़ के नाम पर वो कर दिये खुद को समर्पण | जो बचे थे वीर कूदे जां बचाने राप्ती में, देख उनके काले बालों को गोरों ने मारी गोली | दे दिया वीरों ने अंतिम सांस भी इस अमरगढ को, देश की आजादी खातिर खून से खेले थे होली | है नमन उन मांओ को जिन आंचल में ना लाल लौटा, रह गया आंचल सिमट उस आंचल को शतशत नमन है | है नमन उस प्रेयसी को अपना जो सिंदूर खोई, ऐसी सूनी मांग को भी मेरा ये शतशत नमन है | नमन है उन बहन बेटियो को कि जिसने प्यार खोई, ऐसी राखी और लोरी रहित जीवन को नमन है | है नमन उनको कि जिनसे शौर्य है इस अमरगढ का, और अमरगढ को अमर करने में खुद को खो दिये है | है नमन उन वीरों को जो खून से सींचे अमरगढ़ और अमरगढ को अमर करने में खुद को खो दिये है | ©RV Chittrangad Mishra अमरगढ़ की अमर गाथा चित्रांगद की कलम से खून से लतपथ
Samar Shem
आप सब को बुरा लग सकता हैं उसके लिए माफ़ी चाहूंगा लेकिन सच्चाई यही हैं 👇👇👇👇 अभद्र विचार पीड़ा ______________ हम उस देश में रहते हैं जहां गांड मरवाना तो स्वीकार्य है, लेकिन इस प्रक्रिया को अक्षरशः 'गांड मरवाना' लिखना या बोलना स्
नेहा उदय भान गुप्ता
शर्त का परिणाम.... अनुशीर्षक में पढ़े...👇👇 शीर्षक — शर्त का परिणाम क्रमांक — 04 ये बहुत ही पुरानी बात है.....गर्मी में शाम का समय था...मुझे समोसा खाने का मन था...तो माँ से मैंने बोला
Ravikant Mishra✨
तीरथ वर नैमिष विख्याता । अति पुनीत साधक सिधि दाता ।।🙏 भगवान की कृपा से ऐसे स्थान पर जन्म मिला मुझे 😊 नैमिषक्षेत्र : इसे आदितीर्थ कहा जाता है। यह उत्तर प्रदेश के सीतापुर जनपद से लगभग 40 किलोमीटर पूर्वकी ओर है। यह स्वायम्भुव मनु और शतरूपा की त
Ravikant Mishra
तीरथ वर नैमिष विख्याता । अति पुनीत साधक सिधि दाता ।।🙏 भगवान की कृपा से ऐसे स्थान पर जन्म मिला मुझे 😊 नैमिषक्षेत्र : इसे आदितीर्थ कहा जाता है। यह उत्तर प्रदेश के सीतापुर जनपद से लगभग 40 किलोमीटर पूर्वकी ओर है। यह स्वायम्भुव मनु और शतरूपा की त
नेहा उदय भान गुप्ता😍🏹
शर्त का परिणाम.... अनुशीर्षक में पढ़े...👇👇 शीर्षक — शर्त का परिणाम क्रमांक — 04 ये बहुत ही पुरानी बात है.....गर्मी में शाम का समय था...मुझे समोसा खाने का मन था...तो माँ से मैंने बोला