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Shravan Goud
प्रेम और दया दुआ का काम करती है। यकीन नही आता तो मां को याद कर लो। मां की ममता में प्रेम दया छुपी रहती है।
दया
इश्क़ वह समन्दर है जिसमें हर कोई डूब जाता हैं किनारा उसी को मिलता हैं जो है हाथ पांव मार लेता हैं दया की कहानी
Anup kumar Gopal
हे! माँ शारदे, मैं मूर्ख हूँ मुझपर ज्ञान की दया बर्षाओ । ©Anup kumar Gopal ज्ञान की दया #Flower
दूध नाथ वरुण
हे दया की देवी दया करो,मै कबसे तुझे मनाऊं मां। मेरे दुखड़े तू सुनले मां, मै कबसे तुझे सुनाऊं मां।। ©दूध नाथ वरुण #हे #दया #की #देवी
Surendra Pongal
सेनाओ का यहोवा यह कहता है जो दिन मैं ने ठहराया है उस दिन वे लोग मेरे वरन् मेरे निज भाग ठहरेंगे और मैं उन से ऐसी कोमलता करूंगा जैसी कोई अपने सेवा करनेवाले पुत्र से करे तब तुम फिरकर धर्मी और दुष्ट का भेद अर्थात जो परमेश्वर की सेवा करता है और जो उसकी सेवा नहीं करता उन दोनों का भेद पहिचान सकेंगे 🙏🙏🙏 ©Surendra Pongal #Glazing दया की प्रतिज्ञा
SK Poetic
स्वामी दयानंद गिरि एक ब्रह्मनिष्ठ संत थे । वे प्रायः कहा करते थे कि जो व्यक्ति गरीबों व असहायों से प्रेम करता है, भगवान् उसे अपनी कृपा का अधिकारी बना देते हैं । स्वामीजी विरक्तता की साक्षात् मूर्ति थे। चौबीस घंटे में एक बार किसी घर से भिक्षा प्राप्त करते थे। शेष समय साधना व लोगों को सदाचार का उपदेश देने में लगाते । एक बार किसी मजदूर ने उन्हें नंगे पाँव विचरण करते देखकर कपड़े के जूते भेंट किए। उन्होंने उस निश्छल भक्त के जूते खुशी-खुशी स्वीकार कर लिए कुछ वर्ष बाद उनका एक भक्त नए जूते लेकर आया तथा प्रार्थना की कि पुराने जूते उतारकर उसके लाए जूते पहन लें। स्वामीजी ने जवाब दिया, ‘इन जूतों में मुझे गरीब मजदूर के प्रेम की झलक दिखाई देती है। मैं इन्हें तब तक पहनता रहूँगा, जब तक ये पूरी तरह फट न जाएँ।’ एक बार उनके भक्त शिवरात्रि पर भंडारा कर रहे थे । स्वामीजी प्रवचन में कह रहे थे कि वही सत्कर्म सफल होता है, जिसमें गरीबों के खून-पसीने की कमाई लगती है। अचानक उन्होंने देखा कि दरवाजे पर कुछ लोग एक वृद्धा को हाथ पकड़कर बाहर निकाल रहे हैं। स्वामीजी ने कहा, ‘माई को आदर सहित यहाँ लाओ। ‘ वृद्धा आई तथा बोली, ‘महाराज, मेरे ये दो रुपए भंडारे में लगवा दें। ये लोग नहीं ले रहे हैं। ‘ स्वामीजी ने भक्त को पास बुलाया और बोले, ‘इन दो) रुपए का नमक मंगवाकर भंडारे में लगवा दो । खून-पसीने की ईमानदारी की कमाई के नमक से भंडारा भगवान् का प्रसाद बन जाएगा।’ ©S Talks with Shubham Kumar संन्यासी की दया भावना #fullmoon