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Eklakh Ansari
Shilpa
कौन कहता है मां कभी दुखी नहीं हो सकती मैंने देखा है मां को कई रातें जागकर रोते हुए, मैंने देखा है मां को अपने जख्मों को आंसुओं भिगोते हुए। मैंने देखा है मां को अपने आत्मसम्मान को सिलबट्टे पर पीसते देखते हुए, मैंने देखा है मां के अरमानों का धुआं चूल्हे से जलकर निकलती हुए। मैंने देखा मां को खुद के लिए खुद से लड़ते हुए , मैंने देखा है मां को परछाइयों से भी डरते हुए। ( अनुशीर्ष में जारी) ©archana chaudhary मां पहले एक औरत होती है और औरत को आज भी शादी के नाम पर सूली पर चढ़ाए जाते हैं। समाज क्या कहेगा के डर से औरत को चार दीवारों में कैद किया
Expressive ladki
N S Yadav GoldMine
धर्म शास्त्रों में यह बताया गया है, कि किस देवी या देवता को क्या चढ़ाना सही होता है और क्या नहीं जरूर पढ़िए !! 📜📜 {Bolo Ji Radhey Radhey} महादेव को अर्पित 8 तरह के पत्ते:- 🌻 हिंदू धर्म शास्त्रों में अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा पाठ को लेकर कुछ विशेष नियम और विधान बताए गए हैं। धर्म शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि किस देवी या देवता को क्या चढ़ाना सही होता है और क्या नहीं। माना जाता है कि पूजन के दौरान यदि सही विधि विधान से भगवान की आराधना की जाए, तो वह प्रसन्न होकर आपकी मनोकामना अवश्य पूरी करते हैं। 🌻 ऐसे में यदि बात की जाए भगवान भोलेनाथ की, तो भगवान शिव के पूजन से जीवन के सभी दुख दूर होते हैं। धर्म शास्त्रों में भगवान शिव को अर्पित की जाने वाली बहुत सी चीज़ों के बारे में बताया गया है। इन्हें भगवान शिव को अर्पित करने से वे अपने भक्तों से प्रसन्न रहते हैं। पीपल के पत्ते:-🌻 यदि सोमवार के दिन भगवान शिव को चढ़ाने के लिए आपके पास बेलपत्र नहीं है। तो आप भगवान शिव को पीपल के पत्ते भी अर्पित कर सकते हैं। सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पत्तों से भगवान शिव का पूजन करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। अपामार्ग:-🌻 अपामार्ग जिसे चिरचिटा के पौधे के नाम से भी जाना जाता है। इस पौधे के पत्ते को भी शिवलिंग पर अर्पित कर सकते हैं। माना जाता है, कि अपामार्ग के पत्तों को शिवलिंग पर चढ़ाने से जीवन में सुख शांति और समृद्धि आती है। धतूरा:-🌻 धतूरे का फल और इसके पत्ते दोनों ही भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, यदि आपके पास भगवान शिव को चढ़ाने के लिए धतूरे का फल नहीं है तो आप इसके पत्ते भी शिवलिंग पर चढ़ा सकते हैं। भांग:-🌻 भगवान भोलेनाथ के अभिषेक में भांग का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा आप शिवलिंग पर भांग के पत्तों को भी अर्पित कर सकते हैं। दूर्वा:-हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार दूर्वा अमृत के समान होती है, यदि आप शिवलिंग पर दूर्वा घास चढ़ाते हैं. तो आपको दीर्घायु होने का आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है। बांस के पत्ते:-🌻 मान्यताओं के अनुसार यदि आप भगवान शिव को पूजन के दौरान बांस के पत्ते चढ़ाते हैं। तो ऐसा करने से आपको संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है। शमी के पत्ते:-🌻 शिव पुराण में बताया गया है कि भगवान शिव को शमी के पत्ते अत्यंत प्रिय है। माना जाता है कि शमी के पत्ते शिवलिंग के साथ-साथ भगवान गणेश को भी चढ़ाए जाते हैं। महादेव को शमी के पत्ते अर्पित करने से व्यक्ति की सभी समस्याएं दूर होती हैं, साथ ही शनि दोष भी कम होता है।। ©N S Yadav GoldMine #thepredator धर्म शास्त्रों में यह बताया गया है, कि किस देवी या देवता को क्या चढ़ाना सही होता है और क्या नहीं जरूर पढ़िए !! 📜📜 {Bolo Ji Radhe
श्रीजी इंदौर श्रीजी भक्ति
श्री भक्ति इंदौर ✍धूमधाम से मनाया हनुमान जन्मोत्सव, शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागत शहर के पुराने बिजलीघर परिसर में स्थित श्री गजटेड हनुमान मंद
श्रीजी इंदौर श्रीजी भक्ति
श्री भक्ति इंदौर ✍धूमधाम से मनाया हनुमान जन्मोत्सव, शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागत शहर के पुराने बिजलीघर परिसर में स्थित श्री गजटेड हनुमान मंद
Ankit Mishra
व़जु में भी ख्वाहिशे ख्वार देखी है इश्क़ में बधे पॉव कि रफ्तार देखी है मै हमेशा कदम दर कदम साथ निभाता हू पर फिर भी कुछ कोशिशे बेकार देखी है जाते जाते
ANKIT GUPTA
तू मुझे बता कर तो जाता, ये जाते-जाते, क्या तू यहीं रुक जाता, अग़र वादे निभाए जाते।। माना मैंने नहीं निभाई महोब्बत सलीके से लेकिन..तुम अपने हिस्से की महोब्बत तो निभाते जाते।। फ़ज़ाएँ भी शिक़वा करती है अब मुझसे क्योंकि..तूने ग़ुलाब जो लगा दिए मेरे आँगन में, जाते-जाते।। चाँद-सूरज भी पूछते हैं मेरे शफाफ़ चेहरे का सबब..तू रोशन जो कर गया मुझे, जाते-जाते।। तू मुझे बता कर तो जाता, ये जाते-जाते, क्या तू यहीं रुक जाता, अग़र वादे निभाए जाते।। निकल पड़ता हूँ बेवक़्त रास्तों पर मैं आजकल यों ही..इन्हीं रास्तों पर तो हम मिला करते थे, आते-जाते।। गली के उसी नुक्कड़ को बना लिया है मैंने घर अपना..आख़िरी बार वहीं तो मिला था तू मुझे, जाते-जाते।। मैकदे पूछते हैं मुझसे मेरी आँखों में बसे नशे का सबब..तू अपनी महोब्बत का नशा जो छोड़ गया मेरी आँखों में, जाते-जाते।। तू मुझे बता कर तो जाता, ये जाते-जाते क्या तू यहीं रुक जाता, अग़र वादे निभाए जाते।। यों नहीं के मैं तेरे बिन रह नहीं सकता लेकिन..मेरी नज़रे तुझे ढूँढती रहती हैं, आते-जाते।। ये पेड़-पौधे, ये पंछी, सब तक रहे हैं तेरी राह अब तक..तू लौट कर आने का वादा जो कर के गया था इनसे, जाते-जाते।। चराग़ों की रोशनी काली है आजकल मेरे शहर में..तू अपने हाथों से रोशन कर के जो नहीं गया इन्हें, जाते-जाते।। तू मुझे बता कर तो जाता, ये जाते-जाते, क्या तू यहीं रुक जाता, अग़र वादे निभाए जाते।। मेरा साँस लेना भी दुश्वार हो गया है अब तो..तू अपनी खुशबू जो छोड़ गया मेरी साँसों में जाते-जाते।। मैं तेरी यादों को मिटाने में रोज़ घुट रहा हूँ..कम-से-कम अपनी यादें तो मिटाता जाता, तू जाते-जाते।। सब पूँछते है मेरे दर्द में भी हँसने का सबब..तू ख़ुशियाँ जो छोड़ गया यहाँ से, जाते-जाते।। अब तो छोड़ चला मैं उम्मीद भी तेरे आने की..तूने देर बहुत लगा दी, लौट कर आते-आते।। तू मुझे बता कर तो जाता, ये जाते-जाते, क्या तू यहीं रुक जाता, अग़र वादे निभाए जाते।। जाते जाते।।