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Cricket
Shafri
सफेद बादल कपास की गेंदों की तरह बिखरे हुए गहरे नीले आकाश में... जब भी देखती हूँ चाँद को इनके बीच में तुम्हारा पसंदीदा गीत गुनगुनाया करती हूँ पता नहीं क्यों..... -शफरी सफेद बादल कपास की गेंदों की तरह बिखरे हुए गहरे नीले आकाश में... जब भी देखती हूँ चाँद को इनके बीच में तुम्हारा पसंदीदा गीत गुनगुनाया करती
KP EDUCATION HD
KP NEWS for the same for me to get the same for me ©KP NEWS HD अफगानिस्तान को मैत जीतने के लिए 292 रन बनाने थे, लेकिन पूरी अफगान टीम 37.4 ओवर में 289 रनों पर सिमट गई. इस तरह श्रीलंका ने रोमांचक जीत दर्ज
vibrant.writer
एक जैसी गेंदों के बीच एक उल्टी गेंद जिसे कहते है गूगली। गुगली से बचने के चक्कर में सही गेन्दो को ठीक से नहीं खेला जाता, चुनौतियों से बचने के चक्कर में खुशियों को ठीक से नहीं जिया जाता। क्रिकेट और जिंदगी दोनों में अगर आदमी लंबा न सोचें, परिस्थिति के हिसाब से आगे बढ़ता रहे, तो क्रिकेट में रनों की सेंचुरी और जिंदगी में खुशियों की सेंचुरी पक्की है। #googly एक जैसी गेंदों के बीच एक उल्टी गेंद जिसे कहते है गूगली। गुगली से बचने के चक्कर में सही गेन्दो को ठीक से नहीं खेला जाता, चुनौतियों
Ruchi Rathore
Kajori Parial
खेल ज़िन्दगी से बड़ी शायद कोई खेल नहीं है। हौसलों की बल्ला थामे, कभी सुख तो कभी दुख की गेंदों का सामना कर, हर दिन हम अपनी पारी खेलते है। कभी सुख की छके - चौके मारते है हम, और कभी दुख हमारे छक्के छुराती है। सांझेदारी अगर मन की हो तो, मैदान में हम गड़ जाते है, और अगर डगमगाती तालमेल हो, हमारे पत्ते कट जाते है। सच बताऊं दोस्तो, ज़िन्दगी कट जाए खेल खेल में, यह चाह पूरी हो ना हो, ज़िन्दगी एक खेल और हम सब खिलाड़ी है, यह मान ले अगर तो रब की कसम, ज़िन्दगी सबसे ज्यादा रोमांचक खेल बन जाती है। खेल ज़िन्दगी से बड़ी शायद कोई खेल नहीं है। हौसलों की बल्ला थामे, कभी सुख तो कभी दुख की गेंदों का सामना कर, हर दिन हम अपनी पारी खेलते है। कभी
Aditya Meena
बचपन मे लगता था कि काश जल्दी बड़े हो जाये। अब बड़े होने पर लगता है काश फिर से बचपन मिल जाये यादें बचपन की 📺 📷 आज बच्चों को शोर मचाने दो कल जब ये बड़े हो जाएँगे ख़ामोश ज़िंदगी बिताएँगे हम-तुम जैसे बन जाएँगे गेंदों से तोड़ने दो
Saurav K. Jha
अम्फ़ान चक्रवात से बंगाल की तबाही के मंज़र को caption में लिखित कविता के माध्यम से देखने का प्रयास करें 👇 अम्फ़ान थी ख़बर जोरों का तूफ़ान आएगा, सब उड़ा कर संग अपने ले जाएगा। लोगों को आगाह पहले ही किया गया, फिर भी अपना सब कुछ न बचा पाया।
Andar Ki Awaaz
@Andar Ki Awaaz ©Andar Ki Awaaz कभी कभी हमारी आंखें घर की चौखट पर बैठकर घर की याद में रिस दिया करती हैं। उन आँसुयों से टकराकर सूरज की कई किरणें चौखट पर रोशनी बिखेर देती हैं
अरफ़ान भोपाली
वो मुसलमानों से डरता बहूत था 👇👇👇 READ IN CAPTION #वो_मुसलमानों_से_बहुत_डरता_था वो मुसलमानों से बहुत डरता था हालांकि उसे शाहरुख़ खान बहुत पसंद था उसके गालों में घुलता डिम्पल और उसकी दीवाली