Find the Latest Status about चढ़ाया जाता from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, चढ़ाया जाता.
Axar
Himanshu Prajapati
फुल चढ़ाया जाता है, FOOL बनाया भी जाता है..! ☺️☺️☺️☺️ ©Himanshu Prajapati फुल चढ़ाया जाता है, FOOL बनाया भी जाता है..! ☺️☺️☺️☺️ #Funny
ROHAN KUMAR SINGH
😳 #सावधान😳 ध्यान से देखिए। 👇 यही वह झाड़ है जिस पर #आदमी को #चढ़ाया जाता है.? (च
Ajayy Kumar Mahato
😳#सावधान😳 ध्यान से देखिए। यही वह झाड़ है जिस पर लोगों को चढ़ाया जाता है । #""Ajay""# 😜😜🤣🤣😂😂👻👻 😳#सावधान😳 ध्यान से देखिए। यही वह झाड़ है जिस पर आदमी को चढ़ाया जाता है । चने का झाड़।। देख लीजिए #comedy #nojotoquote #nojotocomedy keep #
Ankita Shukla
दादी की लोरी जहा नानी का प्यार होता है हर एक पल वो खाश होता हैं जब अपनो का साथ होता हैं दिल से दुआएँ निकलती हैं जहा बुजुर्गो का सम्मान होता है क्लेश कभी नहीं जहां दुर्गा का पाठ होता है जहां पिता को ईश्वर का रूप माता को गृहलक्ष्मी बताया जाता है नन्ही मुन्नी बच्चों को प्रणाम करना सिखाया जाता है नीम में महारानी जहा तुलसी में जल चढ़ाया जाता है पीपल में वासुदेव केले में विष्णु बताया जाता है अनाज का आदर किसानो को भगवान बताया जाता हैं हैं वो धन्य जमी वो धन्य आसमा जहा देव तुल्य ऋषि गढ़ का विचरण होता है जहां स्वर्ग से निकली नदियों को माँ उनके जल को अमृत मान जाता हैं ©Ankita Shukla #desert दादी की लोरी जहा नानी का प्यार होता है हर एक पल वो खाश होता हैं जब अपनो का साथ होता हैं दिल से दुआएँ निकलती हैं जहा बुजुर्गो का सम्
DR. SANJU TRIPATHI
चरित्र हर बार जमाने में पवित्रता की वेदी पर, सदा स्त्रियों को ही क्यों चढ़ाया जाता है? गलती चाहे किसी की भी रही होती हो, क्यों स्त्री के चरित्र पर संदेह किया जाता है? (👇👇शेष रचना अनुशीर्षक में पढ़े👇👇👇) चरित्र हर बार जमाने में पवित्रता की वेदी पर, सदा स्त्रियों को ही क्यों चढ़ाया जाता है? गलती चाहे किसी की भी रही होती हो, क्यों स्त्री के च
AB
" महागौरी " प्रफुल्ल वंदना पल्ल्वाधरां कातं कपोलां त्रैलोक्य मोहनम्। कमनीया लावण्यां मृणांल चंदनगंधलिप्ताम्॥ नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर मां महागौरी की पूजा की जाती है। मां महगौरी मां दुर्गा का आठवां स्वरूप है। इन्हें आठवीं शक्ति कहा जाता है। महागौरी
N S Yadav GoldMine
इस मंदिर को कई लोग रामायण काल के समय का बताते हैं इस मंदिर के इतिहास के बारे में जानिए !! 📯📯 {Bolo Ji Radhey Radhey} सांवेर के उलटे हनुमानजी :- 🏯 भारत की धार्मिक नगरी उज्जैन से केवल 30 किमी दूर स्थित है यह धार्मिक स्थान जहाँ भगवान हनुमान जी की उल्टे रूप में पूजा की जाती है। यह मंदिर साँवरे नामक स्थान पर स्थापित है इस मंदिर को कई लोग रामायण काल के समय का बताते हैं। मंदिर में भगवान हनुमान की उलटे मुख वाली सिंदूर से सजी मूर्ति विराजमान है। 🏯 सांवेर का हनुमान मंदिर हनुमान भक्तों का महत्वपूर्ण स्थान है यहाँ आकर भक्त भगवान के अटूट भक्ति में लीन होकर सभी चिंताओं से मुक्त हो जाते हैं। यह स्थान ऐसे भक्त का रूप है जो भक्त से भक्ति योग्य हो गया। इस मंदिर की खासियत यह है कि इसमें हनुमानजी की उलटी मूर्ति स्थापित है। और इसी वजह से यह मंदिर उलटे हनुमान के नाम से मालवा क्षेत्र में प्रसिद्ध है। 👈 पौराणिक कथा :- 🏯 यहाँ के लोग एक पौराणिक कथा का जिक्र करते हुए कहते हैं कि जब कहा जाता है कि जब रामायण काल में भगवान श्री राम व रावण का युद्ध हो रहा था, तब अहिरावण ने एक चाल चली. उसने रूप बदल कर अपने को राम की सेना में शामिल कर लिया और जब रात्रि समय सभी लोग सो रहे थे,तब अहिरावण ने अपनी जादुई शक्ति से श्री राम एवं लक्ष्मण जी को मूर्छित कर उनका अपहरण कर लिया। वह उन्हें अपने साथ पाताल लोक में ले जाता है। जब वानर सेना को इस बात का पता चलता है तो चारों ओर हडकंप मच जाता है। सभी इस बात से विचलित हो जाते हैं। 🏯 इस पर हनुमान जी भगवान राम व लक्ष्मण जी की खोज में पाताल लोक पहुँच जाते हैं और वहां पर अहिरावण से युद्ध करके उसका वध कर देते हैं तथा श्री राम एवं लक्ष्मण जी के प्राँणों की रक्षा करते हैं। उन्हें पाताल से निकाल कर सुरक्षित बाहर ले आते हैं। 🏯 ऐसी मान्यता है कि यही वह स्थान है, जहाँ से हनुमानजी ने पाताल लोक जाने हेतु पृथ्वी में प्रवेश किया था। जहाँ से हनुमान जी पाताल लोक की और गए थे। उस समय हनुमान जी के पाँव आकाश की ओर तथा सर धरती की ओर था जिस कारण उनके उल्टे रूप की पूजा की जाती है। 🏯 साँवेर के उलटे हनुमान मंदिर में श्रीराम, सीता, लक्ष्मणजी, शिव-पार्वती की मूर्तियाँ हैं। मंगलवार को हनुमानजी को चौला भी चढ़ाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि तीन मंगलवार, पाँच मंगलवार यहाँ दर्शन करने से जीवन में आई कठिन से कठिन विपदा दूर हो जाती है। कहते हैं भक्ति में तर्क के बजाय आस्था का महत्व अधिक होता है। यहाँ प्रतिष्ठित मूर्ति अत्यन्त चमत्कारी मानी जाती है। यहाँ कई संतों की समाधियाँ हैं। सन् 1200 तक का इतिहास यहाँ मिलता है। 🏯 उलटे हनुमान मंदिर परिसर में पीपल, नीम, पारिजात, तुलसी, बरगद के पेड़ हैं। यहाँ वर्षों पुराने दो पारिजात के वृक्ष हैं। पुराणों के अनुसार पारिजात वृक्ष में हनुमानजी का भी वास रहता है। मंदिर के आसपास के वृक्षों पर तोतों के कई झुंड हैं। इस बारे में एक दंतकथा भी प्रचलित है। तोता ब्राह्मण का अवतार माना जाता है। हनुमानजी ने भी तुलसीदासजी के लिए तोते का रूप धारण कर उन्हें भी श्रीराम के दर्शन कराए थे। 🏯 नगर के साँवरे क्षेत्र में विश्व प्रसिद्ध पाताल विजय हनुमानन की उलटी प्रतिमा स्थापित है। यहां ऐसी हनुमानजी की दुर्लभ प्रतिमा है जो बहुत ही कम देखने को मिलती है। लोकप्रिय और पुरातन मंदिर होने के कारण हनुमानजी के प्रति श्रद्धा रखने वाले श्रद्धा रखने वाले लोग दूर-दूर से यहां आते हैं और रामभक्त हनुमानजी उनकी मनोकामना पूरी करते हैं। 👉 Rao Sahab N S Yadav... ©N S Yadav GoldMine #mahashivaratri इस मंदिर को कई लोग रामायण काल के समय का बताते हैं इस मंदिर के इतिहास के बारे में जानिए !! 📯📯 {Bolo Ji Radhey Radhey} सांवेर
PARBHASH KMUAR
अभिषेकात्मक अनुष्ठान, सदा शिव की आराधना एवं स्तुति में विशेष महत्व रखता है। लेकिन क्या आपको पता है, शिवलिंग का जलाभिषेक क्यों किया जाता है? ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव को जल बहुत प्रिय है। यही कारण है, कि मंदिरों में शिवलिंग के ऊपर एक बर्तन लटका दिया जाता है, जिससे पानी टपकता रहता है। लेकिन इसके पीछे का कारण क्या है। इस प्रश्न के उत्तर के लिए लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें- शास्त्रों के अनुसार,शिवलिंग में मौजूद ऊर्जा को शीतलता देने के लिए जलाभिषेक किया जाता है, क्योंकि ऐसी मान्यता है की शिवलिंग पर जल चढ़ाने से वहां मौजूद नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है, लेकिन यहां किस शीतलता और ऊर्जा की बात हो रही है? बताते हैं, लेकिन उससे पहले एक पौराणिक कथा का ज़िक्र करते हैं। जब भगवान शिव ने विषपान किया था, तो उनका शरीर और मस्तिष्क गर्म हो गया था, तब देवताओं ने उनके ऊपर जल अभिषेक कर उन्हें शीतल किया। यहां मस्तिष्क गर्म होने से आज के दौर में अभिप्राय है, हमारी नकारात्मक सोच और नकारात्मक भाव। और यहां जल चढ़ाकर शीतल करने का अर्थ है, नकारात्मक शक्तियों को मन और मस्तिष्क के भीतर से बहाकर बाहर कर दिया जाए और स्वयं को शीतल किया जाए। आपने देखा होगा की जब आपको गुस्सा आता है, तो आपको पानी पीने की सलाह दी जाती है, चाय या कॉफ़ी पीने की सलाह क्यों नहीं दी जाती? क्योंकि पानी पीने से आपका मन और मस्तिष्क शांत हो जाता है। आपको मालूम होगा की मनुष्य के माथे में मध्य में आज्ञाचक्र होता है, जो पिंगला और इंडा नाड़ियों के मिलने का स्थान होता है और वहीं से आपके सोचने और समझने की क्षमता संचालित होती है, आयुर्वेद की चिकित्सा में भी, शिरोधारा मस्तिष्क को शांत करती है और हमारे शरीर में मौजूद 5 तत्व- पृथ्वी , जल, अग्नि, वायु, और आकाश, अंदर के तत्वों को विनियमित करते हैं। लेकिन इन तत्वों को संतुलित करने के लिए मन का शांत और शीतल होना ज़रूरी है। यह तभी संभव है, जब आप ओंकार का ध्यान करते हैं, जिससे आपके शरीर की ऊर्जा और मौजूद तत्व संतुलित हो जाते हैं। यही शांत मन ही तो शिव का स्थान है, और यही सकारात्मक ऊर्जा हमें, हमारे मन और सोच को शांत रखने में सहायक होती है। हम जल तो भौतिक स्तर पर डालते हैं, लेकिन वास्तव में यह जल हम अपने भीतर मौजूद सूक्ष्म स्तर पर डालते हैं। जो हमें एक स्वस्थ और उन्नत भविष्य की ओर ले जाता है। यही कारण है कि,भगवान शिव पर जल चढ़ाया जाता है, जो उनको शीतलता प्रदान करती है और जो हमारे अंतर्मन को भी शीतलता का अनुभव कराती है और उन्हें जागृत करने में हमारी मदद करती है । क्योंकि जीवन में सबसे अहम पल वो होता है जब हम अपनी ताकत को पहचान लेते हैं। तो चलिए, अपने जीवन के दुःख दर्द भोले शंकर के पास छोड़ दें। वो भोले हैं, शक्तियों का स्रोत हैं, सभी के जीवन में खुशियों का संचार करेंगे। श्रावण माह में आप भी भगवान शिव का अभिषेक कर अपने भीतर के शिवमय वातावरण को जागृत करें। ©parbhashrajbcnegmailcomm अभिषेकात्मक अनुष्ठान, सदा शिव की आराधना एवं स्तुति में विशेष महत्व रखता है। लेकिन क्या आपको पता है, शिवलिंग का जलाभिषेक क्यों किया जाता है?
Raveena
एक कहानी.... कौन सा धर्म.. कहा है न्याय? #कलियुग का धर्म# #इंसाफ का हकदार कौन है?# * एक छोटी से गांव से गुजरता हुआ हर रोज़ एक ही रेलगाड़ी जाती थी। उस रास्ते में तीन लाइन के पटरी थे।